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बिना सलाह एंटीबायोटिक लेना है खतरनाक, शरीर में बढ़ा सुपरबग का खतरा - शरीर में बढ़ा सुपरबग का खतरा

Increased risk of superbug in body छत्तीसगढ़ में इन दिनों सुपरबग से ग्रसित मरीजों के मिलने का खतरा मंडराने लगा है. सुपरबग से ग्रसित मरीज को साधारण दवाओं से ठीक नहीं किया जा सकता है.क्योंकि ऐसे मरीजों के शरीर में ज्यादा एंटीबायोटिक लेने के कारण इंफेक्शन अधिक होता है. Dangerous to take antibiotics without advice

बिना सलाह एंटीबायोटिक लेना है खतरनाक
बिना सलाह एंटीबायोटिक लेना है खतरनाक
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Published : Sep 19, 2022, 12:10 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 6:55 PM IST

रायपुर : भारत में तेजी से सुपरबग के मरीज मिलने शुरू हो गए हैं. सुपरबग चिकित्सा क्षेत्र में कोई नया शब्द नहीं है. लेकिन हाल ही में इसके मरीज भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए यह शब्द आजकल काफी चर्चा में है. सुपरबग सामान्यता उस बैक्टीरियल समूह को कहा जाता है. जो नॉर्मल एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से ठीक नहीं होते हैं. यह बीमारी उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है. जो लंबे समय तक एंटीबैक्टीरियल दवाइयों का सेवन करते हैं या बिना डॉक्टरी सलाह के बीमार होने पर एंटीबायोटिक दवाइयों का सादा सेवन करते (Dangerous to take antibiotics without advice ) हैं. सुपरबग आखिर क्या है? इसके लक्षण क्या है? किन लोगों में यह देखने को मिलते हैं? इस बारे में ईटीवी भारत ने हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता से बात की.

जाने क्या होता है सुपरबग : छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया " सुपरबग उस बैक्टीरियल समूह को नाम दिया गया है जो सामान्य एंटीबायोटिक से बहुत ज्यादा रजिस्ट्रेंट होता है. सुपरबग से हुए इन्फेक्शन को दूर करने के लिए बहुत ही ताकतवर या आज सामान्य किस्म के उच्च कोटि के एंटीबायोटिक देने की जरूरत पड़ती है.जो व्यक्ति लगातार एंटीबायोटिक बिना प्रशिक्षण के निजी दुकानों से खरीद कर खा रहे होते हैं , ऐसे मरीज जिनको गंभीर किस्म का संक्रमण होता है और लंबे समय से अस्पताल में एडमिट रहते हैं , हॉस्पिटल के संक्रमण से इंपैक्टेड होते हैं उनमें सुपरबग होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

सुपरबग संक्रमण होने की वजह : छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया " इन दिनों सुपर बग के अटेंशन का सबसे बड़ा कारण ये है क्योंकि भारत में बिना प्रिसक्रिप्शन और बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे मरीज जो लगातार एंटीबायोटिक खाते हैं या जिनमें रजिस्टेंस क्षमता कम है.उनमें सुपरबग के इंफेक्शन पाए जाते हैं. इस तरह के लक्षण पाए जाने पर सामान्य एंटीबायोटिक से भी कंट्रोल नहीं होने पर यह समझा जाता है कि व्यक्ति को सुपरबग (Increased risk of superbug in body) है."

