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विधायक शैलेश पांडेय ने सीएम के नाम लिखा पत्र, कलेक्टर को हटाने और राजद्रोह की कार्यवाही की मांग

बिलासपुर जिले में लगातार सुर्खियों में रहने वाले बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय सीएम को एक पत्र लिखकर फिर सुर्खियों में हैं. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि लगातार बिलासपुर कलेक्टर जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं. उन पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने और बिलासपुर से उन्हें हटाने की मांग विधायक ने की है.

MLA Shailesh Pandey
विधायक शैलेश पांडेय
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Published : Nov 2, 2021, 7:01 PM IST

बिलासपुर : बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे (Bilaspur MLA Shailesh Pandey) ने मुख्यमंत्री (Chief Minister Bhupesh Baghel) को पत्र लिखकर बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्र (
Bilaspur Collector Summary Mitra) को हटाने की मांग की है. सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें राज्योत्सव कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था. एक विधायक का अपमान राज्य के जनप्रतिनिधियों का अपमान है. इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाते हुए राज्यद्रोह की कार्यवाही (Treason Proceedings) किये जाने की भी उन्होंने मांग की है. बता दें कि बिलासपुर राज्योत्सव के मुख्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाने और आमंत्रण पत्र में नाम दर्ज नहीं करने से नाराज बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है.

कलेक्टर पर लगातार जनप्रतिनिधियों का अपमान करने का आरोप

बिलासपुर जिले में लगातार सुर्खियों में रहने वाले बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय सीएम को एक पत्र लिखकर फिर सुर्खियों में हैं. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि लगातार बिलासपुर कलेक्टर जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं. उन पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने और बिलासपुर से उन्हें हटाने की मांग विधायक ने की है. शैलेश पांडेय ने कहा कि आसपास के जिलों के राज्योत्सव के कार्यक्रम का आमंत्रण कार्ड भी मुख्यमंत्री को भेजा है. यहां-वहां के जनप्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि और अतिथि बनाया गया है.

पत्र में विधायक शैलेश पांडेय ने बताया है कि बिलासपुर कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर द्वारा भूपेश सरकार का अपमान किया जा रहा है. उन्हें तत्काल बिलासपुर से हटाया जाये और उनपर राजद्रोह की कार्यवाही की जाए. पत्र में मुख्यमंत्री को आदरणीय बड़े भैया संबोधित करते हुए धनतेरस एवं दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं विधायक ने देते हुए यह बातें लिखी हैं.

विधायक ने क्या-क्या लिखा है पत्र में...

अत्यंत खेद के साथ आपको कहना पड़ रहा है कि बिलासपुर के कलेक्टर डाॅ. सांराश मित्तर जी आपकी सरकार का और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान लगातार कर रहे हैं. कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में आम जनता से जुड़कर कार्य कर रही है. आपके नेतृत्व में शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य जनप्रतिनिधि कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बिलासपुर प्रशासनिक अमले के मुखिया सम्माननीय कलेक्टर बिलासपुर जो कि जनता का अपमान कर रहे हैं और जनता से चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों का भी अपमान कर रहे हैं.


मुख्य अतिथि किसको बनाना है, सभी जिलों में भेजी गई थी सूची

पत्र में आगे उन्होंने लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी, 01 नवंबर हमारे राज्य का स्थापना दिवस है. इस दिन आपके निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में राज्योत्सव कार्यक्रम किया जाना निर्देशित किया गया था. मुख्य अतिथि किसको बनाना है, यह सूची शासन द्वारा सभी जिले में भेजी गई थी. जिले में अन्य अतिथियों का चयन कलेक्टर साहब को करना था. मैं समझता हूं कि राज्य स्थापना दिवस में तो सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के विधायकों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए था. जनता से निर्वाचित विधायक सत्ता पक्ष के जो कि आपकी सरकार का अंग भी हैं, उनको आमंत्रित नहीं किया गया. अन्य भी जनप्रतिनिधि जैसे कि महापौर, सभापति, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्मानपूर्वक कार्ड में लिखकर आमंत्रित नहीं किये गए थे.

