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ऑक्शन के जरिए एसपी और कलेक्टर की पोस्टिंग, छत्तीसगढ़ में कर्ज के मामले में टूटा रिकॉर्ड : डॉ. रमन सिंह - प्रधानमंत्री आवास योजना

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh) बुधवार को कोरबा जिले के प्रवास पर रहे. स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद डॉ. रमन सिंह ने प्रेस को संबोधित किया. प्रेस वार्ता के लिए वह टीपी नगर के तिलक भवन में मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

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प्रदेश सरकार पर निशाना
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Published : Dec 8, 2021, 10:32 PM IST

कोरबाः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh) बुधवार को कोरबा जिले के प्रवास पर रहे. स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद डॉ. रमन सिंह ने प्रेस को संबोधित किया. प्रेस वार्ता के लिए वह टीपी नगर के तिलक भवन में मौजूद रहे.

इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने यहां तक कह डाला कि वर्तमान परिवेश में जिलों में कलेक्टर एसपी सहित अधिकारियों की पोस्टिंग ऑक्शन (नीलामी) से हो रही है. सचिवालय और पान ठेलों में खुलेआम चर्चा है कि इतना पैसा दिया जिससे पोस्टिंग हुई.

आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा राज्य
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक बदहाली के दौर से छत्तीसगढ़ गुजर रहा है (Chhattisgarh is passing through a period of economic crisis). हमने छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन किया इस दौरान हमने कुल मिलाकर 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. लेकिन वर्तमान की कांग्रेस सरकार महज 3 साल में ही 40 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. यह कर्ज भी किस लिए लिया गया समझ के परे है, इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास (infrastructure and development) के कोई काम दिख नहीं रहे हैं. पीएम आवास के मामले पर डॉ. रमन सिंह बेहद हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister's Housing Scheme) के तहत 2022 तक सबको आवास देने की योजना थी. यह प्रधानमंत्री का सपना था जिसमें 60 और 40 फीसदी का रेशियी रहता है.

प्रदेश सरकार पर निशाना

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राज्य ने नहीं दिया अपने हिस्से का अंशदान
2020-21 में केंद्र ने 7 लाख 81 हजार आवास कैंसिल कर दिया. केंद्र ने अपने अंश के तौर पर 5 हजार 630 करोड़ रुपए केंद्र ने प्रदान किए लेकिन राज्य ने अपने हिस्से का 3 हजार 700 करोड़ रुपए का अंशदान नहीं दिया. केंद्र ने तीन बार नोटिस दिया केंद्र सरकार के सचिव ने राज्य सरकार से यह पूछा कि आप अपना अंशदान नहीं दे रहे हैं, तो क्यों ना आपके आवासों को निरस्त कर इसे दूसरे राज्य में बांट दिया जाए? राज्य सरकार के द्वारा पैसे नहीं देने के कारण 11 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

इतने आवास बनते तो छत्तीसगढ़ के अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती. गरीबों को उनका आवास मिलता, लेकिन राज्य आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है. इनके पास इतने पैसे भी नहीं है कि वह योजना का क्रियान्वयन कर सकें. हाल में सरकार ने कमीशन के चक्कर में 20 हजार महिला समितियों से रोजगार छीन लिया. हमने रेडी टू ईट का काम महिला समूह को दिया था. उन्हें सशक्त किया था, सरकार ने कमीशन के चक्कर में महिलाओं से काम छीन लिया.

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कोयले में कमीशन की वसूली, तो देवू की जमीन पर नजर
डॉ. रमन ने कहा कि कोरबा के बारे में आप लोगों को ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है. यहां प्रति टन 100 रुपये का अवैध कमीशन वसूला जा रहा है. यह पैसा कहां जा रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए. प्रतिमाह 100 से 120 करोड रुपए की वसूली हो रही है. अवैध रेत खदानों का भी यही हाल है. डीएमएफ में फंड की भी स्थिति जुदा नहीं है.

हमने अपने समय में कोरबा में कई विकास कार्य कराए सीपैड से लेकर एजुकेशन हब बनवाया, लेकिन अब यह फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जिले में देबू की खाली पड़ी सैकड़ों एकड़ जमीन का भी जिक्र किया और कहा कि इस पर मंत्रियों की नजर है। उनके साथ एक तांत्रिक की भी जमीन पर नजर है. वहां काम चालू है और सरकार क्यों नहीं कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर इसे वापस किसानों को प्रदान कर दे रही है.
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पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कलेक्टर एसपी की पोस्टिंग अब नीलामी के जरिए हो रही है. ऐसे में सट्टा, जुआ व अपराध को रोकने में संस्थाएं नाकाम होंगी. डीजल चोरी के मामलों में कोरबा में गोली चल जा रही है, यह सरकार की नाकामी है। लूटपाट बढ़ी है. धान खरीदी के समय सरकार बारदाना समस्या से भी जूझ रही है. हमारी सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ कि धान खरीदी में बारदाना कोई समस्या हो, सरकार कहती है कि केंद बारदाना नहीं दे रही है. दिल्ली में बोरा बनाने की फैक्ट्री नहीं है.

जुट कमिश्नर एडवांस पैसे लेते हैं वहां से एडवांस बुकिंग हो जाती है. हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कमी नहीं है. छत्तीसगढ़ के पास इतने पैसे नहीं बचे कि वह बारदानों का एडवांस बुकिंग करा कर किसानों को लाभ दे सके. आने वाले समय में वह, यह भी कहेंगे कि तौलने के लिए मशीन भी नहीं है और किसान मशीन लेकर खरीदी केंद्र पहुंचें. धान खरीदी के शुरुआती दिनों में ही स्थिति विस्फोटक हो चुकी है. आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ेगी.

