धमतरी : आज के समय में भी सामाजिक कुरीतियों का दंश लोगों को झेलना पड़ रहा है. समाज के कई ऐसे फैसले होते हैं जिसके खिलाफ जाकर लोगों को पुलिस का सहारा लेना पड़ता है.ऐसे ही एक फरियादी एसपी ऑफिस (SP Office Dhamtari) पहुंचा. फटे-पुराने कपड़ों में पहुंचा हेमकुमार रो-रोकर अपनी पत्नी और बच्चों के लिए एसपी से गुहार लगा रहा था. हेमकुमार 30 दिनों का राशन बेचकर जैसे तैसे कुछ रुपये जोड़कर धमतरी पहुंच पाया था. एसपी प्रफुल्ल ठाकुर (SP Praful Thakur) ने मानवता दिखाते हुए पहले तो उसकी पूरी बात सुनी फिर कुछ रुपये देकर उसे घर भेजा.
हेमकुमार की 2009 में सिहावा (Sihawa Dhamtari) के रामलाल निषाद की बेटी से हुई थी. दोनों की जिंदगी हंसी-खुशी गुजर रही थी. इस दौरान उन्हें 3 बच्चे भी हुए. फिर एक दिन पति-पत्नी के बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ. विवाद इतना बढ़ गया कि हेमकुमार ने पत्नी पर हाथ उठा दिया. बस फिर क्या था पति से नाराज होकर पत्नी मायके पहुंच गई. हेमकुमार के ससुर और सालो ने समाज के सामने मारपीट की बात रख दी. समाज ने हेमकुमार पर 30 हजार का जुर्माना लगाते हुए उसे बहिष्कृत कर दिया.
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तब से लगातार हेमकुमार अपनी पत्नी को लेने ससुराल जाता रहा. हेमकुमार का कहना है कि उसके ससुराल वालों ने जान से मारने तक की धमकी भी दे दी है. समाज से बहिष्कृत किए जाने की वजह से वह न तो अपने परिवार से मिल पा रहा है न ही बच्चों को देख पा रहा है. थक हारकर आखिरकार उस पुलिस की मदद लेने की सोची. जेब में जब हाथ डाला तो उसके पास चंद पैसे ही बचे थे जो उसे धमतरी तक नहीं पहुंचा सकते थे.
गरीबी रेखा कार्ड से खरीदा गया एक महीने का राशन बेचकर हेमकुमार एसपी कार्यालय तक पहुंचा. एसपी से मिलकर उसने पूरी आपबीती उन्हें सुनाई. एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने जल्द ही इस समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया है. साथ ही उन्होंने हेमकुमार को घर लौटने का किराया भी दिया. एसपी ने फिलहाल इस पूरे मामले में नगरी एसडीओपी को जांच के लिए निर्देश दिए हैं. एसपी ने जांच के बाद आगे कार्रवाई करने की बात कही है.