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गरीब न हों न्याय से महरूम-चीफ जस्टिस

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Published : Oct 24, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 7:44 PM IST

प्रदेश में सालसा के मेगा लीगल सर्विस कैंप (Mega Legal Service Camp) का शुभारंभ मुख्य न्यायाधीश (chief Magistrate) एके गोस्वामी के हाथों किया गया. राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण (State Legal Aid Authority) कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्याय और कानून को लेकर कई बातें कहीं.

Mega Legal Service Camp launched in Bilaspur
बिलासपुर में मेगा लीगल सर्विस कैंप का शुभारंभ

बिलासपुरः प्रदेश में सालसा के मेगा लीगल सर्विस कैंप (Mega Legal Service Camp) का शुभारंभ मुख्य न्यायाधीश एके गोस्वामी के हाथों किया गया. इस मौके पर राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्याय और कानून (justice and law) को लेकर कई बातें कहीं. आजादी के अमृत महोत्सव (independence) के तहत आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में मेगा लीगल सर्विस कैंप का आयोजन किया गया.

हाईकोर्ट में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी ने कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी व्यक्ति को मात्र इसलिए कि वह आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, उसे न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 (ए) के अनुसार समाज क़े वंचित वर्ग को निःशुल्क न्याय प्रदान करने का कार्य राज्य सरकार द्वारा अधिनियम एवं नियमों की रचना कर पूर्ण किया जाना है. अपने इन्हीं दायित्वों के निर्वहन को पूर्ण करने के लिए राज्य द्वारा संविधान के अंतर्गत प्रदत्त दायित्वों के निर्वहन के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पारित किया गया है.

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण भी इस अधिनियम द्वारा निर्मित संस्था है. राज्य प्राधिकरण द्वारा समाज के वंचित वर्ग को विधिक जानकारी प्रदान कर सशक्त बनाए जाने का कार्य किया जाता है. इसी अनुक्रम में आज मेगा विधिक सेवा शिविर आयोजित कर समाज के वंचित वर्ग के लोगों को सहायता प्रदान की जाएगी.

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत यह आयोजन किया जा रहा है. जिसमें पैरालीगल वॉलेन्टियर एवं पैनल लॉयर की टीम गठित कर राज्य के प्रत्येक ग्राम में घर-घर जाकर विधिक जानकारियां प्रदान की जा रही है. इसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जागरूक करना एवं सशक्त बनाना है.

विधिक सेवा प्राधिकरण के इस कार्य में राज्य शासन का सहयोग प्रशंसनीय रहा है एवं भविष्य में और भी लोगों को इसी प्रकार से जागरूक कर लाभान्वित किया जाएगा. अध्यक्षयीय उद्बोधन में जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि दंतेवाड़ा से लेकर अंबिकापुर तक विस्तृत रूप से यह वर्चुअली मेगा लीगल कैंप आयोजित हो रहा है. भारत के संविधान में इसका प्रावधान है.

वे चीफ जस्टिस के आभारी हैं कि उनके मार्गदर्शन में यह आयोजन हो रहा है. इस मेगा कैंप का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को कानूनी अधिकार और अन्य अधिकारों का लाभ दिलाना है. उन्होंने बताया कि विगत वर्ष आयोजित मेगा कैंप में करोड़ों रुपये के अवार्ड पारित किये गये थे और 8 लाख से अधिक लाभान्वित हुए थे.

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हेल्पलाइन नंबर पर मदद लेने की अपील

उन्होंने नालसा के हेल्पलाइन नंबर 15100 से कानूनी मदद लेने की अपील की. उन्होंने बताया कि ‘जन चेतना’ यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हर बुधवार को जेल समीक्षा दिवस मनाया जा रहा है, जिसमें कैदियों के परिवार वाले शामिल होते हैं. श्रमिक, वरिष्ठ नागरिक, घरेलू हिंसा से शिकार महिलायें, शिक्षा के अधिकार, चाइल्ड ट्रैफेकिंग, इनसे संबंधित मामलों का निराकरण मेगा लीगल कैंप में किया जा रहा है. विशिष्ट अतिथि जस्टिस संजय के. अग्रवाल व जस्टिस संजय एस. अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में लीगल मेगा कैंप के महत्व पर प्रकाश डाला.

शामिल हुए कई न्यायाधीश

कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन रजिस्ट्रार जनरल संजय कुमार जायसवाल ने दिया. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 23 सिविल जिलों में मेगा लीगल कैंप आयोजित हो रहे हैं. इसमें राज्य शासन के सभी विभाग, जिला न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा कलेक्टर, एसपी आदि शामिल हो रहे हैं. हाईकोर्ट के जस्टिस आरसीएस सामंत, जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास, जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी, जस्टिस दीपक कुमार तिवारी, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के चेयरमेन केएल चरियानी, रजिस्ट्रार विजिलेंस संतोष शर्मा आदि मौजूद रहे.

