नई दिल्ली : फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश का आम बजट पेश करेंगी. माना जा रहा है कि 2023 में वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी आ सकती है. ऐसे समय में इस बजट पर सबकी निगाहें है. देश के सभी लोगों को इस बजट का इंतजार है. चाहें वह एक आम आदमी हो, MSMEs का मालिक हो या फिर कोई बड़ा बिजनेसमैन ही क्यों न हो. लेकिन क्या आप जानते है कि सरकार की कमाई का जरिया क्या है. अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको यही बताते हैं...
FY22 के बजट डाक्यूमेंट के आधार पर, भारत की 1 रुपये की कमाई का एक बड़ा हिस्सा मुख्य रूप से उधार और अन्य लाईब्लिटी से मिलता है. इसके बाद Goods and Service Tax (GST), कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax) और इनकम टैक्स (Income Tax) से आता है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. जैसे देश की आय को 100 रुपया मान लें. अब इस ₹100 का सोर्स क्या है. यहां चार्ट मेंं कमाई के माध्यम से 100 रुपये का हिस्सा बताया गया है, जो कि प्रतिशत में है...
वित्तीय घाटा क्या है
सरकार की कुल आय और कुल व्यय के बीच के अंतर को वित्तीय घाटा (Fisical Daficit) कहते है. दूसरे शब्दों में कहे तो सरकार की कुल कमाई कितनी हुई और सरकार ने कुल कितना खर्च किया है, इसके बीच के अंतर को वित्तिय घाटा कहा जाता है. यह सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी को दर्शाता है. सरकार के कुल कमाई (राजस्व) की गणना करते समय, उसमें उधारी शामिल नहीं किया जाता है. चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए सरकार का कुल बजट 3944157 करोड़ रुपए अनुमानित है. सरकार जरूरत के हिसाब से बजट आवंटित करेगी. अगर आवंटन राशि अनुमानित राशि से अधिक हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में सरकार कर्ज लेती है.
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