कोरबाः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh) बुधवार को कोरबा जिले के प्रवास पर रहे. स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद डॉ. रमन सिंह ने प्रेस को संबोधित किया. प्रेस वार्ता के लिए वह टीपी नगर के तिलक भवन में मौजूद रहे.

इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने यहां तक कह डाला कि वर्तमान परिवेश में जिलों में कलेक्टर एसपी सहित अधिकारियों की पोस्टिंग ऑक्शन (नीलामी) से हो रही है. सचिवालय और पान ठेलों में खुलेआम चर्चा है कि इतना पैसा दिया जिससे पोस्टिंग हुई.

आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा राज्य
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक बदहाली के दौर से छत्तीसगढ़ गुजर रहा है (Chhattisgarh is passing through a period of economic crisis). हमने छत्तीसगढ़ में 15 साल तक शासन किया इस दौरान हमने कुल मिलाकर 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. लेकिन वर्तमान की कांग्रेस सरकार महज 3 साल में ही 40 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. यह कर्ज भी किस लिए लिया गया समझ के परे है, इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास (infrastructure and development) के कोई काम दिख नहीं रहे हैं. पीएम आवास के मामले पर डॉ. रमन सिंह बेहद हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister's Housing Scheme) के तहत 2022 तक सबको आवास देने की योजना थी. यह प्रधानमंत्री का सपना था जिसमें 60 और 40 फीसदी का रेशियी रहता है.

प्रदेश सरकार पर निशाना

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राज्य ने नहीं दिया अपने हिस्से का अंशदान
2020-21 में केंद्र ने 7 लाख 81 हजार आवास कैंसिल कर दिया. केंद्र ने अपने अंश के तौर पर 5 हजार 630 करोड़ रुपए केंद्र ने प्रदान किए लेकिन राज्य ने अपने हिस्से का 3 हजार 700 करोड़ रुपए का अंशदान नहीं दिया. केंद्र ने तीन बार नोटिस दिया केंद्र सरकार के सचिव ने राज्य सरकार से यह पूछा कि आप अपना अंशदान नहीं दे रहे हैं, तो क्यों ना आपके आवासों को निरस्त कर इसे दूसरे राज्य में बांट दिया जाए? राज्य सरकार के द्वारा पैसे नहीं देने के कारण 11 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

इतने आवास बनते तो छत्तीसगढ़ के अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती. गरीबों को उनका आवास मिलता, लेकिन राज्य आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है. इनके पास इतने पैसे भी नहीं है कि वह योजना का क्रियान्वयन कर सकें. हाल में सरकार ने कमीशन के चक्कर में 20 हजार महिला समितियों से रोजगार छीन लिया. हमने रेडी टू ईट का काम महिला समूह को दिया था. उन्हें सशक्त किया था, सरकार ने कमीशन के चक्कर में महिलाओं से काम छीन लिया.

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कोयले में कमीशन की वसूली, तो देवू की जमीन पर नजर
डॉ. रमन ने कहा कि कोरबा के बारे में आप लोगों को ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है. यहां प्रति टन 100 रुपये का अवैध कमीशन वसूला जा रहा है. यह पैसा कहां जा रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए. प्रतिमाह 100 से 120 करोड रुपए की वसूली हो रही है. अवैध रेत खदानों का भी यही हाल है. डीएमएफ में फंड की भी स्थिति जुदा नहीं है.

हमने अपने समय में कोरबा में कई विकास कार्य कराए सीपैड से लेकर एजुकेशन हब बनवाया, लेकिन अब यह फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जिले में देबू की खाली पड़ी सैकड़ों एकड़ जमीन का भी जिक्र किया और कहा कि इस पर मंत्रियों की नजर है। उनके साथ एक तांत्रिक की भी जमीन पर नजर है. वहां काम चालू है और सरकार क्यों नहीं कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर इसे वापस किसानों को प्रदान कर दे रही है.
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पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कलेक्टर एसपी की पोस्टिंग अब नीलामी के जरिए हो रही है. ऐसे में सट्टा, जुआ व अपराध को रोकने में संस्थाएं नाकाम होंगी. डीजल चोरी के मामलों में कोरबा में गोली चल जा रही है, यह सरकार की नाकामी है। लूटपाट बढ़ी है. धान खरीदी के समय सरकार बारदाना समस्या से भी जूझ रही है. हमारी सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ कि धान खरीदी में बारदाना कोई समस्या हो, सरकार कहती है कि केंद बारदाना नहीं दे रही है. दिल्ली में बोरा बनाने की फैक्ट्री नहीं है.

जुट कमिश्नर एडवांस पैसे लेते हैं वहां से एडवांस बुकिंग हो जाती है. हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कमी नहीं है. छत्तीसगढ़ के पास इतने पैसे नहीं बचे कि वह बारदानों का एडवांस बुकिंग करा कर किसानों को लाभ दे सके. आने वाले समय में वह, यह भी कहेंगे कि तौलने के लिए मशीन भी नहीं है और किसान मशीन लेकर खरीदी केंद्र पहुंचें. धान खरीदी के शुरुआती दिनों में ही स्थिति विस्फोटक हो चुकी है. आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ेगी.

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