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बिलासपुर विधायक को संगठन में मिलने लगी तवज्जो, कांग्रेस के प्रदर्शन में संगठन खेमा दिखा शैलेष पांडेय के इर्द-गिर्द - कांग्रेस का प्रदर्शन

यूपी के लखीमपुर की घटना (incident in lakhimpur) पर प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन (Protest) और कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन (memorandum to the president) देने की कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम (state level program) में विधायक बिलासपुर विधायक को संगठन से तवज्जो मिलने लगी है. लखीमपुर खीरी के मामले पर ज्ञापन कार्यक्रम में शैलेश पाण्डेय आगे-आगे रहे और उनके पीछे शहर अध्यक्ष और पूरी कांग्रेस कमेटी दिखी.

Bilaspur MLA started getting attention in the organization
बिलासपुर विधायक को संगठन में मिलने लगी तवज्जो
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Published : Oct 5, 2021, 9:34 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 10:56 PM IST

बिलासपुरः यूपी के लखीमपुर की घटना (incident in lakhimpur) पर प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन (Protest) और कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन (memorandum to the president) देने की कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम (state level program) में विधायक शैलेष पांडेय को संगठन से तवज्जो मिलने लगी है. इससे पहले शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद नायक (City Congress Committee President Pramod Nayak) ने विधायक के पार्टी विरोधी गतिविधियों (anti party activities) को ले कर जहां उनके कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से 6 साल के निष्कासन का प्रस्ताव पास किया था, वहीं शहर अध्यक्ष बदलते ही फिर विधायक को तवज्जो मिलने लगा है. वह संगठन खेमा के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलते नजर आए.

बिलासपुर विधायक को संगठन में मिलने लगी तवज्जो

पुरानी कहावत है कि कांग्रेस पार्टी में कोई किसी का माई बाप नहीं होता. जैसे ही पद से हटे उनकी ख्याति भी कम हो जाती है और उनके किए कार्य को नकार दिया जाता है. कुछ इसी तरह का मामला बिलासपुर में इन दिनों देखा जा रहा है. पिछले दिनों शहर विधायक शैलेष पांडेय ने पंकज सिंह के द्वारा सिम्स अस्पताल (sims hospital) के टेक्नीशियन के साथ किए विवाद (dispute with technician) के बाद उनके खिलाफ सिटी कोतवाली में एफआईआर (FIR in Kotwali) दर्ज हुई थी.

सीएम के खिलाफ हुई थी बयानबाजी

एफआईआर के विरोध में विधायक शैलेश पांडेय दल-बल के साथ थाना पहुंच गए थे और थाने में जहां एक ओर मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगते रहे वहीं शैलेश पांडेय और टीएस सिंहदेव के जयकारे लग रहे थे. इसके अलावा विधायक शैलेश पांडेय ने मीडिया में बयान भी दिया था कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आदमी हैं, इसलिए उनको और उनके समर्थकों को पुलिस के द्वारा ठोका जा रहा है. शहर कांग्रेस कमेटी और एक बड़े नेता के गुट के लोग जहां शैलेश पांडेय के इस बयान की निंदा करते रहे वहीं तत्कालीन शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने विधायक शैलेश पांडेय को पार्टी से निष्कासन के लिए प्रस्ताव पास किया था.

उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित करने लिफाफा बंद चिट्ठी प्रदेश अध्यक्ष सहित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) को भिजवाया गया था. लेकिन अब मौसम बदल गया और जहां गर्मी थी वहीं अब गुलाबी ठंड ने मौसम में परिवर्तन ला दी. इधर प्रमोद नायक के शहर अध्यक्ष पद से हटते ही नए अध्यक्ष विजय पांडेय की ताजपोशी हुई, वहीं दूसरी तरफ संगठन खेमा विधायक के पक्ष में नजर आने लगा है. आज के प्रदर्शन और ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट के प्रांगण (Collectorate's Courtyard) में संगठन खेमा विधायक के इर्द-गिर्द नजर आया और अब जहां गुलाबी ठंड थी यानी दूसरा खेमा, वहां अब गर्मी आ गई है. यानी टीएस बाबा समर्थकों के अगेंस्ट वाले गुट में गर्मी साफ दिखने लगी है.

बीजेपी पूर्व विधायक का भूपेश सरकार पर चावल घोटाला का आरोप

प्रदर्शन में आगे रहे विधायक

उस गुट के लोग संगठन के पदाधिकारियों से दूरी बनाए हुए थे. भले ही वह साथ थे, लेकिन मन से एक दूसरे के दूर थे. आज के ज्ञापन कार्यक्रम में शैलेश पाण्डेय आगे-आगे रहे और उनके पीछे शहर अध्यक्ष और पूरी कांग्रेस कमेटी दिखी. विधायक ने मीडिया में भी लखीमपुर मामले में खुल कर बोला. उनके बोलने में जो कॉन्फिडेंस (Confidence) दिख रहा था, वह दर्शाता है कि उन्हें संगठन खेमा की ताकत हासिल हो गई है. इधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बात करें तो शैलेष पांडेय को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से भी तवज्जो मिलता दिखने लगा है.

