रायपुर: छत्तीसगढ़ में जवानों ने साल 2021 में लगभग 50 टॉप नक्सलियों को मार गिराया है. नक्सल उन्मूलन गतिविधियों का भी फायदा मिल रहा है. साल 2021 में 555 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. यही वजह है कि नक्सली लोगों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. बस्तर में नक्सली आए दिन ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं. उन पर मुखबिरी का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर रहे हैं.
एक नजर बीते दिनों बस्तर की नक्सली घटनाओं पर. (Naxalite incidents in Bastar)
- 7 JAN- बीजापुर के गंगापुर थाना क्षेत्र के ग्राम एडनार में मुखबिरी के शक में तीन ग्रामीणों की हत्या (Murder on suspicion of informer in Bijapur)
- 2 JAN- बीजापुर में नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में पूर्व रोजगार सहायक की हत्या की
- 3 JAN-कांकेर के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्राम बदरंगी के मुर्गा बाजार में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने युवक की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी.
- 31 DEC- राजनांदगांव में मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या की
- 18 DEC- दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने जनप्रतिनिधियों को जान से मारने की धमकी दी
बस्तर में कमजोर पड़ा रहा नक्सली संगठन (Naxalite organization remained weak in Bastar)
बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहा है. यही वजह है कि नक्सली भोले-भाले ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं. नक्सलियों की सबसे जरूरी सप्लाई चेन (Naxali Supply Chain in Bastar) को भी तोड़ने में बस्तर पुलिस को सफलता मिल रही है. बस्तर के नक्सली छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के नक्सलियों के भरोसे चल रहे हैं. दिसंबर 2021 में सरेंडर करने वाले इनामी नक्सली दंपति (Prize naxalite couple) ने इस बात का खुलासा किया था.
सरेंडर नक्सली पोज्जा उर्फ संजू माड़वी ने बताया था कि बस्तर में नक्सली संगठन अनाज, दवा और कोविड वैक्सीन के लिए तरस रहे हैं. इन सभी जरूरी चीजों को छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र से मंगाया जा रहा है. पिछले कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन की सप्लाई चेन कमजोर पड़ गई है. बड़े नक्सली लीडर्स आंध्रप्रदेश के सप्लाई चेन से संपर्क कर वहां से अनाज और दवाइयां मंगा रहे हैं.
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को ध्वस्त कर रही पुलिस
बीते 2 सालों से नक्सल विरोधी अभियान के तहत जिला पुलिस बल और बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बल नक्सलियों के सप्लाई चेन को तोड़ने में खास नजर बनाए हुए हैं. 2 सालों में नक्सलियों तक रसद और जरूरी सामान, दवाएं पहुंचाने वाले शहरी नेटवर्क को पुलिस ने ध्वस्त किया है. कई लोगों की गिरफ्तारी भी की है, जो नक्सलियों के लिए सप्लाई का काम करते थे.
छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती इलाकों में चेक पोस्ट नाका बनाकर जवानों को 24 घंटे तैनात करने और बाहरी व्यक्तियों की जांच पड़ताल करने की वजह से नक्सलियों तक जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है. नक्सली अपने हथियार, गोला बारूद, रसद और जरूरी सामान शहरी नेटवर्क के माध्यम से अपनों तक पहुंचाते हैं. कोरोना काल के दौरान इसी शहरी नेटवर्क के भरोसे होने की वजह से सबसे पहले पुलिस ने शहरी नेटवर्क के सप्लाई चेन को तोड़ने का प्रयास किया और काफी हद तक सफल भी हुई.