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अम्बिकापुर: मेडिकल कॉलेज के मरच्युरी में नहीं है फ्रीजर, शव की हो रही दुर्दशा

संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शव को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर नहीं है, जिसके कारण लावारिस शव की दुर्दशा हो रही है.

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Published : Aug 23, 2019, 1:14 PM IST

मरच्युरी में फ्रीजर नहीं होने के कारण शव की हालत खराब


अम्बिकापुर: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरच्युरी में फ्रीजर नहीं होने से तीन दिन में ही शव की हालत खराब हो चुकी है. दरअसल 19 अगस्त की रात तीन अज्ञात व्यक्ति एक घायल युवक को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहुंचे थे. अस्पताल पहुंचाने के बाद तीनों युवक घायल को छोड़कर भाग गए.

मेडिकल कॉलेज के मरच्युरी में नहीं है फ्रीजर

पढ़ें: सरगुजा: मक्के की फसलों पर 'अमेरिकी' अटैक, चिंता में डूबा अन्नदाता

वहीं अस्पताल में युवक का इलाज लावारिस की तरह होता रहा. दूसरे दिन 20 अगस्त को अज्ञात युवक की मौत हो गई. मृतक की आयु 21 से 22 वर्ष के बीच बताई जा रही है. मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधक ने शव को मरच्युरी में रखवा दिया और परिजनों का इंतजार करने लगे. शव में कीड़े पड़ गए थे, जिसके बाद आनन-फानन में अस्पताल और पुलिस प्रबंधक ने नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाकर शव को दफन करवा दिया.

पुलिसकर्मियों ने बरती लापरवाही
घायल युवक की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने भी इसकी शिनाख्त में लापरवाही बरती है. मामले में न तो नजदीकी थाना और चौकी क्षेत्र में कोई सूचना दी गई और न ही पुलिस ने स्थानीय स्तर पर इसके पहचान के लिए कोई प्रयास किया. शव को बदहाल और सीलन भरे मरच्युरी कक्ष में बगैर फ्रीजर के ही रखवा दिया.





अम्बिकापुर: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरच्युरी में फ्रीजर नहीं होने से तीन दिन में ही शव की हालत खराब हो चुकी है. दरअसल 19 अगस्त की रात तीन अज्ञात व्यक्ति एक घायल युवक को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहुंचे थे. अस्पताल पहुंचाने के बाद तीनों युवक घायल को छोड़कर भाग गए.

मेडिकल कॉलेज के मरच्युरी में नहीं है फ्रीजर

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वहीं अस्पताल में युवक का इलाज लावारिस की तरह होता रहा. दूसरे दिन 20 अगस्त को अज्ञात युवक की मौत हो गई. मृतक की आयु 21 से 22 वर्ष के बीच बताई जा रही है. मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधक ने शव को मरच्युरी में रखवा दिया और परिजनों का इंतजार करने लगे. शव में कीड़े पड़ गए थे, जिसके बाद आनन-फानन में अस्पताल और पुलिस प्रबंधक ने नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाकर शव को दफन करवा दिया.

पुलिसकर्मियों ने बरती लापरवाही
घायल युवक की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने भी इसकी शिनाख्त में लापरवाही बरती है. मामले में न तो नजदीकी थाना और चौकी क्षेत्र में कोई सूचना दी गई और न ही पुलिस ने स्थानीय स्तर पर इसके पहचान के लिए कोई प्रयास किया. शव को बदहाल और सीलन भरे मरच्युरी कक्ष में बगैर फ्रीजर के ही रखवा दिया.




Intro:अम्बिकापुर- संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही से शव को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते हैं लावारिस शव की दुर्दशा हो रही है, दरअसल 19 अगस्त की रात तीन अज्ञात व्यक्ति एक घायल युवक को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहुंचे थे। अस्पताल पहुचाने के बाद तीनों युवक घायल को छोड़ भाग गए, वही अस्पताल में युवक का इलाज लावारिस की भांति होता रहा, दूसरे दिन 20 अगस्त को अज्ञात युवक की मौत हो गई मृतक की आयु 21 से 22 वर्ष के बीच की बताई जा रही है । मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधक मरक्यूरी में रखवा दिया गया। और परिजनों का इंतजार करने लगा।


Body:मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरचुरी में फ्रीजर नहीं होने से तीन दिन में ही शव की हालत खराब हो चुकी है शव में कीड़े पर गए थे ,जिसके बाद आनन फानन में अस्पताल और पुलिस प्रबंधक ने नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाकर शव का कफन दफन करवा दिया । यहां का यह कोई पहला मामला नहीं है जब लावारिस शव की अंतिम संस्कार नगर निगम न किया हो अधिकतर केस में परिजन अंतिम संस्कार के बाद पहुंचते हैं।





Conclusion:घायल युवक की मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने भी इसकी शिनाख्त में लापरवाही बरती है, ना तो नजदीकी थाना और चौकी क्षेत्र में कोई सूचना दी गई , और ना ही पुलिस ने स्थानीय स्तर पर इसके पहचान के लिए कोई प्रयास किया ।शव को बदहाल और सीलन भरे मंचुरी कक्ष में बगैर फ्रिजर के ही रखवा दिया जबकि अगर अस्पताल प्रबंधन और पुलिस चाहे तो यह डिजिटल दुनिया में उसकी पहचान के लिए कोशिश कर सकती थी लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।


बाईट 01 - कवि माली ( नगर निगम कर्मचारी)
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