रायपुर: इस साल भी राज्य सरकार धान की खरीदी करने जा रही है. सरकार ने इसकी तैयारी लगभग पूर्ण कर ली है. धान खरीदी के दौरान किसी तरह की किसानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए भी इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं. संभावना जताई जा रही है कि समय सीमा के अंदर धान खरीदी का निर्धारित लक्ष्य (Paddy procurement target) को पूरा कर लिया जाएगा.
सरकार की तैयारी लगभग पूर्ण
धान खरीदी को लेकर लगातार तैयारियों का दौर जारी है. संबंधित विभागों ने इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य योजना बना रखी है. किसी भी धान खरीदी केंद्र में किसानों को परेशानी न हो इसके लिए विभाग ने संबंधित अधिकारियों को सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.
खरीदी केंद्रों पर बढ़ाई गई सुविधा
धान खरीदी केंद्रों पर धान बेचने आने वाले किसानों के लिए पानी, बिजली और बैठने की व्यवस्था की गई है. फास्ट एंड बॉक्स का भी इंतजाम किया गया है. इसके अलावा कंप्यूटर ऑपरेटर इंटरनेट और कर्मचारियों की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.
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105 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ में इस साल 105 लाख मैट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. पिछले साल लगभग 92 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई.
दो लाख नए किसानों का रजिस्ट्रेशन
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जानी है इसके लिए इस साल लगभग दो लाख नए किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.
85 हजार गठान बारदाना की उपलब्धता
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 2 लाख 55 हजार गठन बारदाने की मांग की थी जिसके एवज में अब तक महज 85 हजार गठन नहीं मिल सका है. ऐसे में राज्य सरकार ने इस बार किसानों से अपने बारदाने के साथ धान बेचने की अपील की है.
बारदाने की कीमत तय
राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए धान एवं मक्का खरीदी में उपयोग किए जाने वाले पुराने जूट बारदाने की दर निर्धारित किया गया है. प्रति नग जूट बारदाने की दर 18 रुपए निर्धारित की गई है.
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भंडारण एवं सुरक्षा के लिए दी गई अग्रिम राशि
कलेक्टर विपणन वर्ष 2021-22 के लिए रायपुर जिले में समितियों को भंडारण एवं सुरक्षा के लिए एक करोड़ 74 हजार की अग्रिम राशि प्रदान की है. रायपुर जिला के अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 50,37,143 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी.
जिसके आधार पर इस वर्ष 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य धान खरीदी के लिए प्रारंभिक तैयारी प्रति क्विंटल 2 रुपए के औसत से 1 करोड़ 74 हजार रुपये बैंक में प्राप्त हुआ है. यह राशि गत 17 नवंबर को जिले के 126 समितियों के खातों में ऑनलाइन जमा कर दी गई है.
पड़ोसी राज्यों का बॉर्डर किया गया सील
धान खरीदी शुरू होते ही पड़ोसी राज्यों से भी छत्तीसगढ़ में धान की आवक शुरू हो जाती है. इसे देखते हुए इस बार सरकार ने पड़ोसी राज्यों पर पैनी नजर जमा रखी है. दूसरे राज्यों की बॉर्डर को सील करने के लिए भी निर्देशित किया गया है. ताकि वहां का धान छत्तीसगढ़ ना आ सके. छत्तीसगढ़ धान आने की मुख्य वजह है कि यहां धान के समर्थन मूल्य से अतिरिक्त राशि मिलता है.
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केंद्रीय पूल में नहीं जाएगा उसना चावल
केंद्रीय पूल के अंतर्गत इस साल 61.65 लाख टन अरवा चावल लेने की अनुमति मिली है. लेकिन उसना चावल नहीं लिया जाएगा. छत्तीसगढ़ में 40 फीसदी ऐसे धान की खेती होती है, उसना चावल ही बन सकता है. अरवा मिलिंग करने पर चावल में ब्रोकन ज्यादा आता है. 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 61 लाख मैट्रिक टन चावल उपार्जन का लक्ष्य दिया है.
राज्य सरकार के सामने कई चुनौतियां
धान खरीदी को लेकर सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं. जहां एक और केंद्रीय पूल में उसना चावल नहीं लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है वहीं बारदाने की कमी भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसके अलावा धान का समर्थन मूल्य को लेकर भी केंद्र ओर राज्य सरकार के बीच टकराव देखने को मिल रहा है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए धान खरीदी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़ी है.
इन चुनौतियों के बीच भी राज सरकार धान खरीदी को लेकर पूरी तरह से तैयार है. यह दावा खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने किया है. अमरजीत भगत का कहना है कि एक के बाद एक केंद्र सरकार धान खरीदी में अड़चनें पैदा कर रही है. कभी बारदाने की कमी, कभी धान का समर्थन मूल्य ज्यादा दिए जाने का विरोध तो कभी केंद्रीय पूल में उसना चावल न लिए जाने की बात.