रायपुर : छग विद्युत संविदा कर्मचारी पिछले 41 दिनों से अलग अलग प्रकार के प्रदर्शन करके पावर कंपनी प्रबंधन एवं शासन को जगाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन प्रबंधन और शासन बिजली विभाग में कार्यरत संविदाकर्मियों की कोई सुध नहीं ले रहा है. अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर संविदाकर्मी सड़क पर लेट चुके हैं, कफन ओढ़कर प्रदर्शन कर चुके हैं, जल समाधि ले चुके हैं, सिर पटककर प्रदर्शन भी कर चुके है. फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिससे आहत होकर बिजली संविदाकर्मी अपने आंखों में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन (Demonstration in Raipur with a black bandage in the eyes ) किया. इस प्रकार का प्रदर्शन करके संविदाकर्मी न्याय की गुहार लगा रहे हैं. गौरतलब हो कि बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 10 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
कई तरह से जताया विरोध : 16 अप्रैल शनिवार को विद्युत संविदा कर्मचारी जल सत्याग्रह के लिए निकले. इस दौरान तालाब के गंदे पानी में डुबकी लगाने से 4 संविदाकर्मियों की हालत खराब हो गयी . तालाब का पानी गंदे नाले से भी खराब था बद्बूदार पानी के कारण 4 संविदाकर्मी बेहोश भी हो गए थे . इस दौरान प्रशासन के द्वारा 45 मिनट के बाद एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई. 15 अप्रैल शुक्रवार को संविदाकर्मियों के द्वारा ऊर्जामंत्री भूपेश बघेल का घेराव की कोशिश (Energy Minister Bhupesh Baghel attempt to gherao)की गई. जिसके बाद प्रशासन ने आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से हल्का बल प्रयोग कर धक्का मुक्की किया गया. जिसमे कुछ संविदाकर्मियों को हल्की चोटें भी आई थी बावजूद इसके पावर कंपनी प्रबंधन और सरकार ने चुप्पी साध रखी है.
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एक माह से अधिक का आंदोलन : विद्युत संविदाकर्मियों का शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन आंदोलन को एक माह से अधिक हो गया है। इस बीच एक विद्युत संविदाकर्मी की सड़क हादसे में जान भी चली गई फिर भी पॉवर कम्पनी प्रबंधन ने विद्युत संविदाकर्मियों के प्रति संवेदना प्रकट कर उनसे चर्चा आज पर्यंत तक नहीं की है. विद्युत संविदाकर्मियों की 2 सूत्रीय मांगों में संविदाकर्मियों को रिक्त पदों पर नियमित करने और विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदा कर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति देना है.