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कोरबा के कोरकोमा में बैगा ने की आत्महत्या, बलि देने की बात आई सामने लेकिन पुलिस का इनकार

कोरबा में एक बैगा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.लेकिन बैगा ने खुदकुशी के पहले जो किया वो चौंकाने वाला था. ग्रामीणों की माने तो बैगा ने एक दिन पहले देवी पूजा के समय एक बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद उसके गर्दन में हसिया टिकाकर जंगल की ओर भागा. लेकिन गांववालों के देख लेने के कारण उसने बच्ची को छोड़ दिया. इस घटना के एक दिन बाद उसने खुदकुशी कर ली.

कोरबा के कोरकोमा में बैगा ने की आत्महत्या
कोरबा के कोरकोमा में बैगा ने की आत्महत्या
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Published : Oct 12, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 7:32 PM IST

कोरबा : जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूरी पर स्थित गांव कोरकोमा (Korkoma village of Korba ) में ग्रामीण सुख समृद्धि के लिए एक विशेष पूजा करते हैं. 2 दिन पहले गांव में यह पूजा हुई. तब गांव का बैगा होरीलाल जो झाड़ फूक जैसे कार्यों में लगा रहता है.वो अजीब व्यवहार करने लगा. ग्रामीणों की माने तो बैगा मासूम बच्ची को उठाकर जंगल की ओर ले गया था. जिसकी बलि चढ़ाने के लिए गर्दन पर हंसिया तान रखा था. इसी बीच कुछ लोगों ने उसे देख लिया और वह बलि के प्रयास में असफल हो गया. इसके अगले दिन बैगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर (Baiga commits suicide in Korkoma village) ली.पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर कार्रवाई की है. पुलिस ने बलि या इस तरह के प्रयासों की किसी भी बात को सिरे से खारिज किया है.

क्या है पूरा मामला : गांव कोरकोमा जो कि बालको थाना अंतर्गत राजगामार चौकी क्षेत्र में मौजूद है. वहां गांव में देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा की गई. इसी दौरान झाड़ फूंक करने वाला होरीलाल भी यहां मौजूद था. पूजा पाठ के दौरान ही होरीलाल अजीब तरह की हरकतें करने लगा और चीखने चिल्लाने लगा.होरीलाल के इस तरह के व्यवहार से ग्रामीण भौचक्के रह गए. स्थानीय निवासी समारिन बाई कंवर ने बताया कि "होरीलाल ने गांव के ही 3 साल के मासूम को अपने कब्जे में ले लिया और उसके गर्दन पर हंसिया अड़ा दिया था. वह मासूम को लेकर जंगल की ओर भाग गया. इतने में मैंने शोर मचाना शुरू किया और ग्रामीणों को इकट्ठा किया. लोगों द्वारा देख लिए जाने से उसने बच्चे को छोड़ दिया. डर के मारे हमारे हाथ पांव फूल गए थे. जिसके बाद अगले दिन बैगा ने खुद ही है फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.''मर्ग कायम किया, बलि देने जैसी बात की पुष्टि नहीं : इस विषय में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि ''रजगामार चौकी अंतर्गत एक मर्ग कायम किया है.जिसमें एक व्यक्ति होरीलाल कंवर(45) जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है. उसने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया था. पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसने सुसाइड कर लिया. गांव वालों का कथन और अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. हालांकि फिलहाल बलि देने या इस तरह की किसी बात की पुष्टि नहीं हुई है. मृतक झाड़ फूंक जैसे काम करता था.''

ये भी पढ़ें- अवैध शराब बिक्री करने वाला आरोपी गिरफ्तार

अंधविश्वास से जुड़ा है मामला : ग्रामीणों की माने तो पूजा के बाद से ही होरी लाल की मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी. होरी लाल के भाई बली राम कंवर ने बताया कि पूजा के बाद भाई अजीब हरकत कर रहा था. जिसके बाद उसने खुद ही अपने कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया है. वह क्या करने जा रहा था? या क्या करने वाला था? इस विषय में कोई जानकारी नहीं है. वह अलग तरह का व्यवहार कर रहा था. ग्रामीणों ने कहा कि यह पूरा मामला अंधविश्वास से जुड़ा है.Korba police station

कोरबा : जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूरी पर स्थित गांव कोरकोमा (Korkoma village of Korba ) में ग्रामीण सुख समृद्धि के लिए एक विशेष पूजा करते हैं. 2 दिन पहले गांव में यह पूजा हुई. तब गांव का बैगा होरीलाल जो झाड़ फूक जैसे कार्यों में लगा रहता है.वो अजीब व्यवहार करने लगा. ग्रामीणों की माने तो बैगा मासूम बच्ची को उठाकर जंगल की ओर ले गया था. जिसकी बलि चढ़ाने के लिए गर्दन पर हंसिया तान रखा था. इसी बीच कुछ लोगों ने उसे देख लिया और वह बलि के प्रयास में असफल हो गया. इसके अगले दिन बैगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर (Baiga commits suicide in Korkoma village) ली.पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर कार्रवाई की है. पुलिस ने बलि या इस तरह के प्रयासों की किसी भी बात को सिरे से खारिज किया है.

क्या है पूरा मामला : गांव कोरकोमा जो कि बालको थाना अंतर्गत राजगामार चौकी क्षेत्र में मौजूद है. वहां गांव में देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा की गई. इसी दौरान झाड़ फूंक करने वाला होरीलाल भी यहां मौजूद था. पूजा पाठ के दौरान ही होरीलाल अजीब तरह की हरकतें करने लगा और चीखने चिल्लाने लगा.होरीलाल के इस तरह के व्यवहार से ग्रामीण भौचक्के रह गए. स्थानीय निवासी समारिन बाई कंवर ने बताया कि "होरीलाल ने गांव के ही 3 साल के मासूम को अपने कब्जे में ले लिया और उसके गर्दन पर हंसिया अड़ा दिया था. वह मासूम को लेकर जंगल की ओर भाग गया. इतने में मैंने शोर मचाना शुरू किया और ग्रामीणों को इकट्ठा किया. लोगों द्वारा देख लिए जाने से उसने बच्चे को छोड़ दिया. डर के मारे हमारे हाथ पांव फूल गए थे. जिसके बाद अगले दिन बैगा ने खुद ही है फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.''मर्ग कायम किया, बलि देने जैसी बात की पुष्टि नहीं : इस विषय में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि ''रजगामार चौकी अंतर्गत एक मर्ग कायम किया है.जिसमें एक व्यक्ति होरीलाल कंवर(45) जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है. उसने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया था. पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसने सुसाइड कर लिया. गांव वालों का कथन और अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. हालांकि फिलहाल बलि देने या इस तरह की किसी बात की पुष्टि नहीं हुई है. मृतक झाड़ फूंक जैसे काम करता था.''

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अंधविश्वास से जुड़ा है मामला : ग्रामीणों की माने तो पूजा के बाद से ही होरी लाल की मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी. होरी लाल के भाई बली राम कंवर ने बताया कि पूजा के बाद भाई अजीब हरकत कर रहा था. जिसके बाद उसने खुद ही अपने कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया है. वह क्या करने जा रहा था? या क्या करने वाला था? इस विषय में कोई जानकारी नहीं है. वह अलग तरह का व्यवहार कर रहा था. ग्रामीणों ने कहा कि यह पूरा मामला अंधविश्वास से जुड़ा है.Korba police station

Last Updated : Oct 12, 2022, 7:32 PM IST
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