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सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 17 लाख की ठगी का आरोपी झारखंड के रांची से गिरफ्तार - जशपुर पुलिस साइबर क्राइम टीम की कार्रवाई

jashpur police in action : जशपुर में युवक के साथ हुई ठगी के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने युवक की नौकरी एनटीपीसी और रेलवे में लगाने का झांसा दिया था.

The accused who cheated 17 lakhs arrested from Ranchi
17 लाख ठगने वाला आरोपी रांची से गिरफ्तार
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Published : Mar 16, 2022, 4:46 PM IST

जशपुर : पुलिस ने सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी (Cheating in the name of setting up a government job) करने वाले आरोपी (fraud accused) को झारखंड से दबोच लिया है. युवक ने एनटीपीसी और रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 17 लाख से अधिक की ठगी की थी. पुलिस के मुताबिक मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था. वहीं मामले में अभियुक्त बनाए गए दूसरे आरोपियों की तलाश जारी है. ठगी की शिकायत आदित्य कुमार एक्का ने की थी. मामला 10 जनवरी 2020 का है. आदित्य ने नौकरी लगाने के लिए आरोपी रंजीत कुमार यादव को पैसे दिए थे. लेकिन रंजीत के मन में कुछ और ही चल रहा था. पहले तो पैसा मिलने के बाद रंजीत ने फर्जी कागजों के जरिए आदित्य को उलझाया. इसके बाद मौका पाते ही जशपुर से फरार हो गया. रंजीत के फरार होने के बाद बगीचा के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी से मामले की शिकायत की गई थी.

ये भी पढ़ें- आधे दाम में स्कॉर्पियो, 2 लाख लेकर 9 लाख लोन का झांसा दे ठगी करने वाले झारखंड के 3 ठग गिरफ्तार

कैसे आया था झांसे में ?

पीड़ित आदित्य कुमार एक्का (Victim Aditya Kumar Ekka) धमतरी जिले के रुद्री का रहने वाला है. आदित्य जशपुर के बगीचा में परिचित के घर पर आता जाता था. इस दौरान आदित्य को भरोसा दिलाया कि रंजीत नाम का एक शख्स रेलवे या एनटीपीसी में सरकारी नौकरी लगवा सकता है.आदित्य को ये यकीन हो गया कि उसकी नौकरी लग सकती है. इसके बाद आदित्य से नौकरी के नाम पर पहले एक लाख रुपए और मार्कशीट की फोटोकॉपी ले लिए गए. कभी वेरिफिकेशन कभी पेपर वर्क तो कभी कॉल लेटर मंगवाने को लेकर आदित्य से कई बार पैसों की मांग की गई. आदित्य ने अलग-अलग किस्तों में करीब साढ़े 16 लाख रुपए दिये. जब एक साल बाद तक नौकरी नहीं लगी तो उसने पैसे मांगे. लेकिन आरोपियों ने आदित्य की नौकरी रेलवे में लगाने का झांसा दिया. आदित्य जो पैसे देकर फंस चुका था, उसने नौकरी के लिए इस बार भी हामी भर दी. कुछ दिनों बाद दोनों आरोपी मोबाइल बंद कर फरार हो गए.

पुलिस ने एक आरोपी को दबोचा
पुलिस आरोपियों की तलाश में लगी थी. इसी दौरान मुखबिर की सूचना और सायबर सेल (Informant Information and Cyber ​​Cell) के सहयोग से सूचना मिली. प्रकरण के आरोपी रंजीत कुमार यादव के रांची में मौजूद होने की जानकारी मिली. जिसके बाद टीम ने रांची में दबिश दी और आरोपी को रांची से अभिरक्षा में थाने लाया गया. पूछताछ में आरोपी ने अपराध को अपने साथी के साथ मिलकर घटित करना स्वीकार किया. आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल को जब्त किया गया. फिलहाल आरोपी रंजीत को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इस कार्रवाई में सहायक उपनिरीक्षक जोसिक राम कुर्रे, ईश्वर प्रसाद वारले, आर चूरामन साहू समेत दूसरे स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही.

जशपुर : पुलिस ने सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी (Cheating in the name of setting up a government job) करने वाले आरोपी (fraud accused) को झारखंड से दबोच लिया है. युवक ने एनटीपीसी और रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 17 लाख से अधिक की ठगी की थी. पुलिस के मुताबिक मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था. वहीं मामले में अभियुक्त बनाए गए दूसरे आरोपियों की तलाश जारी है. ठगी की शिकायत आदित्य कुमार एक्का ने की थी. मामला 10 जनवरी 2020 का है. आदित्य ने नौकरी लगाने के लिए आरोपी रंजीत कुमार यादव को पैसे दिए थे. लेकिन रंजीत के मन में कुछ और ही चल रहा था. पहले तो पैसा मिलने के बाद रंजीत ने फर्जी कागजों के जरिए आदित्य को उलझाया. इसके बाद मौका पाते ही जशपुर से फरार हो गया. रंजीत के फरार होने के बाद बगीचा के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी से मामले की शिकायत की गई थी.

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कैसे आया था झांसे में ?

पीड़ित आदित्य कुमार एक्का (Victim Aditya Kumar Ekka) धमतरी जिले के रुद्री का रहने वाला है. आदित्य जशपुर के बगीचा में परिचित के घर पर आता जाता था. इस दौरान आदित्य को भरोसा दिलाया कि रंजीत नाम का एक शख्स रेलवे या एनटीपीसी में सरकारी नौकरी लगवा सकता है.आदित्य को ये यकीन हो गया कि उसकी नौकरी लग सकती है. इसके बाद आदित्य से नौकरी के नाम पर पहले एक लाख रुपए और मार्कशीट की फोटोकॉपी ले लिए गए. कभी वेरिफिकेशन कभी पेपर वर्क तो कभी कॉल लेटर मंगवाने को लेकर आदित्य से कई बार पैसों की मांग की गई. आदित्य ने अलग-अलग किस्तों में करीब साढ़े 16 लाख रुपए दिये. जब एक साल बाद तक नौकरी नहीं लगी तो उसने पैसे मांगे. लेकिन आरोपियों ने आदित्य की नौकरी रेलवे में लगाने का झांसा दिया. आदित्य जो पैसे देकर फंस चुका था, उसने नौकरी के लिए इस बार भी हामी भर दी. कुछ दिनों बाद दोनों आरोपी मोबाइल बंद कर फरार हो गए.

पुलिस ने एक आरोपी को दबोचा
पुलिस आरोपियों की तलाश में लगी थी. इसी दौरान मुखबिर की सूचना और सायबर सेल (Informant Information and Cyber ​​Cell) के सहयोग से सूचना मिली. प्रकरण के आरोपी रंजीत कुमार यादव के रांची में मौजूद होने की जानकारी मिली. जिसके बाद टीम ने रांची में दबिश दी और आरोपी को रांची से अभिरक्षा में थाने लाया गया. पूछताछ में आरोपी ने अपराध को अपने साथी के साथ मिलकर घटित करना स्वीकार किया. आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल को जब्त किया गया. फिलहाल आरोपी रंजीत को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इस कार्रवाई में सहायक उपनिरीक्षक जोसिक राम कुर्रे, ईश्वर प्रसाद वारले, आर चूरामन साहू समेत दूसरे स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही.

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