रायपुर: 6 अक्टूबर से पितृपक्ष खत्म हो जाएगा. पितृपक्ष के साथ-साथ मानसून के विदा होने का समय भी आ गया है. मौसम विभाग के मुताबिक 6 अक्टूबर से उत्तर पश्चिम भारत के कुछ भाग से मानसून की विदाई के प्रारंभ होने की प्रबल संभावना भी बन रही है. उत्तर पश्चिम भारत से मानसून की विदाई के लिए लगातार अनुकूल स्थिति बनी हुई है. छत्तीसगढ़ में अब तक 1118.1 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई है.
बात करें आज के मौसम की तो राजधानी में सोमवार को दिन के समय काले बादल छाए हुए थे. गरज-चमक के साथ हल्की बूंदाबांदी देखने को मिली थी. जिसके बाद फिर एक बार धूप निकलने के कारण उमस भरी गर्मी महसूस हुई. रात को राजधानी में काफी देर तक गरज-चमक होती रही. लेकिन बारिश नहीं हुई. मंगलवार की सुबह राजधानी में हल्के बादल छाए हुए हैं. उमस और गर्मी बराबर बनी हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि 6 अक्टूबर से उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ भाग से मानसून के विदाई की संभावना बन रही है.
आज कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना
मौसम विभाग के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा (Meteorologist HP Chandra )ने बताया कि आज प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ ही गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. इस दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है. मौसम विभाग का कहना है कि एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा उप हिमालयीन, पश्चिम बंगाल और उसके आसपास स्थित है, जो 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है, जिसके प्रभाव से मौसम में थोड़ी बहुत तब्दीली देखने को मिल सकती है.
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उत्तर पश्चिम भारत से मानसून की विदाई के लिए लगातार अनुकूल स्थिति बनी हुई है. 6 अक्टूबर से उत्तर पश्चिम भारत के कुछ भाग से मानसून की विदाई के प्रारंभ होने की प्रबल संभावना भी बन रही है. सोमवार को रायपुर के माना एयरपोर्ट पर सोमवार को अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री दर्ज किया गया. बिलासपुर में अधिकतम तापमान 35 डिग्री दर्ज किया गया. पेंड्रा रोड में अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री दर्ज किया गया. जगदलपुर में अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री दर्ज किया गया. दुर्ग में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री दर्ज किया गया. राजनादगांव में अधिकतम तापमान 33.7 डिग्री दर्ज किया गया.
मानसून की विदाई के 3 लक्षण
मौसम विभाग (Chhattisgarh Meteorological Department ) ने बताया कि मानसून की विदाई (monsoon end) 6 अक्टूबर से उत्तर पश्चिम भारत (north west india) से शुरू होने की संभावना है. एचपी चंद्रा ने मानसून की विदाई के 3 लक्षण बताएं. जिसमें पहला लक्षण राजस्थान के ऊपर एक प्रति चक्रवात बनना चाहिए और दूसरा लक्षण उस उपखंड में लगातार पांच दिन तक बारिश नहीं होना चाहिए. तीसरा लक्षण वातावरण में नमी के सार्थक स्तर में कमी होना चाहिए.