रायपुर : शिक्षक भर्ती (teacher recruitment in chhattisgarh) की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड और बीएड संगठन गुरुवार को सड़क पर उतरा. धरना प्रदर्शन के बाद चयनित अभ्यर्थी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया. कैंडिडेट्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अभ्यर्थियों का कहना है कि वे नियुक्ति का इंतजार करते-करते थक गए हैं. उनके सामने पेट पालने और परिवार चलाने की परेशानी है. उनका कहना है कि सरकार ने वादाखिलाफी की है.
साल 2019 में चयन होने के बाद भी नहीं हो पाई स्कूलों में भर्ती
बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर लगभग 3000 अभ्यर्थियों ने रैली निकाली. शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर धरना दे रहे इन अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका चयन साल 2019 में हुआ था. लेकिन प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती नहीं की. बेरोजगारी की मार झेल रहे कई ने आत्महत्या तक कर ली. बावजूद इसके सरकार ने अब तक इन अभ्यर्थियों को किसी भी स्कूल में ज्वॉइनिंग नहीं दी है. पेट पर जब लात पड़ती है तो किसी की बात बर्दाश्त नहीं होती. ढाई साल से इंतजार करते-करते कई लोगों ने जान दे दी. सरकार ने वादाखिलाफी की है.
शिक्षक भर्ती पर रोक क्यों ?
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि कोरोना काल में जब कई तरह की भर्तियां हो रही हैं तो शिक्षक भर्ती सरकार क्यों नहीं कर रही है ? पूरे प्रदेश में 14 हजार 580 शिक्षकों की भर्ती होनी है.सरकार ने अब तक इन चयनित अभ्यर्थियों की भर्ती नहीं की है. जिसके विरोध में उन्होंने रैली निकाल कर विरोध जताया. अभ्यर्थियों ने कहा कि वे मांग नहीं कर रहे हैं. नियुक्ति उनका अधिकार है. सरकार नियुक्ति न देकर छलावा कर रही है.
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया: आवेदन के 2 साल बाद भी नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थी
छत्तीसगढ़ में अधिकार नियुक्ति यात्रा
इन अभ्यर्थियों के समर्थन में एक छात्र नंदकिशोर साइकिलिंग करते हुए पूरे छत्तीसगढ़ में लगभग 1458 किलोमीटर की अधिकार नियुक्ति यात्रा निकाल चुका है. यात्रा कर नंद किशोर ने इन अभ्यर्थियों को अपना समर्थन दिया. छात्र नंद किशोर का कहना है कि शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे इन अभ्यर्थियों का मनोबल बढ़ाया जा सके इसलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के 5 संभाग में साइकिल से अपनी यात्रा पूरी की है.
प्रशिक्षित डीएड, बीएड संघ की शिक्षा मंत्री से मुलाकात रही बेनतीजा
ये था मामला ?
स्कूल शिक्षा विभाग लाखों रुपये खर्च कर पहले ही तमाम अभ्यर्थियों का सत्यापन करा चुका है. सरकार ने कोरोना काल में भर्ती पर रोक लगा दी थी. अभ्यर्थियों की सूची भी तैयार हो चुकी थी. इसके बाद भी दोबारा कागजात की जांच पड़ताल की गई. स्कूल शिक्षा विभाग विभिन्न संवर्गों में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने की प्रक्रिया की है. इसके लिए मार्च 2019 में विज्ञापन जारी किया गया था. छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल (छत्तीसगढ़ व्यापम) ने मई में परीक्षा ली थी. विभिन्न वर्गों के परिणाम 30 सितंबर से लेकर 22 नवंबर 2019 तक जारी किए गए थे.
छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के दौरान नई सरकारी नौकरियों के लिए पहले ही गिनी चुनी भर्तियां निकली हैं. ऐसे में पहले से ही स्कूल शिक्षा विभाग में खाली पड़े 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जो लंबित है, इसे पूरा करने के लिए अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. बीते दिनों शिक्षक संवर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से किए जा रहे आंदोलन के बाद उन पर FIR भी कर दी गई थी. बाद में सरकार ने बैकफुट पर आते हुए स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) को जल्द से जल्द भर्ती करने का आदेश दिया. लेकिन भर्ती प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है.
पदों का विवरण
- कुल पदों की संख्या: 14 हजार 580
- व्याख्याता शिक्षक: 3 हजार 177
- सहायक शिक्षक: 4 हजार
- शिक्षक: 5 हजार 441
- प्रयोगशाला शिक्षक: 1 हजार 200
- अंग्रेजी माध्यम शिक्षक: 456
- अंग्रेजी कला शिक्षक: 306
एक नजर में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की जानकारी
- परीक्षा परिणाम 1 अक्टूबर 2019 से लेकर 21-11-2019
- मेरिट लिस्ट वेरिफिकेशन 5-11- 2019 से लेकर 5- 2- 2020
- दावा आपत्ति 25- 11-2019 से लेकर 30-11- 2019
- इसके बाद दोबारा वेरिफिकेशन की प्रक्रिया.