रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में बजट के आय-व्यय पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष से पूछा कि " पंद्रह साल आपकी सरकार थी, आपके राज में गांव के गांव ख़ाली हो गए, पाँच हज़ार स्कूल बंद हो गए, आप क्या कर रहे थे, कैसा प्रशासन चल रहा था"? सीएम बघेल ने कहा कि "दिल्ली की सरकार ने हमारे काम को देखकर हमें पुरस्कार दिया. इस तथ्य के साथ कि योजनाओं में मिलने वाले केंद्र के अनुदान में अब अधिकांश पचास-पचास की हिस्सेदारी है."
कर्ज के मामले में विपक्ष को सुनाई खरी-खरी
कर्ज के मामले पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा "हम भोले-भाले किसानों के साथ छल नहीं करेंगे, हमें और क़र्ज़ा लेना पड़ा तो लेंगे, लेकिन किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, आप जिस व्यय की बात करते हैं वह आपके समय भी बढ़ा हुआ था. ओल्ड पेंशन स्कीम के बारे में भी बता देते कि सहमत हैं या नहीं " मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि "आप सत्तर साल की बात करते हैं तो कुछ नहीं, हम बीते पंद्रह साल की बात करें या दिल्ली की केंद्र सरकार की बात करें तो दिक़्क़त हो रही है"
कर्ज का प्रतिशत
- उत्तर प्रदेश 92%
- गुजरात 146%
- मध्यप्रदेश 125%
- हरियाणा 180%
- छत्तीसगढ़ 82%
बजट की सफलता से विपक्ष मौन- भूपेश बघेल
सीएम बघेल ने कहा, पूरे बजट के दौरान एक बार भी हमारे सदन के सदस्यों ने टोका-टाकी नहीं की, यह इस बजट की सफलता है. इतनी पतली सड़क बनाई की तीन साल में ही उखड़ गई, उस समय छत्तीसगढ़ नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज नक्सल घटनाओं में कमी आई है. 3000 स्कूलों का बंद होना आपकी उप्लब्धि है. आपने बोनस नहीं दिया और अब हमें कहते हैं कि बोनस दो. आपके कार्यकाल में किसान आत्महत्या करते थे. 27 लाख लोगों को मकान मिलता, आपके समय में सारी योजनाएं 60/40 की थी. क्षेत्र में 48 लाख हाउसहोल्ड है. हमने किसानों की कर्जमाफी की, 25 सौ में धान खरीदा, आज सभी अपने पसंद का मकान बना रहे हैं. मेरे पास भारत सरकार के आंकड़े है, हमारे राज्य की सड़कों में 99.75 कार्यों को संतोषप्रद पाया गया.सीएम भूपेश ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग दुनिया में नहीं हैं, आप उनसे सवाल करते हैं. उत्तर पाने के लिए वहीं जाना पड़ेगा
सड़कों का बिछाया जाल, फिर से की मरम्मत
रिपेयरिंग की बात की जाए तो 2020-21 में हमने 6 हजार 20 किलोमीटर सड़कों के नवीनकरण का टेंडर किया.जिसमें 3342 किलोमीटर स्वीकृत हुए हैं बाकी में कार्य जारी हैं. मेडिकल कॉलेज में हमारे तीन साल के कार्यकाल में कोरबा, कांकेर, महासमुंद और दुर्ग की स्वीकृति मिली है जल्द ही कार्य शुरू होगा. यहां के किसानों, मज़दूरों के हित में कर्ज लेना पड़े तो लेंगे लेकिन समझौता नहीं करेंगे. हम लगातार रोजगार दे रहे हैं, इसलिए स्थापना व्यय बढ़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री जी से इतने असत्य कथन की उम्मीद नहीं थी. कुपोषण में कमी आई है. हम बीपीएल, गरीब परिवार, 35 किलो प्रति परिवार चावल दे रहे हैं.