रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली के दाम और भी बढ़ सकते हैं. इस बात के संकेत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात के बाद रायपुर पहुंचे. जहां उन्होंने हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि "तीन चार हजार रुपए प्रति टन की जगह अगर विदेशों से 15 से 18 हजार रुपए टन का कोयला आएगा तो उत्पादन महंगा होगा ही. इस महंगे कोयले का अभी पूरा इफेक्ट आना बाकी है." हाल ही में छत्तीसगढ़ में बिजली के दाम 23 पैसा प्रति यूनिट बढ़े है. Electricity prices may increase in Chhattisgarh
बाहर से लाया कोयला महंगा इसलिए बिजली महंगी: आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "सैकड़ों यात्री ट्रेनों को बंद करने के बाद भी कोयला उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जितनी इस देश में खदान है वह पूर्ति नहीं कर पा रही है. इसके कारण से केंद्र सरकार विदेशों से कोयला मंगवा रही है. यहां का कोयला 3 4 हजार रुपया टन है बाहर का कोयला 15 से 18 हजार रुपया प्रति टन आ रहा है. इसके कारण बिजली उत्पादन महंगा हो गया है. अभी तो थोड़ा बढ़ा है यह और बढ़ेगा.जब आप 18 हजार रुपया प्रति टन में कोयला खरीदेंगे तो बिजली महंगी होगी. एनटीपीसी के जितने भी पावर प्लांट हैं वे बिजली दर बढ़ाएंगे तो राज्य में बिजली की कीमत बढ़ेगी नहीं? अभी और तैयार रहिए. इसका पूरी तरह जब इफेक्ट आएगा तो बिजली का बिल और बढ़ जाएगा."
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गरीबों की सवारी छीन ली: लगातार रद्द हो रही ट्रेनों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "केंद्र सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं कि आम जनता को क्या परेशानी हो रही है. ये लगातार ऐसे निर्णय ले रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान हो. जब से रेल यातायात शुरू हुआ है. तब से सरकार ने कभी रेल बंद नहीं किया है. आंदोलन के चलते बंद हो जाए या मरम्मत के लिए एक-दो दिन के लिए बंद हो जाए तो अलग है. महीनों-महीने तक के लिए सैकड़ों ट्रेनों को बंद कर दिया जाए ऐसा कभी नहीं हुआ. गरीब लोग, मध्यम श्रेणी के लोग जिससे सफर करते हों उसे बंद कर दिया. उनकी परेशानी से इनको कोई लेना-देना नहीं."
केंद्र का एजेंडा सिर्फ पैसे कमाना: भूपेश बघेल ने कहा, सेवा तो इनके एजेंडे में ही नहीं. इनका एजेंडा केवल पैसा कमाना है. चाहे वह तेल बेचकर हो. क्रूड आयल सस्ता हो गया, लेकिन आपको महंगा तेल मिलेगा. अब कोयला ढुलाई के नाम पर ये यात्री ट्रेन को बंद कर दिए हैं. कोयला ढुलाई करेगा तो फायदे में रहेगा ही. लेकिन पैसेंजर ट्रेन बंद है. जो चल रही है वह कई-कई घंटे लेट चल रही है. हिंदुस्तान को जोड़ने वाली जो सबसे बड़ी व्यवस्था है वह ट्रेनें हैं. उसको कमजोर करने और देर-सवेर बेचने की इनकी तैयारी है यह दिखने लगा है."