कवर्धा: वन मंत्री मोहम्मद अकबर के आग्रह पर मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने मृतक झामसिंह के परिवार के लिए स्वेच्छा अनुदान मद से 4 लाख रुपये स्वीकृत किया है. बता दें कि झामसिंह धुर्वे की मौत 6 सितंबर को मध्यप्रदेश पुलिस की फायरिंग में हुई थी.
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनमंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के आग्रह पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले के रहने वाले मृतक झामसिंह धुर्वे के परिजन को स्वेच्छानुदान मद से 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है. वहीं बीते दिन यानी गुरुवार को मंत्री मोहम्मद अकबर मृतक के परिजनों से मिलने उनके गांव बालसमुंद पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रशासन की ओर से मृतक झामसिंह धुर्वे के परिजन को एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि दी है.
एमपी पुलिस की गोली से हुई थी मौत
कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत बालसमुंद गांव के रहने वाले झामसिंह धुर्वे की बीते 6 सिंतबर को बालाघाट सीमा में मध्यप्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं इस घटना के बाद राजनीति तुल पकड़ने लगी थी. साथ ही इस घटना के बाद आदिवासी समाज की ओर से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई थी. जिस पर मध्यप्रदेश पुलिस ने 302 का मुकदमा दर्ज कर ग्रामीणों को जांच का आश्वासन दिया है.
फायरिंग में मारे गए युवक के परिजनों से मिले थे मंत्री अकबर
बता दें कि 17 सितंबर को छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर एक दिवसीय कवर्धा प्रवास पर थे. इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस की गोली से मरने वाले आदिवासी ग्रामीण झामसिंह के परिजनों से मुलाकात की और उनके परिजनों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था. मंत्री मोहम्मद अकबर ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया था कि उन्होंने झामसिंह मरावी के परिजनों से मुलाकात कर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ सरकार उनके साथ है. झाम सिंह के दोषियों को सजा जरूर दिलाई जाएगी. मोहम्मद अकबर ने कहा था कि उन्होंने दो बार मध्यप्रदेश सरकार को खत लिखा है. वहीं छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी फोन पर बात कर मामले की जानकारी दी गई है.
आखिर किस पर की जाएगी कार्रवाई
प्रवास के दौरान वन मंत्री ने कहा था कि फिलहाल राज्यपाल अनुसुइया उइके मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में हैं. मंत्री अकबर ने आगे बताया कि उन्होंने झाम सिंह की हत्या के मामले मे कार्रवाई को लेकर मध्यप्रदेश के राज्यपाल से बातचीत की है. वहीं आदिवासी समाज के दबाव के कारण मध्यप्रदेश पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस के मुताबिक जांच की जा रही है. अब आने वाला वक्त बताएगा कि किस पर कार्रवाई की जाती है.