रायपुर : जिले में साइबर ठगी के मामले बढ़ गए हैं. साइबर ठग मोबाइल या एटीएम के जरिए ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. तेलीबांधा इलाके के CRPF कैंप में आरक्षक से ऐप डाउलोड करा कर OTP के जरिए एक लाख से ज्यादा की राशि पार कर ली. आरक्षक ने तेलीबांधा थाने में इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.
तेलीबांधा पुलिस ने बताया कि भोपाल के रहने वाले आरक्षख संजीव कुमार मिश्रा ने ठगी की शिकायत की है. आरक्षक ने बताया कि उसके पास क्रेडिट कार्ड है. 12 दिसंबर 2020 को आरक्षक के पास 9832744178 नंबर से फोन आया. शख्स ने आरक्षक को मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप डाउलोड कराया और OTP पूछा. आरक्षक ने नंबर बता दिया. इसके बाद अलग- अलग किस्तों में कुल 1 लाख 18 हजार 442 रुपये आरक्षक के खाते से निकाल लिया.
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ठगी का शिकार होने के बाद आरक्षक ने पहले को क्रेडिट कार्ड के सेक्शन में शिकायत की. समस्या का समाधान नहीं होने पर मंगलवार को थाना पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है.
एनी डेस्क से ठगी
साइबर अपराधी लगातार नए-नए प्रयोग कर लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं. इन दिनों साइबर अपराधियों ने 'एनी डेस्क' नाम के एप को हथियार बना लिया है. यह एप मोबाइल में डालते ही संबंधित मोबाइल साइबर अपराधियों के कंट्रोल में चला जाता है. इसके बाद ई-वॉलेट, यूपीआइ एप सहित बैंक खातों से जुड़े सभी एप को आसानी से ऑपरेट कर रुपये उड़ा रहे हैं.
इस एप को साइबर अपराधी मदद के नाम पर डाउनलोड करवाते हैं. इसके बाद पूरे मोबाइल सिस्टम पर कब्जा जमा लेते हैं. इसके लिए साइबर अपराधी तब लोगों को कॉल करते हैं, जब कोई बैंक से मदद के लिए गूगल पर टोल-फ्री नंबर ढूंढकर कॉल करता है. कॉल करने पर मदद के नाम पर झांसे में ले लेते हैं.
एसे करें इन ठगों से बचाव
- किसी के कहने पर रिमोर्ट एक्सेस एप इंस्टॉल न करें.
- किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उसकी उपयोगिता पर जरूर विचार करें.
- अपने बैंक, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट की जानकारी मोबाइल पर आए ओटीपी और वैरीफिकेशन कोड शेयर न करें.
- पेटीएम के केवायसी अपडेट के लिए पेटीएम ऐप पर दिए गए नजदीकी सेंटर पर संपर्क करें.