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मांगों को लेकर सड़क पर उतरे सफाई कर्मी, कोरबा में कलेक्ट्रेट का घेराव - प्रदर्शन और नारेबाजी

कोरबा जिले में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मी सड़क पर उतर गए. उन्होंने सरकार और नगर निगम प्रशासन (Government and Municipal Administration) के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को लेकर अनदेखी की जा रही है. जिसकी वजह से वह आज आंदोलन के लिए विवश हुए हैं

Demonstration of cleaning workers in Korba
कोरबा में सफाई कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Nov 29, 2021, 3:16 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 8:34 PM IST

कोरबाः जिले में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मी सड़क पर उतर गए. उन्होंने सरकार और निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को लेकर अनदेखी की जा रही है.

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कलेक्ट्रेट का घेराव

जिसकी वजह से वह आज आंदोलन के लिए विवश हुए हैं. मुख्य रूप से वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर निगम के सफाई कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया (Cleanliness workers surrounded DM office). इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही. प्रदर्शनकारी सफाईकर्मी काफी देर तक विरोध जताते रहे. सफाई कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी. सफाई कर्मचारी कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे.लेकिन अंत में सिटी मजिस्ट्रेट कौशल तेंदुलकर ने सफाई कर्मचारियों से ज्ञापन स्वीकार किया और उनकी मांगों को शासन को भेजकर समाधान की मांग की है.

6 हजार रुपये में कैसे करें गुजारा-सफाई कर्मी

हाल ही में नगर पालिक निगम कोरबा को गार्बेज फ्री सिटी के तौर पर 3 स्टार का इनाम मिला है. जिसमें डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली दीदियों का अहम योगदान है. लेकिन इन्हें वेतन के तौर पर 6000 रूवाये प्रति माह का मानदेय प्रदान किया जाता है.सफाई कर्मचारियों के तौर पर काम करने वाली महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने कहा कि हमें महीने का 6000 रुपये मानदेय प्रदान किया जाता है. सामाजिक सुरक्षा या चिकित्सकीय सुविधा भी नहीं मिलती. इतने कम पैसों में परिवार का गुजारा करना वर्तमान परिवेश में बेहद मुश्किल होता जा रहा है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ ही अन्य जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती. हमने पहले भी वेतन बढ़ाए जाने की मांग की थी. लेकिन हर बार हमें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है.

कोरबाः जिले में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मी सड़क पर उतर गए. उन्होंने सरकार और निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को लेकर अनदेखी की जा रही है.

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कलेक्ट्रेट का घेराव

जिसकी वजह से वह आज आंदोलन के लिए विवश हुए हैं. मुख्य रूप से वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर निगम के सफाई कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया (Cleanliness workers surrounded DM office). इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही. प्रदर्शनकारी सफाईकर्मी काफी देर तक विरोध जताते रहे. सफाई कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी. सफाई कर्मचारी कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे.लेकिन अंत में सिटी मजिस्ट्रेट कौशल तेंदुलकर ने सफाई कर्मचारियों से ज्ञापन स्वीकार किया और उनकी मांगों को शासन को भेजकर समाधान की मांग की है.

6 हजार रुपये में कैसे करें गुजारा-सफाई कर्मी

हाल ही में नगर पालिक निगम कोरबा को गार्बेज फ्री सिटी के तौर पर 3 स्टार का इनाम मिला है. जिसमें डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली दीदियों का अहम योगदान है. लेकिन इन्हें वेतन के तौर पर 6000 रूवाये प्रति माह का मानदेय प्रदान किया जाता है.सफाई कर्मचारियों के तौर पर काम करने वाली महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने कहा कि हमें महीने का 6000 रुपये मानदेय प्रदान किया जाता है. सामाजिक सुरक्षा या चिकित्सकीय सुविधा भी नहीं मिलती. इतने कम पैसों में परिवार का गुजारा करना वर्तमान परिवेश में बेहद मुश्किल होता जा रहा है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ ही अन्य जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती. हमने पहले भी वेतन बढ़ाए जाने की मांग की थी. लेकिन हर बार हमें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है.

Last Updated : Nov 29, 2021, 8:34 PM IST
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