ETV Bharat / city

सरकार जिस दिन 2500 रुपए किसानों को नहीं देगी, उस दिन मैं इस्तीफा दूंगा: टीएस सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर ETV भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों को 2500 रुपये धान का समर्थन मूल्य नहीं देती, तो उनके इस्तीफा देने की बात सामने आ सकती थी. इधर बीजेपी कांग्रेस पर लगातार राम के नाम की राजनीति का मुद्दा उठा रही है. इसे लेकर सिंहदेव ने कहा कि बीजेपी राम नाम की मार्केटिंग कर रही है.

ETV Bharat exclusive interview with TS Singh Deo
टीएस सिंहदेव से खास बातचीत
author img

By

Published : Dec 8, 2020, 12:57 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 1:18 PM IST

रायपुर: ETV भारत से खास बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव धान के समर्थन मूल्य को लेकर जहां केंद्र सरकार पर जमकर बरसे, वहीं एक बड़ी बात और कह गए. सिंहदेव ने कहा कि अगर सरकार 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य नहीं देती, तो उनके इस्तीफा देने की बात सामने आ सकती थी. वे पूर्व सीएम रमन सिंह और केंद्र सरकार पर भी जमकर बरसे. रमन सिंह के राहुल गांधी पर दिए बयान पर सिंहदेव ने कहा कि अगर वे किसानों का दर्द समझते थे, तो बोनस क्यों नहीं दे दिया ?

टीएस सिंहदेव से खास बातचीत

सवाल: आपने कहा था कि अगर किसानों से किए वादे पूरे नहीं होंगे, तो आप इस्तीफा दे देंगे.

जवाब: यह तो बाल की खाल निकालने वाली बात हो गई. उनकी सरकार ने किसानों को बोनस देने की बात कही थी, लेकिन दिया नहीं. इस पर मैंने कहा था कि यदि यह सरकार भी सिर्फ बातें करती, इस सरकार की नीयत भी बोनस देने की नहीं होती या फिर यह सरकार कोरोना के चलते आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए किसानों को बोनस देने से इंकार कर देती, तो ऐसी स्थिति में मेरे इस्तीफा देने की बात सामने आ सकती थी.

सवाल: किसान पिस रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं, आप क्या वजह मानते हैं ? आपके घोषणापत्र में भी ऐसी ही बात थी.

जवाब: हम भ्रमित नहीं कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले को लेकर स्पष्ट करना था. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखित सिफारिश की थी कि अगर कृषि बिल लाया जाता है, तो उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित होना चाहिए. उस दौरान वे इस कृषि बिल को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्य थे, लेकिन आज उनके द्वारा लाए गए कृषि बिल में यही गलती की गई कि उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य का उल्लेख नहीं किया गया है, जिसे लेकर अब विवाद हो रहा है. वे किसानों के लिए नहीं कॉरपोरेट्स के लिए बिल ला रहे हैं. मंडी की व्यवस्था तोड़ने के लिए बिल ला रहे हैं.

सवाल: रमन सिंह ने किसानों को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है.

जवाब: रमन सिंह किसानों का दर्द जानते थे, तो किसानों को धान के बोनस की राशि क्यों नहीं दी ? सिंहदेव ने कहा कि राहुल गांधी ने साल 2018 में विधानसभा चुनाव के पहले सीतापुर में यह बात कही थी कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ होगा और 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी. अगर ऐसा कांग्रेस सरकार के द्वारा नहीं किया गया, तो उस दौरान जो मुख्यमंत्री रहेगा, उसके बारे में विचार किया जाएगा.

पढ़ें- इशारों में सीएम बघेल से नाराजगी की बात मान गए 'बाबा' ! कहा- कल भी बदल सकते हैं CM, राजनीति में कुछ स्थाई नहीं

सवाल: बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस राम की शरण में चली गई

जवाब: कांग्रेस पार्टी सभ्यता और धार्मिक भावनाओं को मानने वाली पार्टी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जब जन्मी भी नहीं थी, उससे पहले से कांग्रेस भगवान राम को मानती आ रही है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि 1980 के पहले यह बातें नहीं थीं. उस समय बीजेपी जन्मी भी नहीं थी और न ही राम मंदिर का मुद्दा सामने आया था. जब 2 सीट पर बीजेपी सिमट गई थी, तब राम मंदिर का मुद्दा सामने लाया गया था और आज वह बहुमत की स्थिति में है. कांग्रेस ने कभी धार्मिकता दर्शाई ही नहीं.

सवाल: बीजेपी ने भगवान राम के नाम की मार्केटिंग की ?

जवाब: हां बीजेपी ने राम भगवान के नाम पर मार्केटिंग की है. पहले बताने की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन आज बोलना, बताना और अपनी उपस्थिति दर्ज कराना भी मायने रखता है. अगर आप नहीं बोलते हैं, तो यह कहा जा सकता है कि आप उसमें रुचि नहीं रखते हैं.

सवाल: बीजेपी के चंदा मांगने वाले जवाब पर क्या कहना चाहेंगे ?

जवाब: जो चंदा मांगने आता है, उसे चंदे का हिसाब भी देना पड़ता है. आपने सरकार से चंदा नहीं मांगा है, आपने तो कहा है कि हर गांव से चंदा लेंगे. यही स्थिति तब थी, जब राम मंदिर निर्माण का मूवमेंट चला था. उस समय भी यह बात सामने आई थी कि गांव-गांव से पैसा और ईंटें गईं, लेकिन उसका क्या हुआ ? उस समय भी लोगों ने हिसाब मांगा था, उसी बात को आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोहराया है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि वे अपने लोगों से चंदा मांगते, तो कोई बात नहीं थी, लेकिन वह दूसरों से चंदा मांग रहे हैं, तो उन्हें हिसाब भी देना होगा.

