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आजादी के 70 साल बाद भी नहीं बनी सड़क, मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसता गांव - kumarpara village

धमतरी के कुमारपारा निवासी विकास की मार झेल रहे हैं. यहां न तो सड़क है न मकान, 70 साल बाद भी लोग विकास की मार झेल रहे हैं.

विकास की मार झेल रहा गांव
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Published : Aug 11, 2019, 1:02 PM IST

Updated : Aug 11, 2019, 2:26 PM IST

धमतरी : आजादी के बाद से जिले के कुमारपारा में अब तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. बरसात में ग्रामीणों को मुख्यमार्ग तक पहुंचने के लिए काफी मशकक्त करनी पड़ती है. सुविधाएं नहीं मिलने से ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी है.

गांव में नहीं हुआ विकास

दरअसल, कुमारपारा गांव के लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. गांव के लिए न ही पक्की रोड बनाई गई है और न ही पीने के पानी की सुविधा है. ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित होकर दल-दल पार कर जाने को मजबूर हैं. कुमारपारावासी कई बार शासन और प्रशासन के अधिकारियों के पास अपनी समस्या को लेकर पहुंचते रहे हैं, लेकिन विकास के नाम पर गांव शासन के नक्शे में कोसों दूर है.

पढ़ें : लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को अपने अंदर झांकने की जरूरत : रमन सिंह

कच्चे मकान में रहने को मजबूर
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनीतिक लोग वादा करके चले जाते हैं. नक्सल प्रभावित इस गांव में तकरीबन 21 परिवार निवासरत हैं और मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाते हैं. इनके पास रहने के लिए न तो घर है न ही अन्य मूलभूत सुविधा है. कच्चे मकानों में रहना यहां के लोगों की मजबूरी है. पिछली बरसात में कई परिवारों के मकान ढह गए थे, जिसका मुआयजा आज तक नहीं मिला है. वहीं पक्के आवास की मांग करते-करते लोगों की उम्मीद टूट चुकी हैं.

बहरहाल, जिला प्रशासन ग्रामीणों की मांग को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया है.

धमतरी : आजादी के बाद से जिले के कुमारपारा में अब तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. बरसात में ग्रामीणों को मुख्यमार्ग तक पहुंचने के लिए काफी मशकक्त करनी पड़ती है. सुविधाएं नहीं मिलने से ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी है.

गांव में नहीं हुआ विकास

दरअसल, कुमारपारा गांव के लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. गांव के लिए न ही पक्की रोड बनाई गई है और न ही पीने के पानी की सुविधा है. ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित होकर दल-दल पार कर जाने को मजबूर हैं. कुमारपारावासी कई बार शासन और प्रशासन के अधिकारियों के पास अपनी समस्या को लेकर पहुंचते रहे हैं, लेकिन विकास के नाम पर गांव शासन के नक्शे में कोसों दूर है.

पढ़ें : लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को अपने अंदर झांकने की जरूरत : रमन सिंह

कच्चे मकान में रहने को मजबूर
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनीतिक लोग वादा करके चले जाते हैं. नक्सल प्रभावित इस गांव में तकरीबन 21 परिवार निवासरत हैं और मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाते हैं. इनके पास रहने के लिए न तो घर है न ही अन्य मूलभूत सुविधा है. कच्चे मकानों में रहना यहां के लोगों की मजबूरी है. पिछली बरसात में कई परिवारों के मकान ढह गए थे, जिसका मुआयजा आज तक नहीं मिला है. वहीं पक्के आवास की मांग करते-करते लोगों की उम्मीद टूट चुकी हैं.

बहरहाल, जिला प्रशासन ग्रामीणों की मांग को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया है.

Intro:स्लग...आजादी के बाद नही बन पाई पक्की सड़क

आजादी के बाद से धमतरी जिले के कुमारपारा में पक्की सड़क नहीं बन पाई है.बरसात के दिनों में ग्रामीणों का मुख्य रोड तक पहुंचने तक का रास्ता बंद हो जाता है.ग्रामीण गांव में रहते हुए भी बदहाली का जीवन व्यतीत कर रहे है.मगर अभी तक गांव में शासन और प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई है.सुविधाएं नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी दिख रही है.

दरअसल कुमारपारा गांव के लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे है.गांव के लिए न ही पक्की रोड बनाई गई है और न ही पीने के पानी की सुविधा है.ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित रहकर दलदल में से निकलने को मजबूर है.बदहाली में जीवन व्यतीत कर रहे कुमारपारावासी कई बार शासन और प्रशासन के अधिकारियों के पास समस्या को लेकर पहुंचे हैं, लेकिन विकास के नाम पर गांव शासन के नक्शे में कोसों दूर है.ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनैतिक लोग वादा करके चले जाते है लेकिन वो भी भूल जाते है.

नक्सल प्रभावित इस गांव में तकरीबन 21 परिवार निवासरत हैं और मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाते है इनके पास न तो ठीक से झोपड़ी है और न ही सर पर छत.कच्चे मकानों में रहना यहां के लोगो की मजबूरी है पिछली बरसात में कई परिवारों के मकान ढह गए थे जिसका मुआयजा आज तक नहीं मिला है जबकि पक्के आवास की मांग करते करते लोगों की उम्मीद टूट चुकी है.

बहरहाल जिला प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया है वही आवास योजना का भी लाभ दिलाने की बात कह रहे है.

बाईट....मान बाई कमार
बाईट....भूखऊ कमार
बाईट....सीता बाई नेताम
बाईट....विजय दयाराम जिला CEOBody:जय लाल प्रजापति सिहावा धमतरी 83 19 17 8303Conclusion:
Last Updated : Aug 11, 2019, 2:26 PM IST
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