बिलासपुरः अब तो कृषि बिल 2021 वापसी भी सियासी घमासान में बदल गया है. छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस (ruling congress in chhattisgarh) ने बीजेपी की तर्ज पर इस मसले को लपक लिया है. इधर, बीजेपी भी पीछे रहने की मूड में नहीं है. संगठन के नेताओं ने धान खरीदी को ही अपना मुद्दा बनाकर प्रदेश सरकार को घेरने को कोशिश शुरू कर दिया है.
किसानों के सिर अतिरिक्त आर्थिक बोझ
किसान नेता धीरेंद्र दुबे ने कहा कि धान खरीदी के मामले में राज्य सरकार की कथनी-करनी में भारी अंतर है. किसान परेशान है. सरकार सिर्फ लाभ देने का प्रदर्शन कर रही है. राज्य सरकार ने बारदाने को लेकर सरकार ने सर्कुलर जारी किया है. बारदाने पर एफसीआई के सर्कुलर (FCI circular on gunny bags) का पालन नहीं किया जा रहा है. सरकार नहीं चाहती की किसानों का धान आसानी से खरीद सके. किसान के चेहरे सूख गए हैं. उनके उपर अतिरिक्त 100 रुपए का बोझ आ पड़ा है..
सरकार ने किया किसानों का घोर अपमान
कांग्रेस नेता राकेश शर्मा ने कहा कि कृषि कानून को लेकर सरकार की हठधर्मिता (government dogma) थी, उसे वापस लिया गया. सैकड़ों किसान मरे. माताएं, बहुओं के सुहाग मिट गए. घर उजड़ गए. इस नुकसान की सरकार कहां से भरपाई करेगी? किसानों को आतंकवादी घोषित किया गया. सरकार ने इतने ऊंचे पवित्र सदन को कलंकित किया. मैं इसकी भर्त्सना करता हूं. ऐसे हठधर्मी राजा को बार-बार सोचना चाहिए. उन्होंने सरकार को निशाने पर लेकर कहा कि आप न तो राम के हैं और न ही राष्ट्र के हैं. सरकार ने राष्ट्रभक्त किसानों को आतंकवादी तक कहा, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
इतिहास में पहली बार किसी पीएम का सामने आया धोखा
बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि मोदी ने तीन काले कानून लाकर अत्याचार किया था. कृषि व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए काले कानून को लाया. पूंजीपतियों को लाभ देने की कोशिश की. कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया था. देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि देश के प्रधानमंत्री ने धोखा देते हुए काले कानून लाए. सरकार ने जनता में अपनी विश्वसनीयता को खोया है.
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सरकार ने किया किसानों का सम्मान
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आज पार्लियामेंट के द्वारा तीनों कृषि बिल वापस ले लिया गया. मोदी जी का आभार व्यक्त किया है कि उन्होंने किसानों के सम्मान में बिल वापस लेने की बात कही, सबसे पहला काम उन्होंने यही काम किया. उनके कथनी-करनी में कोई अंतर नहीं है. लोग इसीलिए उनके उपर विश्वास करते हैं.
लोकतंत्र में चर्चा का अधिकार
पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मोदी सरकार ने जो काला कानून बनाया था. उसे वापस लिया गया. लोकतांत्रिक प्रक्रिया ये है कि कोई भी कानून जिस वर्ग के लिए बनाया जाय, उस वर्ग से चर्चा जरूर करना चाहिए. कृषि बिल के खिलाफ किसानों ने वृहद आंदोलन और संघर्ष किया. जिसके परिणाम स्वरूप सरकार ने इसे वापस लिया. हम किसानों को बहुत-बहुत बधाई देते हैं कि उन्हें उनके संघर्षों का सुखद परिणाम मिला.