रायपुर : 'जनधन योजना' के पैसे खाते में आने से लगातार लोगों की भीड़ बैंकों में इकट्ठा हो रही थी. सोशल डिस्टेंसिंग का लोग पालन करते नहीं दिख रहे थे. इस बीच राजधानी से एक अच्छी खबर सामने आई है. ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग सेक्टर में नए मददगार के रूप में बीसी सखियां सामने आई हैं. इन्होंने ग्रामीणों के घर पहुंचकर पेंशन, मजदूरी भुगतान सहित अन्य बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.
लॉकडाउन के बीच 55 बीसी सखियों ने 2 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान ग्रामीणों को किया है. वहीं इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक करीब 48 करोड़ रुपए का पेंशन और मजदूरी का भुगतान किया गया है.
बता दें कि बीसी सखी ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा देने के लिए लैपटॉप, स्वाइप मशीन और पॉश मशीन का उपयोग करती हैं. बैंक की ओर से भुगतान की लिमिट भी तय की गई है. बीसी सखियों को भुगतान के एवज में बैंक कमीशन देता है. कमीशन के रूप में उन्हें हर महीने 4 से 5 हजार रुपए मिलते हैं.
फिजिकल डिस्टेंस का हो रहा पालन
बीसी सखी के माध्यम से एक ओर ग्रामीणों को घर में ही बैंकिंग सुविधा मिल रही है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. इसके आलावा लॉकडाउन में नियमों की धज्जियां भी नहीं उड़ रही हैं. खुद लॉकडाउन के निर्देशों और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वे ग्रामीणों में जागरूकता का फैला रही हैं. गांव-गांव जाकर लोगों को फिजिकल डिस्टेंस और स्वच्छता का महत्व समझाने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है.