अन्य जिलों में कलेक्टर ने सभी को बुलाया...

अन्य जिलों में जैसे कि GPM जिला, मुंगेली जिला के भी कार्ड देख सकते हैं, जहां के कलेक्टर द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को सम्मानपूर्वक राज्य उत्सव में अतिथि बनाकर बुलाया गया. लेकिन बिलासपुर कलेक्टर का तानाशाही रवैया द्वारा बिलासपुर में आपकी सरकार का और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान किया गया है. केवल सामान्य कार्ड द्वारा आम आदमी को जैसे कार्ड भेजते हैं, वैसे ही कार्ड भेज दिया गया. जिसपर मुख्य अतिथि ने भी नाराजगी व्यक्त की. कलेक्टर बिलासपुर द्वारा किया गया कार्य जनता का और सरकार का अपमान है, जो कि राजद्रोह की श्रेणी आता है. प्रशासन के अधिकारी आयेदिन इस प्रकार का अपमान करते रहते हैं, जिससे आपकी सरकार की छवि एवं आपके चुने हुए जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल हो रही है. जिसके कारण जनता में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है.


"जनप्रतिनिधियों का अपमान, आपका अपमान..."

महोदय, जिन-जन प्रतिनिधियों को जनता चुन कर भेजती है, यदि हमारी सरकार में उनका अपमान होगा तो मैं समझता हूं कि यह अपमान आपका भी अपमान है. अतः आपसे निवेदन है कि, बिलासपुर कलेक्टर डाॅ. सांराश मित्तर को तत्काल बिलासपुर से हटाया जाये और इनके विरुद्ध राजद्रोह की कार्यवाही की जाए. शैलेश पांडेय के पत्र ने एक बार फिर प्रशानिक अधिकारियों के रवैये को लेकर राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा दिया है. इस मामले में शैलेश पांडेय सामने आकर कुछ कह नहीं रहे हैं. साथ ही उनका फोन भी कवरेज एरिया से बाहर बता रहा है, लेकिन शैलेश पांडेय के ऑफिसियल लेटर पेड से पत्र जारी हुआ है.

बिलासपुर : बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे (Bilaspur MLA Shailesh Pandey) ने मुख्यमंत्री (Chief Minister Bhupesh Baghel) को पत्र लिखकर बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्र (
Bilaspur Collector Summary Mitra) को हटाने की मांग की है. सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें राज्योत्सव कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था. एक विधायक का अपमान राज्य के जनप्रतिनिधियों का अपमान है. इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाते हुए राज्यद्रोह की कार्यवाही (Treason Proceedings) किये जाने की भी उन्होंने मांग की है. बता दें कि बिलासपुर राज्योत्सव के मुख्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाने और आमंत्रण पत्र में नाम दर्ज नहीं करने से नाराज बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है.

कलेक्टर पर लगातार जनप्रतिनिधियों का अपमान करने का आरोप

बिलासपुर जिले में लगातार सुर्खियों में रहने वाले बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय सीएम को एक पत्र लिखकर फिर सुर्खियों में हैं. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि लगातार बिलासपुर कलेक्टर जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं. उन पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने और बिलासपुर से उन्हें हटाने की मांग विधायक ने की है. शैलेश पांडेय ने कहा कि आसपास के जिलों के राज्योत्सव के कार्यक्रम का आमंत्रण कार्ड भी मुख्यमंत्री को भेजा है. यहां-वहां के जनप्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि और अतिथि बनाया गया है.

पत्र में विधायक शैलेश पांडेय ने बताया है कि बिलासपुर कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर द्वारा भूपेश सरकार का अपमान किया जा रहा है. उन्हें तत्काल बिलासपुर से हटाया जाये और उनपर राजद्रोह की कार्यवाही की जाए. पत्र में मुख्यमंत्री को आदरणीय बड़े भैया संबोधित करते हुए धनतेरस एवं दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं विधायक ने देते हुए यह बातें लिखी हैं.

