रायपुर : 7 महीनों के लंबे इंतजार के बाद नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) की सामान्य सभा हंगामे और बहस के साथ शुरू हुई. शुरुआत में दो निर्दलीय पार्षदों ने बैठक व्यवस्था को लेकर आपत्ति जताई. आपत्ति के साथ दोनों पार्षद सदन में जमीन पर ही बैठ गए. बैठक व्यवस्था को विपक्ष ने मुद्दा बनाते हुए घंटे भर तक बहस की. महापौर एजाज ढेबर और सभापति प्रमोद दुबे ने नाराज पार्षदों को समझाने की कोशिश की. इसके बाद भी बात नहीं बनी. सामान्य सभा 27 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
काफी समय बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. पहले के सामान्य विषयों पर पुष्टि काल में चर्चा हुई. इस दौरान पक्ष-विपक्ष के पार्षद अपने फोन पर ही व्यस्त नजर आए. तय समय से काफी देर बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ, जिसमें जमकर बहस देखने को मिली. विपक्ष ने 'तुंहर सरकार तुंहर द्वार' अभियान के खर्चे को लेकर सवाल उठाया. इस अभियान के दौरान आए आवेदनों पर जमकर बहस भी हुई. विपक्ष ने सवाल उठाते हुए इस योजना को फेल करार कर दिया. सत्तापक्ष भी इस दौरान अभियान की तारीफ करने नजर आया.
नामकरण पर हुआ हंगामा
भोजन अवकाश के बाद सदन में चौक-चौराहों के नामकरण के मुद्दे पर विपक्ष ने एक बार फिर जमकर हंगामा किया.शहर के चौराहे और सड़कों के नामकरण के 12 प्रस्ताव लाए गए जिस पर जमकर बहस हुई. बीजेपी पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनसे बिना सहमति लिए चौराहों का नामकरण किया जा रहा है वहीं कुछ ऐसे राजनीति से जुड़े लोगों के नाम पर चुनाव का नामकरण किया जा रहा है जिनका समाज के लिए कोई विशेष योगदान नहीं है लेकिन कांग्रेसी पार्षदों की संख्या बल ज्यादा होने के कारण ये प्रस्ताव भी पास कर दिया गया.
चौपाटी पर बवाल
नामकरण के प्रस्तावों के बाद नगर निगम के उद्यानों को की 5% जमीन चौपाटी बनाने के लिए देने का प्रस्ताव लाया गया जिस पर जोरदार हंगामा हुआ. भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि वैसे में उद्यानों में टहलने आए लोगों को परेशानी होगी और साथ में गंदगी फैल जाएगी. गार्डन के अंदर असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा होगा. लगभग डेढ़ घंटे की बहस के बाद कांग्रेसी परिषद के वोट की संख्या के आधार पर इसे भी पास कर दिया गया.
सड़कों की सफाई को लेकर विरोध
प्रस्तावों पर चर्चा करते तक शाम के लगभग 7:00 बज चुके थे अंत में शहर की सड़कों की सफाई हर महीने 92 लाख रुपए की खर्च वाले टेंडर कराने का प्रस्ताव लाया गया. जिस पर बीजेपी समेत कई कांग्रेसी पार्षदों ने आपत्ति जताई और सवाल खड़े किए कि टेंडर की शर्तों को सार्वजनिक नहीं किया गया है..पार्षदों ने कहा कि मशीन से सफाई पर बेरोजगारी बढ़ेगी, हर महीने 1 करोड़ रुपए खर्च करना ही है तो स्थानीय लोगों को काम दिया जाए. बीजेपी पार्षदों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, लेकिन संख्या के आधार पर इसे भी पास कर दिया गया.
धर्मांतरण पर मचा बवाल
रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा में धर्मांतरण पर जमकर बवाल मचा है. यहां मदर टेरेसा आश्रम के पास प्रतिमा लगाने पर बीजेपी पार्षद ने जमीन के सीमांकन की मांग की है. बीजेपी पार्षद विश्वदिनी पांडे ने आसपास के इलाकों में धर्मांतरण का आरोप लगाया है. इस मुद्दे पर जमकर बहस हुई है. सामान्य सभा में 11 नामांकरण के प्रस्ताव पारित हुए हैं.
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मंगलवार को गोल बाजार की दुकानों को उनके कब्जाधारियों का हस्तांतरित करने के विषय पर चर्चा की जाएगी. सामान्य सभा के बाद नेता प्रतिपक्ष और मीनल चौबे और भाजपा पार्षद ने आरोप लगाया कि महापौर संख्या बल के आधार पर मनमानी कर रहे हैं और जनहित विरोधी फैसले ले रहे हैं. जिस पर उन्हें सिर्फ राजस्व और कमाई दिख रही है. महापौर ने कहा कि क्या एजेंडा लाने है क्या नहीं लाने हैं ये भाजपा पार्षदों से पूछने की जरूरत नहीं है. भाजपा पार्षद अनावश्यक ही विरोध कर आपत्ति दर्ज करते हैं.