कांकेर : बस्तर में सर्व पिछड़ा वर्ग ने अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय बस्तर बन्द का आव्हान (One day Bastar closed for all backward classes)किया था. जिसका खासा असर उत्तर बस्तर कांकेर में देखने को मिला. यहां सुबह से व्यापारिक प्रतिष्ठान बन्द रहे. चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी पिछड़ा वर्ग के बन्द का समर्थन किया. सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के जगन्नाथ साहू ने बताया कि 5 सूत्रीय मांगों को लेकर बस्तर बन्द बुलाया था. मांगें नहीं मानने पर प्रदर्शन उग्र होगा.
कब से हो रहा है आंदोलन : 13 अगस्त 2021 से पिछड़ा वर्ग समाज लगातार आंदोलन (Backward Classes Society Movement) कर रहा है. इस दौरान 6 रैलियां और सभाए भी हो चुकी हैं. इनकी मुख्य मांग 27 प्रतिशत आरक्षण और पेसा कानून में पिछड़ा वर्ग को शामिल करना है. आपको बता दें कि 3 अप्रैल को मुख्यमंत्री के बस्तर आगमन पर जिले में ओबीसी वर्ग ने सीएम भूपेश बघेल की सभा का बहिष्कार किया था. पिछड़ा वर्ग ने 2 महत्वपूर्ण मांग पूरी नहीं होने पर सभा से दूरी बना ली थी.
सीएम के प्रस्ताव को ठुकराया : मुख्यमंत्री सीएम बघेल (Chief Minister CM Baghel) ने अपने दौरे में पिछड़ा वर्ग के जनप्रतिनिधियों से कहा था कि भ्रांतियां की स्थिति पैदा हुई है. जिसके बाद सीएम ने 50 लाख रुपए की लागत से पिछड़ा समाज भवन बस्तर में बनाने की घोषणा की थी. जिसे समाज ने ग्रहण करने से इनकार कर दिया है.
क्या हैं सर्व पिछड़ा वर्ग समाज की मुख्य मांगें
छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग के 52 प्रतिशत आबादी के आधार पर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए
छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का स्वतंत्र मंत्रालय की स्थापना किया जाए
पिछड़ा वर्ग को परंपरागत वनवासी होने के नाते पांचवी अनुसूची में शामिल किया जाए
राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भारत सरकार के जनसंख्या गणना के आधार पर जिन ग्राम पंचायतों में पिछड़ा वर्ग की बाहुलता है, ऐसे ग्राम पंचायत में पिछड़ा वर्ग के सरपंच पद आरक्षित किया जाए
छत्तीसगढ़ सरकार एवं भारत सरकार व्दारा प्राथमिक शिक्षा से लेकर कालेज की पढ़ाई हेतु संचालित सभी आश्रम व छात्रावास में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए स्वतः आरक्षण और छात्रवृत्ति एक समान किया जाए
पिछड़ा वर्ग परम्परागत वनवासियों को वन अधिकार मान्यता पत्र जो वर्तमान में लंबित है, उसे तत्काल प्रदाय किया जाए