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लॉकडाउन ने किया बेरोजगार: किसी को नौकरी की चिंता, कोई इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर कर रहा बागवानी - Unemployment

छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन और कोरोना काल में युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. कई युवा अपना काम छोड़कर घर लौट आए हैं. ऐसे में इन युवाओं को शहर में कोई नया काम नहीं मिल रहा है. युवा बेरोजगारी की वजह से घर पर बैठने को मजबूर हैं.

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बागवानी करता युवक
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Published : Jun 20, 2020, 1:52 PM IST

सरगुजा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत की. कोरोना लॉकडाउन में अपने राज्य लौटे श्रमिकों की बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार यह खास अभियान करने जा रही है. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार भी मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा रही है, लेकिन पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं की सुध कोई नहीं ले रहा है.

लॉकडाउन में बढ़ रही बेरोजगारी

लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में अनइम्पलॉयमेंट है, ज्यादातर काम अब भी बंद हैं. इसकी वजह से प्राइवेट सेक्टरों में बेरोजगारी की दर बढ़ गई है. दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए गए युवा कोरोना संक्रमण के डर से घर लौट गए हैं. मध्यम वर्गीय परिवार में कर्ज लेकर पढ़ाई पूरी करने वाले युवाओं के सामने अब रोजगार की तलाश करना सबसे बड़ी चुनौती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार योजना लॉन्च करने से पहले शहीदों को दी श्रद्धांजलि

सरगुजा में लाखों रुपए खर्च कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवा आज बेरोजगार हो गए हैं. घर पर खाली बैठे ये युवा मशीनों की जगह अब खाली समय में बागवानी कर रहे हैं. शिक्षित होने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने पर इन युवाओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. कोरोना काल के समय दूसरे राज्यों में ये युवा नौकरी की तलाश में नहीं जा पा रहे हैं. कोरोना का भय, बेरोजगारी की चिंता ये सब अवसाद का प्रमुख कारण बनता जा रहा है, लिहाजा सरकारों को शहरी युवाओं की बेरोजगारी दूर करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है.

बेरोजगारी से जूझ रहे युवा

अंबिकापुर के एक युवक ने बताया कि लॉकडाउन से पहले हमें फिर भी काम मिल जाया करता था. लॉकडाउन के बाद अब बाजार तो खोल दिये गये हैं, लेकिन बड़ा नुकसान झेल चुकी कई कंपनियां अब कर्मचारियों की छुट्टी करने के मूड में हैं.

सरगुजा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत की. कोरोना लॉकडाउन में अपने राज्य लौटे श्रमिकों की बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार यह खास अभियान करने जा रही है. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार भी मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा रही है, लेकिन पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं की सुध कोई नहीं ले रहा है.

लॉकडाउन में बढ़ रही बेरोजगारी

लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में अनइम्पलॉयमेंट है, ज्यादातर काम अब भी बंद हैं. इसकी वजह से प्राइवेट सेक्टरों में बेरोजगारी की दर बढ़ गई है. दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए गए युवा कोरोना संक्रमण के डर से घर लौट गए हैं. मध्यम वर्गीय परिवार में कर्ज लेकर पढ़ाई पूरी करने वाले युवाओं के सामने अब रोजगार की तलाश करना सबसे बड़ी चुनौती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार योजना लॉन्च करने से पहले शहीदों को दी श्रद्धांजलि

सरगुजा में लाखों रुपए खर्च कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवा आज बेरोजगार हो गए हैं. घर पर खाली बैठे ये युवा मशीनों की जगह अब खाली समय में बागवानी कर रहे हैं. शिक्षित होने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने पर इन युवाओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. कोरोना काल के समय दूसरे राज्यों में ये युवा नौकरी की तलाश में नहीं जा पा रहे हैं. कोरोना का भय, बेरोजगारी की चिंता ये सब अवसाद का प्रमुख कारण बनता जा रहा है, लिहाजा सरकारों को शहरी युवाओं की बेरोजगारी दूर करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है.

बेरोजगारी से जूझ रहे युवा

अंबिकापुर के एक युवक ने बताया कि लॉकडाउन से पहले हमें फिर भी काम मिल जाया करता था. लॉकडाउन के बाद अब बाजार तो खोल दिये गये हैं, लेकिन बड़ा नुकसान झेल चुकी कई कंपनियां अब कर्मचारियों की छुट्टी करने के मूड में हैं.

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