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छत्तीसगढ़ के इस जिले में पैदा होते हैं इंटरनेशनल खिलाड़ी

कोरबा जिला यूं तो खिलाड़ियों के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां पर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी तैयार हो रहे (International players are born in this district of Chhattisgarh ) हैं.

International players are born in this district of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के इस जिले में पैदा होते हैं इंटरनेशनल खिलाड़ी
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Published : May 27, 2022, 12:28 PM IST

Updated : May 27, 2022, 11:22 PM IST

कोरबा : किक बॉक्सिंग का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में कोरबा को कहना गलत नहीं होगा. फिर चाहे वह स्कूल लेवल की प्रतियोगिताएं हो, ओपन टूर्नामेंट, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय. किक बॉक्सिंग में कोरबा के खिलाड़ियों का सदैव दबदबा रहा है. छत्तीसगढ़ की इकलौती किक बॉक्सिंग अकैडमी सीएमए कोरबा शहर में संचालित है. जहां किक बॉक्सिंग के खेल में रुचि रखने वाले बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. अब किक बॉक्सिंग को ओलंपिक ने मान्यता प्रदान कर दी है. जिससे खिलाड़ियों का जोश दोगुना हो चुका है.

क्या है किक बॉक्सिंग का खेल : मार्शल आर्ट का ही एक फॉर्म है (Kick boxing is like martial arts) किक बॉक्सिंग . लेकिन इसमें लात और मुक्के दोनों तरह से फाइटिंग की जाती है. दोनों तरह से अंक खिलाड़ियों को दिए जाते हैं. इसलिए इसे सामान्य बॉक्सिंग से थोड़ा खतरनाक भी माना जाता है. यह स्टैंड अप कॉम्बेट स्पोर्ट्स का ही एक समूह है. जोकि किकिंग और पंचिंग पर आधारित बॉक्सिंग का एक रूप है. किक बॉक्सिंग का मुकाबला सामान्य बॉक्सिंग की तरह बॉक्सिंग रिंग में ही होता है. जिसमें मुक्केबाजी के दस्ताने, माउथगार्ड, शॉर्ट्स और नंगे पैर किक का उपयोग किया जाता है. इस खेल के भी कई कैटेगरी होते हैं. वजन के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों और उम्र में खिलाड़ी खेल में हिस्सा लेते हैं.

कोरबा में तैयार होते हैं इंटरनेशनल खिलाड़ी

कितने खिलाड़ी हो रहे हैं तैयार : कोरबा के किकबॉक्सिंग अकेडमी (Kick boxing players are getting ready in Korba ) में सुबह 7 से 9 तक के बैच में 70 से 80 बच्चों और युवाओं को किकबॉक्सिंग की नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. यहां के संस्थापक तारकेश मिश्रा का कहना है कि "जब से किक बॉक्सिंग को ओलंपिक ने मान्यता दी है. खिलाड़ियों का जोश बढ़ गया है, अभी हमारे पास संसाधनों की कमी है. लेकिन सीमित संसाधनों में भी हम खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं.

खिलाड़ियों का क्या है कहना : शहर के मोहम्मद जुनेद आलम किक बॉक्सिंग के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. जुनैद बताते हैं कि "मैंने नेपाल जाकर किक बॉक्सिंग की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. जहां मुझे गोल्ड मेडल मिला. वहां 5 से 6 देशों के किक बॉक्सिंग के खिलाड़ी आए थे. यहां भी कोरबा के खिलाड़ियों का दबदबा था. अब किक बॉक्सिंग के खेल में थोड़ा विकास हो रहा है. युवा इसमें रुचि ले रहे हैं. अकेडमी में हम खुद प्रैक्टिस करने के साथ ही बच्चों को भी तैयार कर रहे हैं.''


सपोर्ट की कितनी जरुरत : किक बॉक्सिंग के राष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट प्रभात साहू (National Gold Medalist Prabhat Sahu) कड़ी मेहनत कर रहे हैं. प्रभात कहते हैं कि ''किक बॉक्सिंग के खेल में मुझे मजा आता है। प्रभात कहते हैं कि मैंने राष्ट्रीय स्तर पर और स्कूल गेम्स को मिलाकर कई मेडल जीते हैं.5 बार गोल्ड मेडल हासिल किया है, लेकिन दुख तब होता है जब उतना सपोर्ट नहीं मिलता। जितना क्रिकेटर जैसे खेलों को मिलता है.''

कोरबा में कितने इंटरनेशनल खिलाड़ी: कोरबा किक बॉक्सिंग के लिहाज से छत्तीसगढ़ का मुख्यालय है. अकेले कोरबा जिले में किक बॉक्सिंग के 13 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. जो अलग-अलग अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मेडल प्राप्त कर चुके हैं. अकेडमी के संचालक तारकेश मिश्रा छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. जिसका लाभ जिले के खिलाड़ियों को भी मिलता है. जिले में किक बॉक्सिंग के ऐसे कई खिलाड़ी हैं. जिन्होंने स्कूल गेम्स के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल किया है.

