ETV Bharat / sports

इंडोनेशिया से पहले भी फुटबॉल में दर्ज हो चुका है काला दिन, यहां देखें पांच बड़ी त्रासदी

मैच इंडोनेशिया के एक बड़े स्टेडियम में अरेमा (Arema FC) और परसेबाया (Persebaya) क्लब के बीच खेला जा रहा था. पूरा स्टेडियम दोनों ही टीमों के समर्थकों से खचाखच भरा था, लेकिन तभी एक टीम हार गई और इसे लेकर दोनों ही टीमों के फैंस के बीच झगड़ा शुरू हो गया.

football match in Indonesia  174 people killed  Arema FC vs Persebaya  Persebaya beat arema  इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच  174 लोग मारे गए  अरेमा बनाम परसेबाया  परसेबाया ने अरेमा को हराया  Arema FC  Persebaya  फुटबॉल मैच में हार से गुस्साई भीड़ ने किया हमला  इंडोनेशिया  Indonesia
football match in Indonesia
author img

By

Published : Oct 2, 2022, 3:59 PM IST

जकार्ता : इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के मलंग में एक फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ और झड़प में कम से कम 174 लोगों की मौत हो गई और 180 अन्य घायल हो गए. इंडोनेशियाई पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय पुलिस प्रमुख निको अफिंटा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शनिवार की देर शाम कांजुरुहान स्टेडियम में अरेमा मलंग क्लब (Arema FC) और परसेबाया (Persebaya) सुरबाया के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें अरेमा को 2-3 से हार का मुंह देखना पड़ा.

टीम की हार के बाद गुस्साए फैंस मैदान में घुस आए, जिससे अराजकता फैल गई. इस दौरान दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई है. अफिंटा ने कहा कि शुरूआती जांच में पता चला है कि ज्यादातर मौतें भगदड़ के कारण हुईं, जबकि अन्य लोगों की मौत सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई होगी. उन्होंने कहा, स्टेडियम के अंदर लगभग 34 लोगों की मौत हो गई और बाकी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा. बीबीसी ने रिपोर्ट दी है कि स्टेडियम में दर्शकों की 38 हजार की क्षमता से 4000 ज्यादा दर्शक मौजूद थे.

यह भी पढ़ें: जापान के मशहूर पहलवान एंटोनियो इनोकी का निधन

अरेमा मलंग क्लब और परसेबाया सुरबाया लम्बे समय से एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. परसेबाया सुराबाया के प्रशंसकों को हिंसा की आशंका के चलते टिकट खरीदने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. लेकिन मुख्य रक्षा मंत्री मह्फूड एमडी ने कहा कि मैच के लिए 42 हजार टिकट बेचे गए थे. यह भगदड़ स्टेडियमों में दुर्घटना की लम्बी सूची में एक और कड़ी है.

इंडोनेशिया में फुटबॉल मैचों में हिंसा कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी फुटबॉल के इतिहास में ऐसे ही कुछ बवाल हुए हैं, जिसमें कई दर्शकों ने अपनी जान गंवाई है.

नेशनल स्टेडियम लीमा, मौतें 320 -
फुटबॉल इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा डिजास्टर पेरू के नेशनल स्टेडियम में 1964 में हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 320 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. दरअसल 24 मई 1964 को अर्जेंटीना और पेरू के बीच मुकाबला खेला गया. ये दोनों ही टीमें टोक्यो ओलंपिक में जगह बनाने के लिए खेल रही थीं.

स्पोर्ट्स स्टेडियम घाना, मौतें 126 -
9 मई 2001 को हुई इस घटना में 126 लोगों की जानें गई थी. यह घटना अकरा स्पोर्ट्स स्टेडियम में हार्ट्स ऑफ ओक और असांटे कोटोको के बीच मैच के दौरान घटी. पुलिस ने कुछ अनियंत्रित प्रशंसकों पर आंसू गैस के गोले दागे जिससे पूरे स्टेडियम में अशांति फैल गई. 70,000 लोगों ने तुरंत स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश की, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई और 126 लोग मारे गए.

शेफील्ड स्टेडियम इंग्लैंड, मौतें 96 -
15 अप्रैल 1989 को इंग्लैंड के शेफील्ड स्टेडियम में हुई घटना में 96 लोगों की मौत हो गई थी. हिल्सबोरो की यह घटना इंग्लैंड की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है और इसे अंग्रेजी फुटबॉल का काला दिन माना जाता है. तब लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच एफए कप मैच के दौरान यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई.

नेशनल स्टेडियम ग्वाटेमाला, मौतें 80 -
16 अक्टूबर 1996 को फुटबॉल मैच के दौरान हुए इस हादसे में 80 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई थीं. यह घटना ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका के बीच विश्व कप क्वालीफाइंग मैच से पहले हुई थी.

