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लौह अयस्क खदानकर्मियों ने दी तालेबंदी की धमकी, रखी ये मांगें

खदानों का संचालन रायपुर की कंपनी शारदा एनर्जी और गोदावरी पॉवर इस्पात द्वारा किया जा रहा है.

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Published : Jun 20, 2019, 3:33 PM IST

प्रेस कांफ्रेंस.

रायपुर: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने राजनांदगांव के खड़गांव और बोरिया मोकासा में संचालित लौह अयस्क खदान के मालिकों पर आदिवासी श्रमिकों के साथ छल करने का आरोप लगाया है. लगातार हो रहे शोषण और मूलभूत सुविधाओं से वंचित श्रमिकों ने दोनों माइंस में तालेबंदी करने की धमकी भी दी है.

प्रेस कांफ्रेंस.

खदानों का संचालन रायपुर की कंपनी शारदा एनर्जी और गोदावरी पॉवर इस्पात द्वारा किया जा रहा है. खदानों के श्रमिकों की मांग है कि माइंस में ठेके के अंदर काम रहे सभी श्रमिकों को नियमित किया जाए. साथ ही और नए मजदूरों की भी भर्ती की जाए. परिवहन का पूरा काम भी आदिवासी परिवहन समिति खड़गांव के अंतर्गत कराया जाए.

श्रमिकों का आरोप है कि साल 2014 में खदान को 12 टन अयस्क के परिवहन का अनुमति मिली थी, लेकिन यहां से रोजाना 100 टन माल का परिवहन किया जा रहा है. वहीं इतने सालों बाद भी खदान मालिकों ने अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी को भुलाते हुए कृषि उपज प्रशिक्षण केन्द्र जैसे कोई भी निर्माण नहीं कराए. भू-जल और जंगलों के दोहन का भी आरोप लगाया गया है.

एक बार फिर आंदोलन के सुर
इसके पहले इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर श्रमिकों ने साल 2014 में आंदोलन शुरू किया था. आदिवासी परिवहन समिति ने बताया कि उस दौरान एसपी ने प्रदर्शनकारियों को कार्यालय बुलाकर डराया धमकाया था. इससे घबराए श्रमिकों ने आंदोलन खत्म कर दिया और स्थिति जस की तस बनी रही. अब एक बार फिर आंदोलन के सुर उठने लगे हैं.

रायपुर: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने राजनांदगांव के खड़गांव और बोरिया मोकासा में संचालित लौह अयस्क खदान के मालिकों पर आदिवासी श्रमिकों के साथ छल करने का आरोप लगाया है. लगातार हो रहे शोषण और मूलभूत सुविधाओं से वंचित श्रमिकों ने दोनों माइंस में तालेबंदी करने की धमकी भी दी है.

प्रेस कांफ्रेंस.

खदानों का संचालन रायपुर की कंपनी शारदा एनर्जी और गोदावरी पॉवर इस्पात द्वारा किया जा रहा है. खदानों के श्रमिकों की मांग है कि माइंस में ठेके के अंदर काम रहे सभी श्रमिकों को नियमित किया जाए. साथ ही और नए मजदूरों की भी भर्ती की जाए. परिवहन का पूरा काम भी आदिवासी परिवहन समिति खड़गांव के अंतर्गत कराया जाए.

श्रमिकों का आरोप है कि साल 2014 में खदान को 12 टन अयस्क के परिवहन का अनुमति मिली थी, लेकिन यहां से रोजाना 100 टन माल का परिवहन किया जा रहा है. वहीं इतने सालों बाद भी खदान मालिकों ने अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी को भुलाते हुए कृषि उपज प्रशिक्षण केन्द्र जैसे कोई भी निर्माण नहीं कराए. भू-जल और जंगलों के दोहन का भी आरोप लगाया गया है.

एक बार फिर आंदोलन के सुर
इसके पहले इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर श्रमिकों ने साल 2014 में आंदोलन शुरू किया था. आदिवासी परिवहन समिति ने बताया कि उस दौरान एसपी ने प्रदर्शनकारियों को कार्यालय बुलाकर डराया धमकाया था. इससे घबराए श्रमिकों ने आंदोलन खत्म कर दिया और स्थिति जस की तस बनी रही. अब एक बार फिर आंदोलन के सुर उठने लगे हैं.

Intro:cg_rpr_aadivasiyo ke saath chalwa_CG10001

रायपुर राजनांदगांव जिले के मानपुर तहसील अंतर्गत खडगांव एवं बोरिया मोकासा में लौह अयस्क खदान से लौह अयस्क खनन किया जा रहा है 15 सालों से लौह अयस्क खनन का काम सारडा एनर्जी रायपुर एवं गोदावरी पावर इस्पात रायपुर के द्वारा किया जा रहा है लेकिन पिछले 15 सालों से क्षेत्र में माइंस में काम कर रहे हैं आदिवासी श्रमिकों के साथ किया जा रहा है छलावा


Body:cg_rpr_aadivasiyo ke saath chalwa_CG10001

आदिवासी परिवहन समिति मर्यादित खडगांव के अध्यक्ष का कहना है कि जितने भी माइंस में ठेका श्रमिक है किन को नियमित किया जाए और नए मजदूरों की भर्ती की जाए परिवहन का पूरा कार्य आदिवासी परिवहन समिति मर्यादित खडगांव के माध्यम से कराया जाए ग्राम सभा के माध्यम से सीएसआर एवं खनिज न्यास निधि का उपयोग प्रभावित ग्रामों में खर्चा किया जाए जिस सड़क के माध्यम से परिवहन किया जाता है 2014 से राष्ट्रीय राजमार्ग 930 घोषित है परंतु आज भी परिवहन क्षमता 12 टन का है लेकिन यहां से 100 टन माल का रोजाना आवागमन हो रहा है यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है कितने वर्षों से खदान का संचालन हो रहा है लेकिन किसी प्रकार का कृषि उपज प्रशिक्षण या वनोपज आधारित प्रशिक्षण संस्था नहीं खोला गया जो कि आदिवासियों के साथ छलावा किया जा रहा है


Conclusion:cg_rpr_aadivasiyo ke saath chalwa_CG10001

इस बात को लेकर आदिवासी परिवहन समिति ने 2014 में आवाज भी उठाई थी लेकिन उनकी आवाज को दबा दी गई और इन्हें एसपी ऑफिस बुलाकर डराया धमकाया गया ऐसे में यह आदिवासी कहां और किसके पास जाएं इस कारण इन्होंने इस बात को मीडिया के सामने रखा और कहा कि ग्राम सभा का आयोजन कर जरूरत पड़ने पर इन दोनों माइंस में तालेबंदी भी की जा सकती है


बाइट बालचंद कुरेटी अध्यक्ष आदिवासी परिवहन समिति मर्यादित खडगांव व्हाइट कुर्ता पजामा पहने हुए

बाइट परवार सिंह कोमरा प्रदेश उपाध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी चेक शर्ट पहने हुए


रितेश तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
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