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101 tubectomies in 7 hours: मैनपाट BMO व सर्जन को कारण बताओ नोटिस - sterilization scandal

7 घंटे में 101 नसबंदी ऑपरेशन करने के मामले में मैनपाट BMO व सर्जन जे एक्का (Dr j ekka) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही CMHO ने तीन सदस्यीय जांच टीम भी गठित कर दी है.

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7 घंटे में 101 नसबंदी
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Published : Sep 6, 2021, 10:32 AM IST

सरगुजा : टारगेट पूरा करने के चक्कर में नियमों को ताक पर रखकर महिलाओं की नसबंदी करने के मामले में CMHO ने जांच टीम गठित कर दी है. इसके साथ ही BMO मैनपाट व सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सीतापुर व मैनपाट में 27 अगस्त को नसबंदी शिविर Sterilization camp in Mainpat का आयोजन किया गया था. इस नसबंदी शिविर में ऑपरेशन की जिम्मेदारी सर्जन जे एक्का (Dr j ekka)को दी गई थी. उन्होंने पहले सीतापुर में कैम्प लगाकर महिलाओं की नसबंदी की और उसके बाद मैनपाट में ऑपरेशन के लिए पहुंचे. मैनपाट में रात 8 बजे से लेकर 3 बजे तक ऑपरेशन निरंतर चला और महज 7 घंटे में 101 महिलाओं की नसबंदी (101 tubectomies in 7 hours) कर दी गई. जबकि नियम के तहत एक दिन में अधिकतम 30 लोगों की नसबंदी किए जाने का ही प्रावधान है.

नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर दरी बिछाकर सुलाया गया था और कुछ समय के बाद उन्हें घर जाने दिया गया. इसके साथ ही शिकायत यह है कि सुबह से आई हुई महिलाओं को भूखे प्यासे रखा गया और रात को महज बिस्किट खिलाकर घर भेज दिया गया. इस बड़ी लापरवाही के कारण बड़ी घटना हो सकती थी.

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मामला संज्ञान आने के बाद CMHO डॉ. पीएस सिसोदिया ने नसबंदी में की गई लापरवाही की जांच के लिए टीम गठित की है. इसके साथ ही मैनपाट BMO डॉ. आरएस सिंह, सर्जन डॉ. जिबनुस एक्का को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. CMHO सिसोदिया ने नसबंदी शिविर में 101 महिलाओं का ऑपरेशन करने के मामले में जांच के लिए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल प्रसाद, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण भजगावली और जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वॉय किंडो की तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. जांच में जो तथ्य आएंगे उसके अनुसार संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले भी प्रदेश में हुए नसबंदी कांड (sterilization scandal) में डॉक्टरों की लापरवाही से 18 महिलाओं की मौत हो गई थी. उस घटना के बाद भी अधिकारियों ने अब तक सबक नहीं लिया है.

सरगुजा : टारगेट पूरा करने के चक्कर में नियमों को ताक पर रखकर महिलाओं की नसबंदी करने के मामले में CMHO ने जांच टीम गठित कर दी है. इसके साथ ही BMO मैनपाट व सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सीतापुर व मैनपाट में 27 अगस्त को नसबंदी शिविर Sterilization camp in Mainpat का आयोजन किया गया था. इस नसबंदी शिविर में ऑपरेशन की जिम्मेदारी सर्जन जे एक्का (Dr j ekka)को दी गई थी. उन्होंने पहले सीतापुर में कैम्प लगाकर महिलाओं की नसबंदी की और उसके बाद मैनपाट में ऑपरेशन के लिए पहुंचे. मैनपाट में रात 8 बजे से लेकर 3 बजे तक ऑपरेशन निरंतर चला और महज 7 घंटे में 101 महिलाओं की नसबंदी (101 tubectomies in 7 hours) कर दी गई. जबकि नियम के तहत एक दिन में अधिकतम 30 लोगों की नसबंदी किए जाने का ही प्रावधान है.

नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर दरी बिछाकर सुलाया गया था और कुछ समय के बाद उन्हें घर जाने दिया गया. इसके साथ ही शिकायत यह है कि सुबह से आई हुई महिलाओं को भूखे प्यासे रखा गया और रात को महज बिस्किट खिलाकर घर भेज दिया गया. इस बड़ी लापरवाही के कारण बड़ी घटना हो सकती थी.

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मामला संज्ञान आने के बाद CMHO डॉ. पीएस सिसोदिया ने नसबंदी में की गई लापरवाही की जांच के लिए टीम गठित की है. इसके साथ ही मैनपाट BMO डॉ. आरएस सिंह, सर्जन डॉ. जिबनुस एक्का को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. CMHO सिसोदिया ने नसबंदी शिविर में 101 महिलाओं का ऑपरेशन करने के मामले में जांच के लिए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल प्रसाद, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण भजगावली और जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वॉय किंडो की तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. जांच में जो तथ्य आएंगे उसके अनुसार संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले भी प्रदेश में हुए नसबंदी कांड (sterilization scandal) में डॉक्टरों की लापरवाही से 18 महिलाओं की मौत हो गई थी. उस घटना के बाद भी अधिकारियों ने अब तक सबक नहीं लिया है.

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