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इको फ्रेंडली गणपति को लेकर बस्तरवासी दिखे जागरुक, उत्साह में बारिश ने डाला खलल

गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) को लेकर जगदलपुर (Jagdalpur) में भी गणपति भगवान की मूर्तियों (Idols of Lord Ganpati) का बाजार सजा था. घर घर में भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापित हो रही है. इस मौके पर लोगों ने इको फ्रेंडली गणपति की मूर्तियों को खरीदा है. ताकि पर्यावरण का नुकसान न हो सके.

इको फ्रेंडली गणपति
इको फ्रेंडली गणपति
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Published : Sep 10, 2021, 9:52 PM IST

जगदलपुर: गणेश चर्तुथी (Ganesh Chaturthi) का पर्व बस्तर (Bastar) में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं घर-घर में भगवान गणेश की प्रतिमा (Lord Ganesha Statue) प्रतिष्ठापित करने को लेकर लोगों में भारी उत्साह है. बाजार में इस बार इको फ्रेंडली भगवान गणेश (eco friendly ganpati ) की प्रतिमा की मांग सबसे अधिक है. श्रद्धालु अपने पंसदीदा गणपति बाप्पा की मूर्ति लेने बडी संख्या मे बाजार पंहुच रहे हैं.

आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से बस्तर पंहुचे मूर्ति कलाकारों ने खासतौर पर पर्यावरण को ध्यान मे रखते हुए इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है. इधर मंहगाई की मार मूर्ति बनाने के सामान पर भी पड़ने से पिछले वर्षों की तुलना में मूर्तियों के दाम काफी बढे़ हैं.

जगदलपुर में बढ़ी इको फ्रेंडली गणपति के मूर्ति की मांग

जगदलपुर में भी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की दुकानों को देख शहरवासी भी इन दुकानों पर पहुंच रहे हैं. शहर के गोल बाजार, गांधी मैदान ,सिरासार चौक, धरमपुरा और संजय बाजार में मिट्टी के बने भगवान गणेश की मूर्तियों की डिमांड लोग कर रहे हैं. दरअसल प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां प्रतिबंधित करने के बाद अब कई मूर्तिकार इको फ्रेंडली गणेश की मूर्तियां ही बना रहे हैं. वहीं बस्तर में आंध्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से पहुंचे मूर्ति कलाकार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए केवल इको फ्रेंडली गणेश ही बना रहे हैं, वहीं शहरवासी भी पर्यावरण को सहेजने में काफी जागरुकता दिखा रहे हैं. अधिकतर लोग इको फ्रेंडली गणेश की मूर्ति खरीद रहे हैं

हालांकि बढती मंहगाई की मार गणेश की प्रतिमाओं पर भी लोगों को देखने को मिल रही है. श्रद्धालुओं का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में गणेश की मूर्ति काफी महंगी हो गई है. वहीं मूर्तिकारों का भी कहना है कि इको फ्रेंडली गणेश बनाने में लगने वाले सामानों के दाम पिछले सालों की तुलना में काफी बढ़े हैं. इस वजह से मूर्तियां भी महंगी हुई है. बावजूद इसके लोग इको फ्रेंडली गणपति खरीद रहे हैं.

जगदलपुर: गणेश चर्तुथी (Ganesh Chaturthi) का पर्व बस्तर (Bastar) में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं घर-घर में भगवान गणेश की प्रतिमा (Lord Ganesha Statue) प्रतिष्ठापित करने को लेकर लोगों में भारी उत्साह है. बाजार में इस बार इको फ्रेंडली भगवान गणेश (eco friendly ganpati ) की प्रतिमा की मांग सबसे अधिक है. श्रद्धालु अपने पंसदीदा गणपति बाप्पा की मूर्ति लेने बडी संख्या मे बाजार पंहुच रहे हैं.

आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से बस्तर पंहुचे मूर्ति कलाकारों ने खासतौर पर पर्यावरण को ध्यान मे रखते हुए इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया है. इधर मंहगाई की मार मूर्ति बनाने के सामान पर भी पड़ने से पिछले वर्षों की तुलना में मूर्तियों के दाम काफी बढे़ हैं.

जगदलपुर में बढ़ी इको फ्रेंडली गणपति के मूर्ति की मांग

जगदलपुर में भी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की दुकानों को देख शहरवासी भी इन दुकानों पर पहुंच रहे हैं. शहर के गोल बाजार, गांधी मैदान ,सिरासार चौक, धरमपुरा और संजय बाजार में मिट्टी के बने भगवान गणेश की मूर्तियों की डिमांड लोग कर रहे हैं. दरअसल प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां प्रतिबंधित करने के बाद अब कई मूर्तिकार इको फ्रेंडली गणेश की मूर्तियां ही बना रहे हैं. वहीं बस्तर में आंध्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से पहुंचे मूर्ति कलाकार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए केवल इको फ्रेंडली गणेश ही बना रहे हैं, वहीं शहरवासी भी पर्यावरण को सहेजने में काफी जागरुकता दिखा रहे हैं. अधिकतर लोग इको फ्रेंडली गणेश की मूर्ति खरीद रहे हैं

हालांकि बढती मंहगाई की मार गणेश की प्रतिमाओं पर भी लोगों को देखने को मिल रही है. श्रद्धालुओं का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में गणेश की मूर्ति काफी महंगी हो गई है. वहीं मूर्तिकारों का भी कहना है कि इको फ्रेंडली गणेश बनाने में लगने वाले सामानों के दाम पिछले सालों की तुलना में काफी बढ़े हैं. इस वजह से मूर्तियां भी महंगी हुई है. बावजूद इसके लोग इको फ्रेंडली गणपति खरीद रहे हैं.

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