रायपुरः शारदीय नवरात्र चल रहा है. देश भर में मां शक्ति के नौ रूपों की पूजा हो रही है. शक्ति का दूसरा रूप नारी है. माता, बेटी और बहू में नारी शक्ति के रूप में पहचानी जाती है. ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की नव दुर्गा में आज हम आपको एक ऐसी नारी शक्ति से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो मां बम्लेश्वरी (Maa Bamleshwari) के दरबार में अंडर ट्रेनिंग के दौरान एक बुजुर्ग महिला को हाथों में उठा कर करीब 100 सीढ़ी चढ़ी और बुजुर्ग महिला को मां बम्लेश्वरी का दर्शन कराया. इस मात्र एक नेकी ने महिला आरक्षक को रातों-रात स्टार बना दिया. दरअसल, बुजुर्ग महिला को अपने सीने से लगाते हुए मंदिर की ऊंची सीढ़ियां चढ़ने, दर्शन कराने का पूरा वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर छा सा गया. हम बात कर रहे हैं महिला आरक्षक पूजा देवांगन (Female Constable Pooja Devangan) के बाबत...
सवाल: बुजुर्ग को दर्शन कराने के बाद सोशल मीडिया में आप स्टार बन गईं, कैसी अनुभूति हुई?
जवाब: सच कहूं तो एक ऐसा फीलिंग है, जिसको हम कभी एक्सप्लेन नहीं कर सकते. यह सारी फीलिंग से बढ़कर जो था. वह सारी फीलिंग मुझे तत्काल मिल गई थी. जैसे ही मैंने दर्शन करवाया उस लेडी को, तो उसके हस्बैंड ने जेब से कुछ पैसे निकाले. उन्होंने मेरे सामने हाथ बढ़ाया कि पैसे ले लूं. उन्होंने कहा कि आपने मेरी सहायता की है. आपने मेरी वाइफ को दर्शन करवाया. उसके बाद मैंने उनको सीधा नकार दिया और कहा कि देखिए सर, यह मेरी ड्यूटी है. मेरा काम ही है कि मैं दर्शन कराऊं. उस समय जो सटिस्फेक्शन था. मैंने उनसे कहा कि आज आपके बल-बूते माता के दर्शन कर ली. इस सटिस्फेक्शन (Satisfaction) से बढ़कर और कोई चीज नहीं है. इसके बाद मुझे कई अवॉर्ड्स मिले. आप लोगों ने भी खूब सराहा. जनता ने भी बहुत प्यार दिया. इसके लिए मेरे पास शब्द नहीं है. मैं इसके लिए हमेशा शुक्रगुजार रहूंगी. कोशिश रहेगी कि मैं आगे भी अच्छा करती रहूं. सच कहूं तो आपके मन में यदि इंसानियत है तो आप इंसानियत से बढ़कर और कुछ नहीं हैं. यह हमेशा हर एक पर्सन के अंदर होती है और इसे लाना चाहिए.
सवाल: वर्दी पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. आपने उन सवालों का जवाब दिया. डीजीपी ने क्या कहा?
जवाब: मुझे डीजीपी साहब से इंद्रधनुष पुरस्कार से सम्मानित किया. चूंकि 2 दिन में बहुत ज्यादा वायरल हो गई थी. हालांकि मैं लिस्टेड नहीं थी. फिर भी मुझे बुलाया गया और सबसे पहले कार्यक्रम के शुरुआत में ही मुझे डीजीपी (DGP) साहब ने बुलाया. इस मामले पर मुझे कहने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा कार्य किया है. आगे भी इस तरह का नेक कार्य जारी रखना ताकि पुलिस-प्रशासन (Police Administration) पर हमेशा जो उंगलियां उठती रही हैं, उनके बीच पुलिस का मानवीय चेहरा भी लोगों तक पहुंच सके. मैं इसमें एक छोटी सी सहभागिता कर पाई. यह मेरे लिए काफी खुशी की बात है.
सवाल: आप लोगों को क्या संदेश देना चाहती हैं?
जवाब: मुझे ऐसा लगता है कि जिंदगी बहुत लंबी है. हर छोटे-छोटे पहलुओं, अनुभवों के सहारे हम जिंदगी की सीढ़ियां चढ़ते हैं. मुझे ऐसा लगता है कि हम हर एक अनुभव को अपने अच्छे कामों में लगाएं. क्योंकि अच्छा काम ही आपको अच्छे लोगों से मिलाता है और अच्छी जिंदगी देता है. जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए एक चीज और भी है. वह फिजिकल फिटनेस से कहीं ज्यादा मेंटल फिटनेस की जरूरत है.