कोरबा : किक बॉक्सिंग का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में कोरबा को कहना गलत नहीं होगा. फिर चाहे वह स्कूल लेवल की प्रतियोगिताएं हो, ओपन टूर्नामेंट, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय. किक बॉक्सिंग में कोरबा के खिलाड़ियों का सदैव दबदबा रहा है. छत्तीसगढ़ की इकलौती किक बॉक्सिंग अकैडमी सीएमए कोरबा शहर में संचालित है. जहां किक बॉक्सिंग के खेल में रुचि रखने वाले बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. अब किक बॉक्सिंग को ओलंपिक ने मान्यता प्रदान कर दी है. जिससे खिलाड़ियों का जोश दोगुना हो चुका है.

क्या है किक बॉक्सिंग का खेल : मार्शल आर्ट का ही एक फॉर्म है (Kick boxing is like martial arts) किक बॉक्सिंग . लेकिन इसमें लात और मुक्के दोनों तरह से फाइटिंग की जाती है. दोनों तरह से अंक खिलाड़ियों को दिए जाते हैं. इसलिए इसे सामान्य बॉक्सिंग से थोड़ा खतरनाक भी माना जाता है. यह स्टैंड अप कॉम्बेट स्पोर्ट्स का ही एक समूह है. जोकि किकिंग और पंचिंग पर आधारित बॉक्सिंग का एक रूप है. किक बॉक्सिंग का मुकाबला सामान्य बॉक्सिंग की तरह बॉक्सिंग रिंग में ही होता है. जिसमें मुक्केबाजी के दस्ताने, माउथगार्ड, शॉर्ट्स और नंगे पैर किक का उपयोग किया जाता है. इस खेल के भी कई कैटेगरी होते हैं. वजन के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों और उम्र में खिलाड़ी खेल में हिस्सा लेते हैं.

कोरबा में तैयार होते हैं इंटरनेशनल खिलाड़ी

कितने खिलाड़ी हो रहे हैं तैयार : कोरबा के किकबॉक्सिंग अकेडमी (Kick boxing players are getting ready in Korba ) में सुबह 7 से 9 तक के बैच में 70 से 80 बच्चों और युवाओं को किकबॉक्सिंग की नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. यहां के संस्थापक तारकेश मिश्रा का कहना है कि "जब से किक बॉक्सिंग को ओलंपिक ने मान्यता दी है. खिलाड़ियों का जोश बढ़ गया है, अभी हमारे पास संसाधनों की कमी है. लेकिन सीमित संसाधनों में भी हम खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं.

खिलाड़ियों का क्या है कहना : शहर के मोहम्मद जुनेद आलम किक बॉक्सिंग के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. जुनैद बताते हैं कि "मैंने नेपाल जाकर किक बॉक्सिंग की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. जहां मुझे गोल्ड मेडल मिला. वहां 5 से 6 देशों के किक बॉक्सिंग के खिलाड़ी आए थे. यहां भी कोरबा के खिलाड़ियों का दबदबा था. अब किक बॉक्सिंग के खेल में थोड़ा विकास हो रहा है. युवा इसमें रुचि ले रहे हैं. अकेडमी में हम खुद प्रैक्टिस करने के साथ ही बच्चों को भी तैयार कर रहे हैं.''


सपोर्ट की कितनी जरुरत : किक बॉक्सिंग के राष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट प्रभात साहू (National Gold Medalist Prabhat Sahu) कड़ी मेहनत कर रहे हैं. प्रभात कहते हैं कि ''किक बॉक्सिंग के खेल में मुझे मजा आता है। प्रभात कहते हैं कि मैंने राष्ट्रीय स्तर पर और स्कूल गेम्स को मिलाकर कई मेडल जीते हैं.5 बार गोल्ड मेडल हासिल किया है, लेकिन दुख तब होता है जब उतना सपोर्ट नहीं मिलता। जितना क्रिकेटर जैसे खेलों को मिलता है.''

कोरबा में कितने इंटरनेशनल खिलाड़ी: कोरबा किक बॉक्सिंग के लिहाज से छत्तीसगढ़ का मुख्यालय है. अकेले कोरबा जिले में किक बॉक्सिंग के 13 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. जो अलग-अलग अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मेडल प्राप्त कर चुके हैं. अकेडमी के संचालक तारकेश मिश्रा छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. जिसका लाभ जिले के खिलाड़ियों को भी मिलता है. जिले में किक बॉक्सिंग के ऐसे कई खिलाड़ी हैं. जिन्होंने स्कूल गेम्स के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल किया है.

Last Updated : May 27, 2022, 11:22 PM IST
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