रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र(chhattisgarh assembly monsoon session) हंगामेदार होने के आसार नजर आ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह(Former Chief Minister Raman Singh) ने कहा कि प्रदेश में बड़ी समस्या किसानों की है. वे खाद- बीज के लिए परेशान हैं. किसानों को डीएपी और यूरिया नहीं मिल पा रहा है. अन्नदाताओं को जो मदद मिलनी चाहिए, उसे देने में सरकार पूरी तरह से असफल है. रमन सिंह ने बताया कि सत्र के पहले दिन किसानों के मुद्दे(farmers issues) पर विपक्ष सरकार से सवाल करेगा.
रमन सिंह ने कहा कि डीएपी और यूरिया का मुद्दा सदन में भाजपा उठाएगी. कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व सीएम ने बोले कि रबी और खरीफ की फसल के लिए जो कोटा है डीएपी और यूरिया का वो फिक्स रहता है. जितनी डिमांड केंद्र को भेजते हैं, उसके अनुसार होता है. आज की तारीख में जो केंद्र सरकार से डीएपी और यूरिया मिलना है, वो उनके पास पर्याप्त स्टॉक था. इन्होंने गलती ये की कि सारी डीएपी, यूरिया और खाद को व्यापारियों के हाथ में दे दिया. सोसायटियों के पास सिर्फ 25-30 फीसदी गई है. व्यापारी अब किसानों को दोगुनी कीमत में बेच रहा है. सरकार ने गलत नीति अपनाई है.
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जिला अस्पताल में मौतों का मामला भी गूंजेगा
रमन सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला सदन में उठाया जाएगा. नक्सली गतिविधियों का मामला भी विपक्ष सदन में उठाने वाला है. रमन ने कहा कि जनघोषणा पत्र के वादे सरकार को याद दिलाए जाएंगे. ढाई साल पूरे हो चुके हैं और उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सरकार अब तो कुछ करे. इनकी फ्लैगशिप स्कीम विफल रही हैं. सरकार की योजनाएं एक साल में ही दम तोड़ रही हैं.
जेसीसी (जे) उठाएगी ये मुद्दे
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बता चुके हैं कि उनकी पार्टी सदन में संविदा कर्मचारियों के नियमित नियुक्ति का मुद्दा प्रमुखता से उठाने वाली है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वादा किया था कि संविदा कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति हो जाएगी. लेकिन भूपेश सरकार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण करने के बजाए निगम आयोग मंडल में नियुक्तियां कर रही है. साथ ही पार्टी लेमरू हाथी रिजर्व के जंगल को छोटा करने और अदानी ग्रुप को कोयला खदान देने का मुद्दा भी जोरों-शोरों से उठाने वाली है.
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बीएसपी भी किसानों पर घेरेगी
वहीं, बहुजन समाज पार्टी के विधायक दल के नेता और जैजैपुर विधायक केशव प्रसाद चंद्रा ने कहा था कि वर्तमान में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत की सरकार है और अपने आप को किसानों की सरकार बताती है. इस मानसून सत्र में किसानों से जुड़ी समस्याओं को उठाया जाएगा. जिनमें फसल बीमा के अलावा खाद की कमी, जमीन अधिग्रहण में मुआवजा राशि ना मिलने, प्रदेश के किसानों के आत्महत्या के मामलों और मजदूरों की समस्याओं के मुद्दे सदन उठाएंगे.
26 जुलाई से है सत्र
मानसून सेशन 26 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई तक चलेगा. सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बने ढाई साल बीच चुके हैं. पार्टी जिन वादों के साथ सरकार में आई थी, उनमें कुछ पूरे हो चुके हैं. लेकिन शराबबंदी, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण समेत कुछ वादे पूरे होने के इंतजार में हैं.