रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण (corona in chhattisgarh) की रफ्तार अब धीमी पड़ने लगी है. पिछले 24 घंटे की बात की जाए तो 2 हजार 824 मरीजों की पहचान हुई है. पूरे प्रदेश में 9 लाख 62 हजार 368 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. अब तक कुल 9 लाख 100 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. मौत का आंकड़ा भी धीरे-धीरे कम होता नजर आ रहा है. गुरुवार को 69 लोगों की कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मौत हुई है. अब तक छत्तीसगढ़ में 12 हजार 848 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक
कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) में पहले की अपेक्षा ज्यादा लोगों की मौत हुई है. पिछले साल 2020 के सितंबर माह में कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा सामने आ रही थी. रोज तकरीबन 4 हजार संक्रमित मरीज मिल रहे थे और लगभग 70 लोगों की मौत भी हो रही थी. दूसरी लहर (second wave of corona)) की बात करें तो साल 2021 में अप्रैल से मई महीने में मौत के सारे रिकॉर्ड टूट गए. प्रदेश में रोज 200 लोगों की मौत हो रही थी. अब प्रदेश में मौत का आंकड़ा कम होने लगा है.
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कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत के आंकड़े
उम्र | साल 2020 सितंबर | साल 2021 (अप्रैल से मई) |
0-5 | 2 | 6 |
5-10 | 1 | 5 |
10-20 | 10 | 17 |
20-30 | 33 | 236 |
30-40 | 79 | 853 |
40-50 | 189 | 1350 |
50-60 | 332 | 1570 |
60-70 | 323 | 1200 |
70-80 | 154 | 566 |
80-90 | 40 | 165 |
90-100 | 5 | 18 |
टोटल | 1172 | 5988 |
शहरों में मौत की संख्या ज्यादा
कोरोना से मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या शहरी क्षेत्रों की है. कुल आंकड़ों से आधी मौत अकेले राजधानी रायपुर में दर्ज की गई है. प्रदेश में कुल 12 हजार 848 लोगों की मौत हो चुकी है.
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शहर | कुल मौत |
रायपुर | 3085 |
दुर्ग | 1747 |
बिलासपुर | 1185 |
कुल | 6017 |
सरगुजा | 225 |
बलरामपुर | 109 |
जशपुर | 179 |
मुंगेली | 157 |
कोरबा | 539 |
डॉक्टर राकेश गुप्ता (Doctor Rakesh Gupta) ने बताया कि रायपुर , बिलासपुर दुर्ग यह तीनों जिले घनी आबादी वाले जिले हैं. छत्तीसगढ़ के व्यापारिक केंद्र हैं यहां पर भीड़ होना बहुत स्वभाविक बात है. यह भी हो सकता है कि यहां पर बाजार लगे हो व्यापार शुरू हुआ हो तो यहां पर सामाजिक दूरी का पालन नहीं रहा हो. भीड़ में स्वाभाविक रूप से मास्क पहना हुआ व्यक्ति भी अगर पास आता है तो उसमें कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. ग्रामीण इलाकों में मृत्यु कम होना यह बताता है कि ग्रामीण इलाकों में व्यक्ति ज्यादा सतर्क हैं. ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन भी करवाए जा रहे हैं.
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डॉक्टर ने कहा कि हॉस्पिटल में जो भी गंभीर अवस्था में मरीज कोरोना के दौरान आए हैं. उनका कोरोना समझकर ही इलाज शुरू किया गया है. अस्पताल के बाहर या अस्पताल के अंदर जो भी मृत्यु हो रही है ऐसा समझा जा रहा है कि कोरोना के कारण ही हुई है. अस्पताल में जो भी मौत हो रही है उनका पहले कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का अमला हर जगह पहुंचता है और जो भी मृत्यु के आंकड़े हैं वह स्वयं समय-समय पर एकत्रित किए जाते हैं. उसका ऑडिट किया जाता है.