सुपरबग बहुत ज्यादा चैलेंजिंग :छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया " चिकित्सा विज्ञान के लिए भारतीय कंडीशन में सुपरबग बहुत ज्यादा चैलेंजिंग है. भारत ऐसी जगह है जहां लगातार बिना सब्सक्रिप्शन और बिना डॉक्टरी सलाह के लोग एंटीबायोटिक ज्यादा मात्रा में खाते हैं. यह बहुत चिंता का विषय है कि ऐसे मरीज बहुत ज्यादा संख्या में मिलने लगे हैं. ऐसे मरीज जो हायर एंटीबायोटिक लंबे समय तक खाते रहे हैं खासकर भारत के परिपेक्ष में जहां दवाइयां खुलेआम बिना प्रिसक्रिप्शन के मिलती है यह बहुत ही चिंतनीय विषय है. "

सुपरबग संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

• बुखार

• थकान

• दस्त

• खांसी

• शरीर में दर्द

रायपुर : भारत में तेजी से सुपरबग के मरीज मिलने शुरू हो गए हैं. सुपरबग चिकित्सा क्षेत्र में कोई नया शब्द नहीं है. लेकिन हाल ही में इसके मरीज भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए यह शब्द आजकल काफी चर्चा में है. सुपरबग सामान्यता उस बैक्टीरियल समूह को कहा जाता है. जो नॉर्मल एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से ठीक नहीं होते हैं. यह बीमारी उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है. जो लंबे समय तक एंटीबैक्टीरियल दवाइयों का सेवन करते हैं या बिना डॉक्टरी सलाह के बीमार होने पर एंटीबायोटिक दवाइयों का सादा सेवन करते (Dangerous to take antibiotics without advice ) हैं. सुपरबग आखिर क्या है? इसके लक्षण क्या है? किन लोगों में यह देखने को मिलते हैं? इस बारे में ईटीवी भारत ने हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता से बात की.

जाने क्या होता है सुपरबग : छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया " सुपरबग उस बैक्टीरियल समूह को नाम दिया गया है जो सामान्य एंटीबायोटिक से बहुत ज्यादा रजिस्ट्रेंट होता है. सुपरबग से हुए इन्फेक्शन को दूर करने के लिए बहुत ही ताकतवर या आज सामान्य किस्म के उच्च कोटि के एंटीबायोटिक देने की जरूरत पड़ती है.जो व्यक्ति लगातार एंटीबायोटिक बिना प्रशिक्षण के निजी दुकानों से खरीद कर खा रहे होते हैं , ऐसे मरीज जिनको गंभीर किस्म का संक्रमण होता है और लंबे समय से अस्पताल में एडमिट रहते हैं , हॉस्पिटल के संक्रमण से इंपैक्टेड होते हैं उनमें सुपरबग होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

सुपरबग संक्रमण होने की वजह : छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया " इन दिनों सुपर बग के अटेंशन का सबसे बड़ा कारण ये है क्योंकि भारत में बिना प्रिसक्रिप्शन और बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे मरीज जो लगातार एंटीबायोटिक खाते हैं या जिनमें रजिस्टेंस क्षमता कम है.उनमें सुपरबग के इंफेक्शन पाए जाते हैं. इस तरह के लक्षण पाए जाने पर सामान्य एंटीबायोटिक से भी कंट्रोल नहीं होने पर यह समझा जाता है कि व्यक्ति को सुपरबग (Increased risk of superbug in body) है."

सुपरबग बहुत ज्यादा चैलेंजिंग :छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया " चिकित्सा विज्ञान के लिए भारतीय कंडीशन में सुपरबग बहुत ज्यादा चैलेंजिंग है. भारत ऐसी जगह है जहां लगातार बिना सब्सक्रिप्शन और बिना डॉक्टरी सलाह के लोग एंटीबायोटिक ज्यादा मात्रा में खाते हैं. यह बहुत चिंता का विषय है कि ऐसे मरीज बहुत ज्यादा संख्या में मिलने लगे हैं. ऐसे मरीज जो हायर एंटीबायोटिक लंबे समय तक खाते रहे हैं खासकर भारत के परिपेक्ष में जहां दवाइयां खुलेआम बिना प्रिसक्रिप्शन के मिलती है यह बहुत ही चिंतनीय विषय है. "

सुपरबग संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

• बुखार

• थकान

• दस्त

• खांसी

• शरीर में दर्द

Last Updated : Sep 19, 2022, 6:55 PM IST
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