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अम्बिकापुर: इलाज नहीं होने से मवेशियों की मौत, नगर निगम खुले में फेंक रहा शव - सरगुजा में मवेशियों की मौत

नगर निगम की लापरवाही से शहर के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इलाज नहीं मिलने से मवेशियों की मौत
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Published : Jul 31, 2019, 8:06 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 10:45 PM IST

अम्बिकापुर: सरगुजा जिला मुख्यालय में पशु चिकित्सालय की हालात गंभीर हैं. यहां मवेशियों के इलाज के लिए सही व्यवस्था नहीं होने से कहीं मवेशियों की लाश पड़ी है, तो कहीं वे गंभीर हालत में हैं.

इलाज नहीं मिलने से मवेशियों की मौत

शहर की सड़कों पर आए दिन हादसों के शिकार मवेशियों को समय पर इलाज नहीं मिलता, जिससे उनकी मौत हो जाती है. मौत के बाद मवेशियों को दफनाने की जगह उन्हें खुले में फेंक दिया जाता है, जिसकी वजह से इलाके में बीमारी फैलने का खतरा है.
कंपाउंडर कर रहे इलाज
दरअसल, चांदनी चौक में बीती रात को सड़क हादसे में घायल गाय को गौ सेवक मंडल सरगुजा के सदस्यों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन पशु अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं होने से कंपाउंडर ने गाय का इलाज किया, लेकिन इस दौरान उसकी मौत हो गई.

गौ सेवक मंडल ने लगाया आरोप

  • नगर निगम की ओर से गौ पलकों पर कोई कार्रवाई नहीं करती, जिसके कारण सड़कों पर खुलेआम मवेशियों का जमावड़ा रहता है.
  • जिससे आए दिन पशुओं की मौत होती रहती है. रात में ड्यूटी पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं होते हैं.
  • हर बार अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों का मोबाइल नंबर लेकर उनसे संपर्क करने पर फोन नहीं उठाया जाता है.
  • प्रयास करने के बाद भी फोन नहीं उठाने पर कंपाउंडर की ओर से गाय का इलाज किया जाता है.
  • वहीं मवेशियों की मौत हो जाने पर उन्हें दफनाने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर मवेशियों के शव को निगम की ओर से खुले में फेंक दिया जाता है.

अधिकारियों के मुताबिक
अस्पताल के उपसंचालक का कहना है कि दौरे में बाहर जाने की वजह से उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि पशु अस्पताल रात 8 बजे के बाद बंद हो जाता है. अगर घटना की सूचना दी जाती, तो डॉक्टर आकर घायल पशु का इलाज करते हैं.

अम्बिकापुर: सरगुजा जिला मुख्यालय में पशु चिकित्सालय की हालात गंभीर हैं. यहां मवेशियों के इलाज के लिए सही व्यवस्था नहीं होने से कहीं मवेशियों की लाश पड़ी है, तो कहीं वे गंभीर हालत में हैं.

इलाज नहीं मिलने से मवेशियों की मौत

शहर की सड़कों पर आए दिन हादसों के शिकार मवेशियों को समय पर इलाज नहीं मिलता, जिससे उनकी मौत हो जाती है. मौत के बाद मवेशियों को दफनाने की जगह उन्हें खुले में फेंक दिया जाता है, जिसकी वजह से इलाके में बीमारी फैलने का खतरा है.
कंपाउंडर कर रहे इलाज
दरअसल, चांदनी चौक में बीती रात को सड़क हादसे में घायल गाय को गौ सेवक मंडल सरगुजा के सदस्यों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन पशु अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं होने से कंपाउंडर ने गाय का इलाज किया, लेकिन इस दौरान उसकी मौत हो गई.

गौ सेवक मंडल ने लगाया आरोप

  • नगर निगम की ओर से गौ पलकों पर कोई कार्रवाई नहीं करती, जिसके कारण सड़कों पर खुलेआम मवेशियों का जमावड़ा रहता है.
  • जिससे आए दिन पशुओं की मौत होती रहती है. रात में ड्यूटी पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं होते हैं.
  • हर बार अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों का मोबाइल नंबर लेकर उनसे संपर्क करने पर फोन नहीं उठाया जाता है.
  • प्रयास करने के बाद भी फोन नहीं उठाने पर कंपाउंडर की ओर से गाय का इलाज किया जाता है.
  • वहीं मवेशियों की मौत हो जाने पर उन्हें दफनाने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर मवेशियों के शव को निगम की ओर से खुले में फेंक दिया जाता है.

अधिकारियों के मुताबिक
अस्पताल के उपसंचालक का कहना है कि दौरे में बाहर जाने की वजह से उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि पशु अस्पताल रात 8 बजे के बाद बंद हो जाता है. अगर घटना की सूचना दी जाती, तो डॉक्टर आकर घायल पशु का इलाज करते हैं.

Intro:अम्बिकापुर- सरगुजा जिला मुख्यालय में स्थित पशु चिकित्सालय की स्थिति काफी बदतर हो चुकी है यहां पर मवेशियों के उपचार के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने से शहर में सड़क दुर्घटना में घायल हुए मवेशियों को सही समय मे इलाज नही मिलने से मौत हो जाती हैं। वहीं मवेशियों की मौत हो जाने पर उन्हें दफनाने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर उनके शव को निगम द्वारा खुले में फेंक दिया जाता है ,जिससे बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो रहा है।


Body:दरअसल चांदनी चौक में बीती रात एक गाय सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने पर गौ सेवक मंडल सरगुजा द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल गाय को उपचार के लिए जिले का सबसे बड़ा पशु अस्पताल में लाया गया लेकिन पशु अस्पताल में कोई डॉक्टर नही होने से कंपाउंडर द्वारा उसकी समझ से गाय को इंजेक्शन लगा दिया परंतु इससे गाय की जान नहीं बच सकी ।

गौ सेवक मंडल सरगुजा के पदाधिकारियों ने यहाँ पदस्थ पशु चिकित्सको पर आरोप लगाया है कि रात में ड्यूटी पर कोई भी चिकित्सक उपस्थित नहीं होता है हर बार अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों का मोबाइल नंबर लेकर उनसे संपर्क करने पर फोन उठाया नही जाता है । काफी प्रयास करने के बाद भी फोन नहीं उठाने पर कंपाउंडर द्वारा गाय का इलाज किया जाता है।




Conclusion:आरोप है कि नगर निगम द्वारा गौ पलको पर कोई कार्यवाही नही करती जिसके कारण सड़को पर खुले आम मवेशियों का जमावड़ा रहता है जिसके वजह से आये दिन तीन चार मवेशियों का सड़क दुर्घटना से मौत हो रहा है ।मरने के बाद इनके शव को नगर निगम के वाहन से साड़बर स्थित डम्पिंग यार्ड में खुले में फेंक दिया जाता है। जिससे बीमारी फैलने का खतरा बन रहा है।

वही जिम्मेदारी अधिकारी दौरे में जाने की वजह से नही होने और इस विषय पर कोई जानकारी नही होने की बात कर रहे है, उन्होंने कहा कि पशु अस्पताल में रात 8 बजे के बाद अस्पताल बंद हो जाता है। देर रात ऐसा कोई मामला आता है तो डॉक्टर आकर घायल पशु का इलाज करते है।


बाईट 01- अंकित तिवारी( गौ सेवा मंडल संभाग प्रभारी)

बाईट 02- डॉ एस पी सिंह (उप संचालक)

Last Updated : Jul 31, 2019, 10:45 PM IST
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