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Rabindranath Tagore Jayanti 2022 : रबीन्द्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती आज, जानिए कैसे अब भी दे रहे हैं प्रेरणा ? - Rabindranath Tagore birth anniversary

आज पूरा देश नोबेल पुरस्कार से सम्मानित युगपुरुष रबींद्रनाथ टैगोर का जन्मदिवस मना (Rabindranath Tagore birth anniversary) रहा है. रबींद्रनाथ कला के धनी थे.आज भी उनके कथन लोगों के लिए मार्गदर्शन का काम कर रहे हैं.

Rabindranath Tagore Jayanti 2022
रबीन्द्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती आज
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Published : May 7, 2022, 4:42 PM IST

रायपुर : आज रबीन्द्रनाथ टैगोर का 161 वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. रबीन्द्रनाथ टैगोर को जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था. रबीन्द्र जी ने ही भारत के राष्ट्रगान 'जन-गन-मन' की रचना (Rabindranath Tagore birth anniversary) की. महात्मा गांधी ने रबीन्द्र जी को 'गुरूदेव' की उपाधि दी थी.

आजादी की लड़ाई में छोड़ी अमिट छाप : साहित्य जगत के साथ ही देश की आजादी के आंदोलन में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर का आज 161वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कोलकाता के एक संपन्न परिवार में हुआ था. रबीन्द्रनाथ जी को साल 1913 में उनकी कृति गीतांजली के लिए साहित्य श्रेणी के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. वह भारत के साथ ही एशिया महाद्वीप में नोबेल पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति हैं.

युगपुरुष के तौर पर बनाई पहचान : रबीन्द्रनाथ ने एक लेखक के साथ ही संगीतकार, नाटककार, गीतकार, चित्रकार और कवि के तौर पर इतिहास में युगपुरुष के रूप में अपनी पहचान बनाई. उनका गीत 'आमार सोनार बांग्ला' बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत भी है. महात्मा गांधी ने रबीन्द्र जी को 'गुरूदेव' की उपाधि दी थी. उनकी मौत 7 अगस्त 1941 को हुई थी.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रकवि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का बिलासपुर से क्यों है बड़ा नाता?, आप भी जानें..

आप भी पढ़िए रबीन्द्रनाथ टैगोर के कुछ विचारों को जो आज भी लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं.

1.कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी.

2. जब विनम्र होते हैं, तब हम महानता के सबसे करीब होते हैं.

3. फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते.

4. मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है.

5. हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम इस दुनिया से प्रेम करते हैं.

6. यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा.

रायपुर : आज रबीन्द्रनाथ टैगोर का 161 वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. रबीन्द्रनाथ टैगोर को जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था. रबीन्द्र जी ने ही भारत के राष्ट्रगान 'जन-गन-मन' की रचना (Rabindranath Tagore birth anniversary) की. महात्मा गांधी ने रबीन्द्र जी को 'गुरूदेव' की उपाधि दी थी.

आजादी की लड़ाई में छोड़ी अमिट छाप : साहित्य जगत के साथ ही देश की आजादी के आंदोलन में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर का आज 161वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कोलकाता के एक संपन्न परिवार में हुआ था. रबीन्द्रनाथ जी को साल 1913 में उनकी कृति गीतांजली के लिए साहित्य श्रेणी के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. वह भारत के साथ ही एशिया महाद्वीप में नोबेल पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति हैं.

युगपुरुष के तौर पर बनाई पहचान : रबीन्द्रनाथ ने एक लेखक के साथ ही संगीतकार, नाटककार, गीतकार, चित्रकार और कवि के तौर पर इतिहास में युगपुरुष के रूप में अपनी पहचान बनाई. उनका गीत 'आमार सोनार बांग्ला' बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत भी है. महात्मा गांधी ने रबीन्द्र जी को 'गुरूदेव' की उपाधि दी थी. उनकी मौत 7 अगस्त 1941 को हुई थी.

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आप भी पढ़िए रबीन्द्रनाथ टैगोर के कुछ विचारों को जो आज भी लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं.

1.कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी.

2. जब विनम्र होते हैं, तब हम महानता के सबसे करीब होते हैं.

3. फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते.

4. मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है.

5. हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम इस दुनिया से प्रेम करते हैं.

6. यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा.

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