सरगुजा: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया कल पूरी हो जाएगी. वहीं चुनाव आयोग ने अब दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरु कर दी है. अधिसूचना प्रकाशन के साथ ही नाम निर्देशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. लेकिन हैरानी की बात है कि संभाग की दो सीटों पर कांग्रेस और भाजपा अपने उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. दावेदारों की लम्बी सूची और उठापटक की वजह से अंबिकापुर विधानसभा से भाजपा और बैकुंठपुर विधानसभा से कांग्रेस अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है.
बीजेपी कांग्रेस में टिकट को लेकर माथापच्ची: सरगुजा संभाग की 14 सीटों की बात की जाए, तो दोनों ही पार्टियों ने 13-13 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस बार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. भाजपा ने सरगुजा संभाग की कई सीटों पर सबसे पहले प्रत्याशी घोषित किए. जबकि कांग्रेस को प्रत्याशी घोषित करने में लंबा समय लग गया. इस बीच प्रत्याशी तय करने में हो रही लेटलतीफी की वजह से चुनाव को लेकर लोगों की उत्सुकता भी कम होने लगी है.
बैकुंठपुर सीट को लेकर फंसी कांग्रेस: कांग्रेस की ओर से बैकुंठपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है. इस सीट से वर्तमान में कांग्रेस से अम्बिका सिंहदेव विधायक है. उनके टिकट कटने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन पार्टी नए चेहरे को मौका देने या पुराने प्रत्याशी को उतारने को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. बड़ी बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने अपने सर्वे के आधार पर चार वर्तमान विधायकों के टिकट को परफॉर्मेंस के आधार पर काट दिया है. वर्तमान विधायकों के टिकट काटने का निर्णय लेने में ही पार्टी को लंबा समय लगा. यही वजह है कि प्रत्याशियों की सूची आने में देरी हुई.
अंबिकापुर सीट पर भाजपा से प्रत्याशी घोषित नहीं: वहीं भाजपा की बात की जाए, तो अंबिकापुर विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से कोई प्रत्याशी घोषित नहीं हो पाया है. जबकि इस सीट पर भाजपा का सामना प्रदेश के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से है. ऐसे में बीजेपी में सिंहदेव को टक्कर दे सके, ऐसे उम्मीदवार की खोज पूरी नहीं हुई है. इस वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं का सब्र भी जवाब देने लगा है. अम्बिकापुर में हार के पिछले आंकड़ों को देखने के बाद भाजपा अपने प्रत्याशी को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है. जबकि नाम निर्देशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव में ज्यादा समय भी नहीं बचा है. भाजपा में भी कई बड़े नेता टिकट की दावेदारी कर रहे है. वहीं दूसरी ओर संभावित प्रत्याशियों का विरोध भी संगठन में किया जा रहा है. इसी खींचतान के कारण भाजपा अब तक अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतार पाई है. शनिवार को ही दोनों पार्टियों से प्रत्याशी घोषणा की उम्मीद जताई जा रही थी. लेकिन अब तक दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं हो पाए है.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. पहले चरण के तरह नक्सल प्रभावित 20 सीटों पर 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. बाकि के शेष 70 सीटों पर 17 नवंबर को वोटिंग होगी. अंबिकापुर जिले सहित पूरे सरगुजा संभाग में दूसरे चरण में 17 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के सभी सीटों के नतीजे आएंगे.