बिलासपुरः प्रदेश में सालसा के मेगा लीगल सर्विस कैंप (Mega Legal Service Camp) का शुभारंभ मुख्य न्यायाधीश एके गोस्वामी के हाथों किया गया. इस मौके पर राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्याय और कानून (justice and law) को लेकर कई बातें कहीं. आजादी के अमृत महोत्सव (independence) के तहत आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में मेगा लीगल सर्विस कैंप का आयोजन किया गया.

हाईकोर्ट में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी ने कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी व्यक्ति को मात्र इसलिए कि वह आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, उसे न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 (ए) के अनुसार समाज क़े वंचित वर्ग को निःशुल्क न्याय प्रदान करने का कार्य राज्य सरकार द्वारा अधिनियम एवं नियमों की रचना कर पूर्ण किया जाना है. अपने इन्हीं दायित्वों के निर्वहन को पूर्ण करने के लिए राज्य द्वारा संविधान के अंतर्गत प्रदत्त दायित्वों के निर्वहन के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पारित किया गया है.

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण भी इस अधिनियम द्वारा निर्मित संस्था है. राज्य प्राधिकरण द्वारा समाज के वंचित वर्ग को विधिक जानकारी प्रदान कर सशक्त बनाए जाने का कार्य किया जाता है. इसी अनुक्रम में आज मेगा विधिक सेवा शिविर आयोजित कर समाज के वंचित वर्ग के लोगों को सहायता प्रदान की जाएगी.

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत यह आयोजन किया जा रहा है. जिसमें पैरालीगल वॉलेन्टियर एवं पैनल लॉयर की टीम गठित कर राज्य के प्रत्येक ग्राम में घर-घर जाकर विधिक जानकारियां प्रदान की जा रही है. इसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जागरूक करना एवं सशक्त बनाना है.

विधिक सेवा प्राधिकरण के इस कार्य में राज्य शासन का सहयोग प्रशंसनीय रहा है एवं भविष्य में और भी लोगों को इसी प्रकार से जागरूक कर लाभान्वित किया जाएगा. अध्यक्षयीय उद्बोधन में जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि दंतेवाड़ा से लेकर अंबिकापुर तक विस्तृत रूप से यह वर्चुअली मेगा लीगल कैंप आयोजित हो रहा है. भारत के संविधान में इसका प्रावधान है.

वे चीफ जस्टिस के आभारी हैं कि उनके मार्गदर्शन में यह आयोजन हो रहा है. इस मेगा कैंप का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को कानूनी अधिकार और अन्य अधिकारों का लाभ दिलाना है. उन्होंने बताया कि विगत वर्ष आयोजित मेगा कैंप में करोड़ों रुपये के अवार्ड पारित किये गये थे और 8 लाख से अधिक लाभान्वित हुए थे.

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हेल्पलाइन नंबर पर मदद लेने की अपील

उन्होंने नालसा के हेल्पलाइन नंबर 15100 से कानूनी मदद लेने की अपील की. उन्होंने बताया कि ‘जन चेतना’ यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हर बुधवार को जेल समीक्षा दिवस मनाया जा रहा है, जिसमें कैदियों के परिवार वाले शामिल होते हैं. श्रमिक, वरिष्ठ नागरिक, घरेलू हिंसा से शिकार महिलायें, शिक्षा के अधिकार, चाइल्ड ट्रैफेकिंग, इनसे संबंधित मामलों का निराकरण मेगा लीगल कैंप में किया जा रहा है. विशिष्ट अतिथि जस्टिस संजय के. अग्रवाल व जस्टिस संजय एस. अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में लीगल मेगा कैंप के महत्व पर प्रकाश डाला.

शामिल हुए कई न्यायाधीश

कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन रजिस्ट्रार जनरल संजय कुमार जायसवाल ने दिया. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 23 सिविल जिलों में मेगा लीगल कैंप आयोजित हो रहे हैं. इसमें राज्य शासन के सभी विभाग, जिला न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा कलेक्टर, एसपी आदि शामिल हो रहे हैं. हाईकोर्ट के जस्टिस आरसीएस सामंत, जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास, जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी, जस्टिस दीपक कुमार तिवारी, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के चेयरमेन केएल चरियानी, रजिस्ट्रार विजिलेंस संतोष शर्मा आदि मौजूद रहे.

Last Updated : Oct 24, 2021, 7:44 PM IST
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