रायपुर : कोरोना की वजह से पिछले दो साल से कॉलेजों की वार्षिक परीक्षा ऑनलाइन हो रही थी. जिसमें परीक्षार्थियों के मार्क्स चौंकाने वाले थे. जिन बच्चों ने कभी 60 से ऊपर मार्क्स नहीं लाए थे. वे फर्स्ट डिवीजन में पास हुए. लेकिन, इस सत्र में वार्षिक परीक्षा से पहले प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम ने घर बैठे परीक्षा देकर उत्तीर्ण हो रहे विद्यार्थियों की पोल खोल कर रख (Candidates failed in pre-university exam in raipur) दी है. यूनिवर्सिटी एग्जाम में 80 फीसदी स्टूडेंट्स के परफॉर्मेंस खराब देखने को मिले हैं. प्राचार्यों की मानें तो 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स का प्रदर्शन बेहतर या उत्तीर्ण होने लायक है. ऐसे में ईटीवी भारत ने अलग-अलग महाविद्यालयों के प्राचार्यों से बात की. आइए जानते हैं क्या कहना है प्री यूनिवर्सिटी रिजल्ट प्राचार्यों का.
विद्यार्थियों की उपस्थिति तो रही लेकिन खराब प्रदर्शन : पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से संबंध ज्यादातर कॉलेजों में प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम पूरे हो गए हैं तो कुछ में एग्जाम जारी हैं. कॉलेजों के अनुसार इसमें विद्यार्थियों की उपस्थिति 80 से 90 फीसदी देखने को मिली, लेकिन ज्यादातर विद्यार्थी उत्तर लिख नहीं पाए. कुछ ने गंभीरता नहीं दिखाई दी. वहीं प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम में भले ही कुछ स्टूडेंट के प्रदर्शन खराब देखने को मिल रहे हैं, लेकिन कई स्टूडेंट्स पढ़ाई को गंभीरता से ले रहे हैं. 90 फीसदी स्टूडेंट प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम में शामिल हुए हैं.
20 फीसदी छात्र ही उत्तीर्ण : महंत महाविद्यालय के प्राचार्य देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि अभी प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम हुए हैं. जिसमें परीक्षार्थियों का रिजल्ट काफी निराशाजनक रहा. महज 20 फीसदी विद्यार्थी ऐसे रहे, जो केवल उत्तीर्ण हो पाए. यह चिंता का विषय है. हम बच्चों में कोशिश कर रहे थे कि इसके माध्यम से वे आने वाले वार्षिक परीक्षाओं को लेकर तैयार रहें. वहीं ऑनलाइन एग्जाम को लेकर विभाग ने इस साल भी परीक्षाएं ऑनलाइन लेने का आदेश जारी कर दिया है. जिसके बाद पूरा का पूरा एक बैच ऑनलाइन एग्जाम दिला कर पास आउट होगा तो निश्चित तौर पर उनके लिए या उनके भविष्य के लिए बेहतर नहीं हो सकता. क्योंकि हमने देखा कि ऐसे बच्चों के बौद्धिक स्तर में बहुत ज्यादा गिरावट आई है.
5 में से एक दो यूनिट ही हल कर पाए : विप्र कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय रायपुर के प्राचार्य डॉ मेघेश तिवारी का कहना है कि पांच यूनिट के प्रश्नों में से कोई एक यूनिट तो कोई दो यूनिट ही हल कर पाए, स्थिति बेहद खराब है. बहुत से बच्चे तो पास होने की स्थिति में भी नहीं दिखे. ऑनलाइन एग्जाम होने से न तो कोई पर्यवेक्षक होता है और न ही कोई जांच करने वाला. ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा से शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा.
छात्रों का निराशाजनक प्रदर्शन : अग्रसेन महाविद्यालय के प्राचार्य यूलेन्द्र राजपूत ने बताया कि प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम में बच्चों की उपस्थिति अच्छी रही, लेकिन रिजल्ट निराशाजनक था. बहुत से बच्चे पासिंग मार्क भी हासिल नहीं कर पाए. क्योंकि 2 साल बाद बच्चों का ऑफलाइन मोड पर एग्जाम हुआ. हालांकि यह प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम था, लेकिन बच्चों पर ऑनलाइन एग्जाम होने से उनके शिक्षा का स्तर काफी गिरा है. यह प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम में देखने को मिला, जो काफी चिंता का विषय है.