रायगढ़: गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायगढ़ पहुंचे. इस दौरान रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक और जिले के वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता, ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष और समस्त कार्यकर्ता मौजूद थे. भूपेश बघेल ने बताया कि वह कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करके रायगढ़ लौटे हैं. कई महीनों से वे रायगढ़ नहीं आए थे इसलिए उन्होंने देर रात रायगढ़ में रुकने और अपने कार्यकर्ताओं से मिलने का निर्णय लिया. भूपेश बघेल रायपुर न जाते हुए दिल्ली से सीधे रायगढ़ पहुंचे थे. आज वे जशपुर दौरे पर रहेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी से भी चर्चा की. बघेल ने बताया कि इस दौरान कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई और छत्तीसगढ़ की तारीफ भी सुनने को मिली. वित्त मंत्री से उन्होंने कई विशेष मुद्दों पर प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए विशेष चर्चा की है, जिसका भविष्य में बेहतर परिणाम मिल सकता है.
शुक्रवार को करेंगे जशपुर दौरा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि वह शुक्रवार को जशपुर का दौरा करेंगे. जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चर्चा के साथ ही जिले के विकास के लिए बेहतर कार्य करने और जिले में हो रहे विकासकार्यों की समीक्षा करेंगे. भूपेश बघेल जशपुर में कई विकासकार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे.
प्रदेश में बढ़ रहे किसान
धान खरीदी और किसानों के बड़े आंकड़े को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के धान खरीदी मॉडल को केंद्र सरकार चाहे तो अपना सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग ढाई लाख से अधिक किसान बढ़े हैं और खेती का रकबा भी बड़ा है, जो अपने आप में एक अच्छा संकेत है. एक तरफ लोग खेती छोड़ रहे हैं, तो वहीं प्रदेश में किसान और खेती की जमीन बढ़ रही है. यह एक अच्छा संकेत है. न्यूनतम समर्थन मूल्य और केंद्र सरकार के एक राष्ट्र एक बाजार की नीति पर भी भूपेश बघेल ने जमकर निशाना साधा.
किसान विरोधी कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं किसान
केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर भी बघेल ने कहा कि सरकार का बनाया गया कानून किसानों के हित में ना होकर उद्योग और पूंजीपतियों के हित में है, इसलिए किसान इसका विरोध कर रहे हैं. जब किसानों की मेहनत का फल किसानों को ना मिलकर अन्य किसी को मिलेगा, तब किसान उसका विरोध खुद करेंगे ही. यदि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित कर दे, तो किसान आंदोलन नहीं करेंगे.
न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं कर पा रही है केंद्र सरकार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के ऊपर जमकर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र सरकार के बनाए गए नए कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधा. भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार अभी तक किसानों के फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय नहीं कर पा रही है, इससे उन किसानों को काफी नुकसान होगा, जो अपनी मेहनत की सही कीमत नहीं पाएंगे. इसका उदाहरण देख सकते हैं कि झारखंड, ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों में किसान हजार रुपए से 1500 रुपए क्विंटल में धान बेच रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में 2500 रुपए प्रति क्विंटल के साथ किसानों को 6000 रुपए राजीव गांधी न्याय योजना के तहत रुपए सीधे बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के धान खरीदी मॉडल को चाहे तो अपना सकती है और किसानों को उनकी मेहनत का सही फल दे सकती है.