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जन्माष्टमी के मौके पर छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज की होगी शुरुआत

छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्णकुंज की शुरुआत होने जा रही है.

Krishnakunj will start in Chhattisgarh on the occasion of Janmashtami
जन्माष्टमी के मौके पर छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज की होगी शुरुआत
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Published : Aug 18, 2022, 6:22 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 7:23 PM IST

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) जन्माष्टमी (janmastami 2022) के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किए जा रहे कृष्णकुंज में सांस्कृतिक एवं जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण की शुरूआत (krishna kunj chhattisgarh ) करेंगे. सीएम बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्णकुंज’ विकसित किए जा रहे हैं. जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जाएगा.

सभी कलेक्टर्स को मिले थे निर्देश : मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को ’कृष्ण-कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं. अब तक राज्य के 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है. वृक्षारोपण की तैयारी भी बड़ी उत्साह के साथ की जा रही है. इस कृष्ण जन्माष्टमी से पूरे राज्य में ’कृष्णकुंज’ के लिए चिन्हित स्थल पर वृक्षों का रोपण प्रारंभ किया जाएगा. कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु वन विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल गेट पर लोगों का डिजाइन एक समान तैयार किया गया है.

पेड़ों को बचाने का संकल्प : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा है कि, “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है. विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है. आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है.

कहां- कहां किया गया चयन : रायपुर जिले के 10 नगरीय निकाय कुर्रा, खरोरा, बिरगांव, अटारी, तेलीबांधा, आरंग, चंदखुरी, कुरुद समोदा, उरला में कृष्ण-कुंज के लिए स्थल चयनित किया गया है. गरियाबंद जिले के 3 महासमुंद के 6, गौरेला पेंड्रा जिले के 2 कोरिया जिले के 7, कोंडागांव जिले के 3,दंतेवाड़ा जिले के 4, बीजापुर जिले, सुकमा, नारायणपुर के 1-1 स्थलों के साथ कुल 162 चयनित स्थलों में जन्माष्टमी पर पौधों का रोपण किया जायेगा. सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है. इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्णकुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है. जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी.

जन्माष्टमी के मौके पर छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज की होगी शुरुआत
जन्माष्टमी के मौके पर छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज की होगी शुरुआत
क्या कहते हैं अफसर : रायपुर मंडल के डीएफओ विश्वेश कुमार ने बताया कि ''मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप कृष्ण कुंज तैयार किया जा रहा है. रायपुर के 10 नगरीय निकाय को चिन्हिंत किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के तेलीबांधा में बनाए गए कृष्ण कुंज वाटिका में पौधरोपण करेंगे. इसकी पूरी तैयारी वन विभाग की ओर से कर ली गई है.''

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) जन्माष्टमी (janmastami 2022) के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किए जा रहे कृष्णकुंज में सांस्कृतिक एवं जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण की शुरूआत (krishna kunj chhattisgarh ) करेंगे. सीएम बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्णकुंज’ विकसित किए जा रहे हैं. जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जाएगा.

सभी कलेक्टर्स को मिले थे निर्देश : मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को ’कृष्ण-कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं. अब तक राज्य के 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है. वृक्षारोपण की तैयारी भी बड़ी उत्साह के साथ की जा रही है. इस कृष्ण जन्माष्टमी से पूरे राज्य में ’कृष्णकुंज’ के लिए चिन्हित स्थल पर वृक्षों का रोपण प्रारंभ किया जाएगा. कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु वन विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल गेट पर लोगों का डिजाइन एक समान तैयार किया गया है.

पेड़ों को बचाने का संकल्प : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा है कि, “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है. विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है. आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है.

कहां- कहां किया गया चयन : रायपुर जिले के 10 नगरीय निकाय कुर्रा, खरोरा, बिरगांव, अटारी, तेलीबांधा, आरंग, चंदखुरी, कुरुद समोदा, उरला में कृष्ण-कुंज के लिए स्थल चयनित किया गया है. गरियाबंद जिले के 3 महासमुंद के 6, गौरेला पेंड्रा जिले के 2 कोरिया जिले के 7, कोंडागांव जिले के 3,दंतेवाड़ा जिले के 4, बीजापुर जिले, सुकमा, नारायणपुर के 1-1 स्थलों के साथ कुल 162 चयनित स्थलों में जन्माष्टमी पर पौधों का रोपण किया जायेगा. सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है. इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्णकुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है. जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी.

जन्माष्टमी के मौके पर छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज की होगी शुरुआत
जन्माष्टमी के मौके पर छत्तीसगढ़ में कृष्णकुंज की होगी शुरुआत
क्या कहते हैं अफसर : रायपुर मंडल के डीएफओ विश्वेश कुमार ने बताया कि ''मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप कृष्ण कुंज तैयार किया जा रहा है. रायपुर के 10 नगरीय निकाय को चिन्हिंत किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के तेलीबांधा में बनाए गए कृष्ण कुंज वाटिका में पौधरोपण करेंगे. इसकी पूरी तैयारी वन विभाग की ओर से कर ली गई है.''
Last Updated : Aug 18, 2022, 7:23 PM IST
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