उनको 28 अक्टूबर को होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में कार्ड बांटने की जिम्मेदारी मिली है. आयोजन में देश भर के आदिवासी नेतृत्व शिरकत करेंगे. राज्य सरकार ने महोत्सव को प्रभावी बनाने की देश भर के सभी राज्यों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों में राजनीति व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय राजनेताओं व सामाजिक नेताओं को न्योता देकर महोत्सव में शामिल होने आग्रह किया है. इसकी जिम्मेदारी विधायकों को दी गई है. इस जिम्मेदारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय को पार्टी स्तर पर भी महत्व मिलने लगा है.

बिलासपुरः यूपी के लखीमपुर की घटना (incident in lakhimpur) पर प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन (Protest) और कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन (memorandum to the president) देने की कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम (state level program) में विधायक शैलेष पांडेय को संगठन से तवज्जो मिलने लगी है. इससे पहले शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद नायक (City Congress Committee President Pramod Nayak) ने विधायक के पार्टी विरोधी गतिविधियों (anti party activities) को ले कर जहां उनके कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से 6 साल के निष्कासन का प्रस्ताव पास किया था, वहीं शहर अध्यक्ष बदलते ही फिर विधायक को तवज्जो मिलने लगा है. वह संगठन खेमा के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलते नजर आए.

बिलासपुर विधायक को संगठन में मिलने लगी तवज्जो

पुरानी कहावत है कि कांग्रेस पार्टी में कोई किसी का माई बाप नहीं होता. जैसे ही पद से हटे उनकी ख्याति भी कम हो जाती है और उनके किए कार्य को नकार दिया जाता है. कुछ इसी तरह का मामला बिलासपुर में इन दिनों देखा जा रहा है. पिछले दिनों शहर विधायक शैलेष पांडेय ने पंकज सिंह के द्वारा सिम्स अस्पताल (sims hospital) के टेक्नीशियन के साथ किए विवाद (dispute with technician) के बाद उनके खिलाफ सिटी कोतवाली में एफआईआर (FIR in Kotwali) दर्ज हुई थी.

सीएम के खिलाफ हुई थी बयानबाजी

एफआईआर के विरोध में विधायक शैलेश पांडेय दल-बल के साथ थाना पहुंच गए थे और थाने में जहां एक ओर मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगते रहे वहीं शैलेश पांडेय और टीएस सिंहदेव के जयकारे लग रहे थे. इसके अलावा विधायक शैलेश पांडेय ने मीडिया में बयान भी दिया था कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आदमी हैं, इसलिए उनको और उनके समर्थकों को पुलिस के द्वारा ठोका जा रहा है. शहर कांग्रेस कमेटी और एक बड़े नेता के गुट के लोग जहां शैलेश पांडेय के इस बयान की निंदा करते रहे वहीं तत्कालीन शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने विधायक शैलेश पांडेय को पार्टी से निष्कासन के लिए प्रस्ताव पास किया था.

उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित करने लिफाफा बंद चिट्ठी प्रदेश अध्यक्ष सहित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) को भिजवाया गया था. लेकिन अब मौसम बदल गया और जहां गर्मी थी वहीं अब गुलाबी ठंड ने मौसम में परिवर्तन ला दी. इधर प्रमोद नायक के शहर अध्यक्ष पद से हटते ही नए अध्यक्ष विजय पांडेय की ताजपोशी हुई, वहीं दूसरी तरफ संगठन खेमा विधायक के पक्ष में नजर आने लगा है. आज के प्रदर्शन और ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट के प्रांगण (Collectorate's Courtyard) में संगठन खेमा विधायक के इर्द-गिर्द नजर आया और अब जहां गुलाबी ठंड थी यानी दूसरा खेमा, वहां अब गर्मी आ गई है. यानी टीएस बाबा समर्थकों के अगेंस्ट वाले गुट में गर्मी साफ दिखने लगी है.

बीजेपी पूर्व विधायक का भूपेश सरकार पर चावल घोटाला का आरोप

प्रदर्शन में आगे रहे विधायक

उस गुट के लोग संगठन के पदाधिकारियों से दूरी बनाए हुए थे. भले ही वह साथ थे, लेकिन मन से एक दूसरे के दूर थे. आज के ज्ञापन कार्यक्रम में शैलेश पाण्डेय आगे-आगे रहे और उनके पीछे शहर अध्यक्ष और पूरी कांग्रेस कमेटी दिखी. विधायक ने मीडिया में भी लखीमपुर मामले में खुल कर बोला. उनके बोलने में जो कॉन्फिडेंस (Confidence) दिख रहा था, वह दर्शाता है कि उन्हें संगठन खेमा की ताकत हासिल हो गई है. इधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बात करें तो शैलेष पांडेय को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से भी तवज्जो मिलता दिखने लगा है.

उनको 28 अक्टूबर को होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में कार्ड बांटने की जिम्मेदारी मिली है. आयोजन में देश भर के आदिवासी नेतृत्व शिरकत करेंगे. राज्य सरकार ने महोत्सव को प्रभावी बनाने की देश भर के सभी राज्यों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों में राजनीति व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय राजनेताओं व सामाजिक नेताओं को न्योता देकर महोत्सव में शामिल होने आग्रह किया है. इसकी जिम्मेदारी विधायकों को दी गई है. इस जिम्मेदारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय को पार्टी स्तर पर भी महत्व मिलने लगा है.

Last Updated : Oct 5, 2021, 10:56 PM IST
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