रायपुर: ETV भारत से खास बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव धान के समर्थन मूल्य को लेकर जहां केंद्र सरकार पर जमकर बरसे, वहीं एक बड़ी बात और कह गए. सिंहदेव ने कहा कि अगर सरकार 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य नहीं देती, तो उनके इस्तीफा देने की बात सामने आ सकती थी. वे पूर्व सीएम रमन सिंह और केंद्र सरकार पर भी जमकर बरसे. रमन सिंह के राहुल गांधी पर दिए बयान पर सिंहदेव ने कहा कि अगर वे किसानों का दर्द समझते थे, तो बोनस क्यों नहीं दे दिया ?

टीएस सिंहदेव से खास बातचीत

सवाल: आपने कहा था कि अगर किसानों से किए वादे पूरे नहीं होंगे, तो आप इस्तीफा दे देंगे.

जवाब: यह तो बाल की खाल निकालने वाली बात हो गई. उनकी सरकार ने किसानों को बोनस देने की बात कही थी, लेकिन दिया नहीं. इस पर मैंने कहा था कि यदि यह सरकार भी सिर्फ बातें करती, इस सरकार की नीयत भी बोनस देने की नहीं होती या फिर यह सरकार कोरोना के चलते आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए किसानों को बोनस देने से इंकार कर देती, तो ऐसी स्थिति में मेरे इस्तीफा देने की बात सामने आ सकती थी.

सवाल: किसान पिस रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं, आप क्या वजह मानते हैं ? आपके घोषणापत्र में भी ऐसी ही बात थी.

जवाब: हम भ्रमित नहीं कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले को लेकर स्पष्ट करना था. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखित सिफारिश की थी कि अगर कृषि बिल लाया जाता है, तो उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित होना चाहिए. उस दौरान वे इस कृषि बिल को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्य थे, लेकिन आज उनके द्वारा लाए गए कृषि बिल में यही गलती की गई कि उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य का उल्लेख नहीं किया गया है, जिसे लेकर अब विवाद हो रहा है. वे किसानों के लिए नहीं कॉरपोरेट्स के लिए बिल ला रहे हैं. मंडी की व्यवस्था तोड़ने के लिए बिल ला रहे हैं.

सवाल: रमन सिंह ने किसानों को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है.

जवाब: रमन सिंह किसानों का दर्द जानते थे, तो किसानों को धान के बोनस की राशि क्यों नहीं दी ? सिंहदेव ने कहा कि राहुल गांधी ने साल 2018 में विधानसभा चुनाव के पहले सीतापुर में यह बात कही थी कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है, तो 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ होगा और 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी. अगर ऐसा कांग्रेस सरकार के द्वारा नहीं किया गया, तो उस दौरान जो मुख्यमंत्री रहेगा, उसके बारे में विचार किया जाएगा.

पढ़ें- इशारों में सीएम बघेल से नाराजगी की बात मान गए 'बाबा' ! कहा- कल भी बदल सकते हैं CM, राजनीति में कुछ स्थाई नहीं

सवाल: बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस राम की शरण में चली गई

जवाब: कांग्रेस पार्टी सभ्यता और धार्मिक भावनाओं को मानने वाली पार्टी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जब जन्मी भी नहीं थी, उससे पहले से कांग्रेस भगवान राम को मानती आ रही है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि 1980 के पहले यह बातें नहीं थीं. उस समय बीजेपी जन्मी भी नहीं थी और न ही राम मंदिर का मुद्दा सामने आया था. जब 2 सीट पर बीजेपी सिमट गई थी, तब राम मंदिर का मुद्दा सामने लाया गया था और आज वह बहुमत की स्थिति में है. कांग्रेस ने कभी धार्मिकता दर्शाई ही नहीं.

सवाल: बीजेपी ने भगवान राम के नाम की मार्केटिंग की ?

जवाब: हां बीजेपी ने राम भगवान के नाम पर मार्केटिंग की है. पहले बताने की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन आज बोलना, बताना और अपनी उपस्थिति दर्ज कराना भी मायने रखता है. अगर आप नहीं बोलते हैं, तो यह कहा जा सकता है कि आप उसमें रुचि नहीं रखते हैं.

सवाल: बीजेपी के चंदा मांगने वाले जवाब पर क्या कहना चाहेंगे ?

जवाब: जो चंदा मांगने आता है, उसे चंदे का हिसाब भी देना पड़ता है. आपने सरकार से चंदा नहीं मांगा है, आपने तो कहा है कि हर गांव से चंदा लेंगे. यही स्थिति तब थी, जब राम मंदिर निर्माण का मूवमेंट चला था. उस समय भी यह बात सामने आई थी कि गांव-गांव से पैसा और ईंटें गईं, लेकिन उसका क्या हुआ ? उस समय भी लोगों ने हिसाब मांगा था, उसी बात को आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोहराया है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि वे अपने लोगों से चंदा मांगते, तो कोई बात नहीं थी, लेकिन वह दूसरों से चंदा मांग रहे हैं, तो उन्हें हिसाब भी देना होगा.

Last Updated : Dec 8, 2020, 1:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.