बेल्जियम में 39 लोगों की गई थी जान -
बेल्जियम के हेसेल स्टेडियम में 1985 में एक ऐसा ही बड़ा बवाल हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 39 लोगों ने जान गंवाई थी. जबकि भारी संख्या में लोग घायल हुए थे. हेसेल स्टेडियम में हुआ यह बवाल 1970 और 1980 के दशक का सबसे बड़ा मामला रहा था.

जकार्ता : इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के मलंग में एक फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ और झड़प में कम से कम 174 लोगों की मौत हो गई और 180 अन्य घायल हो गए. इंडोनेशियाई पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय पुलिस प्रमुख निको अफिंटा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शनिवार की देर शाम कांजुरुहान स्टेडियम में अरेमा मलंग क्लब (Arema FC) और परसेबाया (Persebaya) सुरबाया के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें अरेमा को 2-3 से हार का मुंह देखना पड़ा.

टीम की हार के बाद गुस्साए फैंस मैदान में घुस आए, जिससे अराजकता फैल गई. इस दौरान दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई है. अफिंटा ने कहा कि शुरूआती जांच में पता चला है कि ज्यादातर मौतें भगदड़ के कारण हुईं, जबकि अन्य लोगों की मौत सांस लेने में तकलीफ के कारण हुई होगी. उन्होंने कहा, स्टेडियम के अंदर लगभग 34 लोगों की मौत हो गई और बाकी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा. बीबीसी ने रिपोर्ट दी है कि स्टेडियम में दर्शकों की 38 हजार की क्षमता से 4000 ज्यादा दर्शक मौजूद थे.

यह भी पढ़ें: जापान के मशहूर पहलवान एंटोनियो इनोकी का निधन

अरेमा मलंग क्लब और परसेबाया सुरबाया लम्बे समय से एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. परसेबाया सुराबाया के प्रशंसकों को हिंसा की आशंका के चलते टिकट खरीदने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. लेकिन मुख्य रक्षा मंत्री मह्फूड एमडी ने कहा कि मैच के लिए 42 हजार टिकट बेचे गए थे. यह भगदड़ स्टेडियमों में दुर्घटना की लम्बी सूची में एक और कड़ी है.

इंडोनेशिया में फुटबॉल मैचों में हिंसा कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी फुटबॉल के इतिहास में ऐसे ही कुछ बवाल हुए हैं, जिसमें कई दर्शकों ने अपनी जान गंवाई है.

नेशनल स्टेडियम लीमा, मौतें 320 -
फुटबॉल इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा डिजास्टर पेरू के नेशनल स्टेडियम में 1964 में हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 320 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. दरअसल 24 मई 1964 को अर्जेंटीना और पेरू के बीच मुकाबला खेला गया. ये दोनों ही टीमें टोक्यो ओलंपिक में जगह बनाने के लिए खेल रही थीं.

स्पोर्ट्स स्टेडियम घाना, मौतें 126 -
9 मई 2001 को हुई इस घटना में 126 लोगों की जानें गई थी. यह घटना अकरा स्पोर्ट्स स्टेडियम में हार्ट्स ऑफ ओक और असांटे कोटोको के बीच मैच के दौरान घटी. पुलिस ने कुछ अनियंत्रित प्रशंसकों पर आंसू गैस के गोले दागे जिससे पूरे स्टेडियम में अशांति फैल गई. 70,000 लोगों ने तुरंत स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश की, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई और 126 लोग मारे गए.

शेफील्ड स्टेडियम इंग्लैंड, मौतें 96 -
15 अप्रैल 1989 को इंग्लैंड के शेफील्ड स्टेडियम में हुई घटना में 96 लोगों की मौत हो गई थी. हिल्सबोरो की यह घटना इंग्लैंड की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है और इसे अंग्रेजी फुटबॉल का काला दिन माना जाता है. तब लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच एफए कप मैच के दौरान यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई.

नेशनल स्टेडियम ग्वाटेमाला, मौतें 80 -
16 अक्टूबर 1996 को फुटबॉल मैच के दौरान हुए इस हादसे में 80 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई थीं. यह घटना ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका के बीच विश्व कप क्वालीफाइंग मैच से पहले हुई थी.

बेल्जियम में 39 लोगों की गई थी जान -
बेल्जियम के हेसेल स्टेडियम में 1985 में एक ऐसा ही बड़ा बवाल हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें करीब 39 लोगों ने जान गंवाई थी. जबकि भारी संख्या में लोग घायल हुए थे. हेसेल स्टेडियम में हुआ यह बवाल 1970 और 1980 के दशक का सबसे बड़ा मामला रहा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.