विधायक ने क्या-क्या लिखा है पत्र में...

अत्यंत खेद के साथ आपको कहना पड़ रहा है कि बिलासपुर के कलेक्टर डाॅ. सांराश मित्तर जी आपकी सरकार का और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान लगातार कर रहे हैं. कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में आम जनता से जुड़कर कार्य कर रही है. आपके नेतृत्व में शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य जनप्रतिनिधि कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बिलासपुर प्रशासनिक अमले के मुखिया सम्माननीय कलेक्टर बिलासपुर जो कि जनता का अपमान कर रहे हैं और जनता से चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों का भी अपमान कर रहे हैं.


मुख्य अतिथि किसको बनाना है, सभी जिलों में भेजी गई थी सूची

पत्र में आगे उन्होंने लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी, 01 नवंबर हमारे राज्य का स्थापना दिवस है. इस दिन आपके निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में राज्योत्सव कार्यक्रम किया जाना निर्देशित किया गया था. मुख्य अतिथि किसको बनाना है, यह सूची शासन द्वारा सभी जिले में भेजी गई थी. जिले में अन्य अतिथियों का चयन कलेक्टर साहब को करना था. मैं समझता हूं कि राज्य स्थापना दिवस में तो सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के विधायकों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए था. जनता से निर्वाचित विधायक सत्ता पक्ष के जो कि आपकी सरकार का अंग भी हैं, उनको आमंत्रित नहीं किया गया. अन्य भी जनप्रतिनिधि जैसे कि महापौर, सभापति, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्मानपूर्वक कार्ड में लिखकर आमंत्रित नहीं किये गए थे.

अन्य जिलों में कलेक्टर ने सभी को बुलाया...

अन्य जिलों में जैसे कि GPM जिला, मुंगेली जिला के भी कार्ड देख सकते हैं, जहां के कलेक्टर द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को सम्मानपूर्वक राज्य उत्सव में अतिथि बनाकर बुलाया गया. लेकिन बिलासपुर कलेक्टर का तानाशाही रवैया द्वारा बिलासपुर में आपकी सरकार का और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान किया गया है. केवल सामान्य कार्ड द्वारा आम आदमी को जैसे कार्ड भेजते हैं, वैसे ही कार्ड भेज दिया गया. जिसपर मुख्य अतिथि ने भी नाराजगी व्यक्त की. कलेक्टर बिलासपुर द्वारा किया गया कार्य जनता का और सरकार का अपमान है, जो कि राजद्रोह की श्रेणी आता है. प्रशासन के अधिकारी आयेदिन इस प्रकार का अपमान करते रहते हैं, जिससे आपकी सरकार की छवि एवं आपके चुने हुए जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल हो रही है. जिसके कारण जनता में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है.


"जनप्रतिनिधियों का अपमान, आपका अपमान..."

महोदय, जिन-जन प्रतिनिधियों को जनता चुन कर भेजती है, यदि हमारी सरकार में उनका अपमान होगा तो मैं समझता हूं कि यह अपमान आपका भी अपमान है. अतः आपसे निवेदन है कि, बिलासपुर कलेक्टर डाॅ. सांराश मित्तर को तत्काल बिलासपुर से हटाया जाये और इनके विरुद्ध राजद्रोह की कार्यवाही की जाए. शैलेश पांडेय के पत्र ने एक बार फिर प्रशानिक अधिकारियों के रवैये को लेकर राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा दिया है. इस मामले में शैलेश पांडेय सामने आकर कुछ कह नहीं रहे हैं. साथ ही उनका फोन भी कवरेज एरिया से बाहर बता रहा है, लेकिन शैलेश पांडेय के ऑफिसियल लेटर पेड से पत्र जारी हुआ है.

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