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छत्तीसगढ़ में कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल, रायपुर के सरकारी विभागों में काम ठप, जनता फिर परेशान

रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल से सरकारी विभाग में कामकाज की व्यवस्था चरमरा गई है.

chhattisgarh government officer employee
छत्तीसगढ़ में कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल
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Published : Aug 22, 2022, 6:27 PM IST

Updated : Aug 22, 2022, 9:23 PM IST

रायपुर : राजधानी सहित पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Staff Officers Federation) अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ( indefinite strike from august 2022 ) बैठ गए हैं. इनके हड़ताल पर चले जाने से सभी शासकीय विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप और बंद हो गया है. सभी विभागों के कार्यालय के दरवाजों पर ताले लटके हैं. विभागों में कामकाज बंद होने के कारण आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. कुछ लोगों को कर्मचारियों के हड़ताल की जानकारी नहीं थी और जो लोग हड़ताल के बारे में जान रहे थे उनको यह नहीं पता था कि ऑफिस पूरी तरह से बंद (demand HRA and DA effects in Raipur) रहेंगे.

क्यों हो रही है हड़ताल : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश भर के लगभग 4 लाख कर्मचारी और अधिकारियों की 2 सूत्रीय मांग है. वे केंद्र के समान महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. स्वास्थ्य विभाग में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई (Effect of officer employee strike in Chhattisgarh) हैं.

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल
कामकाज ठप, लोग परेशान : छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार तिवारी ने बताया कि '' छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण सभी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. तहसील कार्यालय में आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के साथ ही नामांतरण और बंटवारा जैसे प्रकरण भी भावित हो रहे हैं. आम लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ेगा."

कितने संगठनों का मिला समर्थन : इस हड़ताल को 95 संगठनों का समर्थन मिलने का दावा पदाधिकारी कर रहे हैं. लगभग 5 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं. दो सूत्रीय मांगों में केंद्र के समान देय तिथि से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है. सरकार ने सिर्फ 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया, जबकि कर्मचारी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित मांग कर रहे हैं.

हड़ताल से जनता परेशान
बैठक के बाद भी निर्णय नहीं : ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार ने लगातार उनकी मांगों को लेकर कई बैठक और बातचीत की. इसके बावजूद सरकार ने मांग पूरी नहीं की. ऐसे में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है. संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती.आम जनता की बढ़ी परेशानी : कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज प्रभावित हो सकता है. हालांकि जिलों के डीएम को सरकार की तरफ से विशेष निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि सभी ऑफिसों में सामान्य दिनों की तरह काम होते रहें.

रायपुर : राजधानी सहित पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Staff Officers Federation) अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ( indefinite strike from august 2022 ) बैठ गए हैं. इनके हड़ताल पर चले जाने से सभी शासकीय विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप और बंद हो गया है. सभी विभागों के कार्यालय के दरवाजों पर ताले लटके हैं. विभागों में कामकाज बंद होने के कारण आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. कुछ लोगों को कर्मचारियों के हड़ताल की जानकारी नहीं थी और जो लोग हड़ताल के बारे में जान रहे थे उनको यह नहीं पता था कि ऑफिस पूरी तरह से बंद (demand HRA and DA effects in Raipur) रहेंगे.

क्यों हो रही है हड़ताल : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश भर के लगभग 4 लाख कर्मचारी और अधिकारियों की 2 सूत्रीय मांग है. वे केंद्र के समान महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. स्वास्थ्य विभाग में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई (Effect of officer employee strike in Chhattisgarh) हैं.

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल
कामकाज ठप, लोग परेशान : छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार तिवारी ने बताया कि '' छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण सभी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. तहसील कार्यालय में आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के साथ ही नामांतरण और बंटवारा जैसे प्रकरण भी भावित हो रहे हैं. आम लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ेगा."

कितने संगठनों का मिला समर्थन : इस हड़ताल को 95 संगठनों का समर्थन मिलने का दावा पदाधिकारी कर रहे हैं. लगभग 5 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं. दो सूत्रीय मांगों में केंद्र के समान देय तिथि से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है. सरकार ने सिर्फ 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया, जबकि कर्मचारी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित मांग कर रहे हैं.

हड़ताल से जनता परेशान
बैठक के बाद भी निर्णय नहीं : ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार ने लगातार उनकी मांगों को लेकर कई बैठक और बातचीत की. इसके बावजूद सरकार ने मांग पूरी नहीं की. ऐसे में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है. संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती.आम जनता की बढ़ी परेशानी : कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज प्रभावित हो सकता है. हालांकि जिलों के डीएम को सरकार की तरफ से विशेष निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि सभी ऑफिसों में सामान्य दिनों की तरह काम होते रहें.
Last Updated : Aug 22, 2022, 9:23 PM IST
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