धमतरी : आजादी के बाद से जिले के कुमारपारा में अब तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. बरसात में ग्रामीणों को मुख्यमार्ग तक पहुंचने के लिए काफी मशकक्त करनी पड़ती है. सुविधाएं नहीं मिलने से ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी है.
दरअसल, कुमारपारा गांव के लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. गांव के लिए न ही पक्की रोड बनाई गई है और न ही पीने के पानी की सुविधा है. ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित होकर दल-दल पार कर जाने को मजबूर हैं. कुमारपारावासी कई बार शासन और प्रशासन के अधिकारियों के पास अपनी समस्या को लेकर पहुंचते रहे हैं, लेकिन विकास के नाम पर गांव शासन के नक्शे में कोसों दूर है.
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कच्चे मकान में रहने को मजबूर
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनीतिक लोग वादा करके चले जाते हैं. नक्सल प्रभावित इस गांव में तकरीबन 21 परिवार निवासरत हैं और मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाते हैं. इनके पास रहने के लिए न तो घर है न ही अन्य मूलभूत सुविधा है. कच्चे मकानों में रहना यहां के लोगों की मजबूरी है. पिछली बरसात में कई परिवारों के मकान ढह गए थे, जिसका मुआयजा आज तक नहीं मिला है. वहीं पक्के आवास की मांग करते-करते लोगों की उम्मीद टूट चुकी हैं.
बहरहाल, जिला प्रशासन ग्रामीणों की मांग को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिलाया है.