रायपुर: छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. इसके लिए विभिन्न सड़क का निर्माण किया जाना है. लोक निर्माण और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राम वन गमन पथ के निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है. इस पथ की कुल लम्बाई 2 हजार 260 किलोमीटर है. इसमें से 748 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसमें मरम्मत की जरूरत नहीं है. कार्ययोजना में 706 किलोमीटर राज्य मार्ग और 395 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग में से 121 किलोमीटर एडीबी परियोजना के अंतर्गत बनाया जाएगा. इसी तरह 123 किलोमीटर ग्रामीण मार्ग छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के अंतर्गत, 243 किलोमीटर सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत और 45 किलोमीटर सड़क वन विभाग बनाएगा.
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मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के लिए प्रदेश के 9 स्थलों का चयन किया गया है. इसके लिए 137 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत का एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है. इन स्थलों को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है.
इन स्थानों का किया गया था चयन
- सीतामढ़ी-हरचौका जिला कोरिया
- रामगढ़ जिला सरगुजा
- शिवरीनारायण जिला जांजगीर-चांपा
- तुरतुरिया जिला बलौदाबाजार
- चंदखुरी जिला रायपुर
- राजिम जिला गरियाबंद
- सिहावा-सप्तऋषि आश्रम जिला धमतरी
- जगदलपुर जिला बस्तर
- रामाराम जिला सुकमा
राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए राज्य शासन ने वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है. पर्यटन मंत्री ने बताया कि राम वन गमन पथ निर्माण कार्ययोजना की कुल लम्बाई 2 हजार 260 किलोमीटर है. इसमें शामिल प्रमुख स्थल सीतामढ़ी-हरचौका, कोटाडोल, सोनहत, बैकुंठपुर-जटाशंकर गुफा, सूरजपुर-विश्रामपुर, रामगढ़, मैनपाट, सीतापुर, पत्थलगांव, धरमजयगढ़, रामझरना, चंद्रपुर, शिवरीनारायण-मल्हार, कसडोल, तुरतुरिया, सिरपुर, राजिम-अतरमरा, रूद्री, सीतानदी, सिहावा, कांकेर-जुनवानी, नारायणपुर, बारसूर-गीदम-दंतेवाड़ा, चित्रकोट, नारामपाल, मधुपुरी, जगदलपुर, तीरथगढ़, कुटुमसर, इंजरम और कोंटा शामिल है.