रायपुर: नवरात्रि व्रत के दौरान एनर्जी से भरपूर रहने के लिए एक हेल्दी खाद्य पदार्थ है कुट्टू का आटा. कुट्टू का आटा सेहत के लिए अच्छा होने के साथ ही फायदेमंद भी होता है. नवरात्र में व्रतधारी ज्यादातर कुट्टू का आटा इस्तेमाल करते हैं. कुट्टू अनाज या फल नहीं है, बल्कि यह एक तरह का पौधा है. जिससे आटा बनाई जाता है. shardiya navratri 2022
कुट्टू से बनाये जाते हैं कई तरह के व्यंजन: कुट्टू के आटे से कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं. कुट्टू के आटे से कुट्टू के पराठे, पकोड़े, पुड़ी और चीला भी बनाया जाता है. भारत में अधिकांश लोग व्रत के दौरान कुट्टू के आटे से बने व्यंजन को फलाहार के रूप में ग्रहण करते हैं.
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कुट्टू ना ही वनस्पति है और ना ही अनाज है: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "कुट्टू एक प्रकार का जंगली पौधा है. इसकी बहुत से नस्लें हैं. कुट्टू पौधे के सफेद फूल से निकलने वाले बीज को पीसकर इसका आटा तैयार किया जाता है. जिसे आमतौर पर सभी लोग कुट्टू का आटा बोलते हैं. इसे खासतौर पर व्रत में इसलिए इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि ना ही यह अनाज है और ना ही वनस्पति है. बल्कि एक घास परिवार का सदस्य है. आमतौर पर लोग इसे फलाहार मानकर इसका इस्तेमाल करते हैं.
कुट्टू का दवाई बनाने में भी होता है उपयोग: वनस्पति विज्ञान के मुताबिक यह पालीगोनाइसी फैमिली का होता है. अंग्रेजी में कुट्टू को बकव्हीट के नाम से जानते है. कुट्टू का इस्तेमाल केवल व्रत में नहीं होता, बल्कि इसका उपयोग दवाई बनाने में भी किया जाता है."
कुट्टू में होती है अधिक मात्रा में ग्लूकोस और कार्बोहाइड्रेट: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "कुट्टू का आटा में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोस की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. कुट्टू के आटे को 1 महीना से अधिक समय तक रखने पर यह जहरीला भी हो सकता है. कुट्टू का आटा 100% फलाहारी है. इसका सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए."