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Congress on Chhattisgarh ED raids: छत्तीसगढ़ में ईडी के छापे पर कांग्रेस का बड़ा बयान, बदले की राजनीति से नहीं डरेगी पार्टी

छत्तीसगढ़ में ईडी के छापे पर कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस बदले की राजनीति से नहीं डरेगी.

Etv BharatCongress Third rate vendetta politics wont be intimidated says Congress on Chhattisgarh ED raids
Etv Bharatछत्तीसगढ़ में ईडी के छापे पर कांग्रेस ने कहा- बदले की राजनीति से नहीं डरेगी
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Published : Feb 20, 2023, 1:59 PM IST

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में सोमवार को ईडी के छापे से नाराज कांग्रेस नेताओं ने जांच एजेंसी की इस कार्रवाई को 'तीसरे दर्जे की प्रतिशोध की राजनीति' करार दिया और कहा कि 'पार्टी इस तरह की किसी भी कार्रवाई से भयभीत नहीं होगी. पार्टी ने आश्चर्य जताया कि अडाणी समूह के खिलाफ इस तरह की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'आज सुबह हमने जो देखा वह तीसरे दर्जे की राजनीति का उदाहरण है . यह राजनीतिक प्रतिशोध है. हम इस तरह की किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. पीएम चीनी घुसपैठ और अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद जैसे मुद्दों पर चुप हैं, लेकिन पूर्ण सत्र से कुछ दिन पहले ईडी को कांग्रेस नेताओं को भेजते हैं.

छापेमारी सुबह 5 बजे शुरू हुई और हमें नहीं पता कि ये कब तक चलेगी. ये छापे हमारे पूर्ण अधिवेशन से ठीक तीन दिन पहले पड़े. हमारे अधिकांश नेता 23 फरवरी को रायपुर पहुंचना शुरू कर देंगे और 24 फरवरी से योजना के अनुसार काम होगा. रमेश ने दावा किया कि छापे इसलिए मारे गए क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा सफल रही और इससे सरकार हिल गई.

कांग्रेस अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर सवाल पूछ रही है. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने ईडी को 'लोकतंत्र को खत्म करने वाला' करार दिया और छत्तीसगढ़ में कार्रवाई पर सरकार को चेतावनी दी. ईडी का मोदी सरकार में नया नाम और नया काम है --- लोकतंत्र को खत्म करना. हम भी कुछ राज्यों में सत्ता में हैं. हमारी शालीनता को हमारी कमजोरी मत समझिए.

उन्होंने कहा, 'आप मीडिया हाउस पर तब छापा मारते हैं, जब वे सवाल उठाते हैं. जब विपक्षी नेता संसद में अडाणी का मुद्दा उठाते हैं तो आप उनके भाषणों के कुछ हिस्सों को हटा देते हैं. अडाणी समूह के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कांग्रेस नेताओं ने बताया कि ईडी ने पहले पार्टी के पूर्व प्रमुखों सोनिया गांधी और राहुल गांधी और मौजूदा प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ की. ज्यादातर विपक्षी नेताओं के खिलाफ काम कर रहे थे, लेकिन कई राजनेता जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे थे, भाजपा में शामिल होने के बाद साफ हो गए.

उन्होंने हिमंत बिस्वा सरमा, मुकुल रॉय, शुभेंदु अधिकारी, बीएस येदियुरप्पा और नारायण राणे जैसे नेताओं को राजनीतिक सफेदी के कुछ उदाहरणों के रूप में नामित किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, '2004 और 2014 के बीच ईडी ने 112 छापे मारे. पिछले आठ सालों में ऐसे छापे की संख्या 3010 हो गई. मोदी सरकार के दौरान ईडी के 95 प्रतिशत छापे विपक्षी नेताओं के खिलाफ थे.

ये भी पढ़ें- Cong can't fight alone: BJP से अकेले नहीं लड़ सकती कांग्रेस, मजबूत विपक्ष की जरुरत: वेणुगोपाल

जब भी भाजपा डरती है, वह ईडी भेजती है.' विवरण प्रदान करते हुए, खेड़ा ने कहा, '2014 से ईडी के छापे की पार्टी-वार सूची है. इससे पता चलता है किस पार्टी नेता के खिलाफ कितने बार छापे पड़े. विवरण इस प्रकार है- कांग्रेस 24, टीएमसी 19, एनसीपी 11, शिवसेना 8, डीएमके 6, बसपा 5, एसपी 5, टीडीपी 5, इनेलो 3, वाईएसआरसीपी 3, सीपीआई -एम 2, एनसी- 2, पीडीपी- 2, इंडस्ट्रीज- 2, एआईएडीएमके -1, एमएनएस -1 और एसबीएसपी -1 के यहां छापे पड़े. खेड़ा के अनुसार, ईडी ने पहले नेशनल हेराल्ड अखबार पर छापा मारा था जब सोनिया गांधी से तीन दिनों तक पूछताछ की गई थी, राहुल गांधी से 50 घंटे से अधिक और खड़गे से 7 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी.

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में सोमवार को ईडी के छापे से नाराज कांग्रेस नेताओं ने जांच एजेंसी की इस कार्रवाई को 'तीसरे दर्जे की प्रतिशोध की राजनीति' करार दिया और कहा कि 'पार्टी इस तरह की किसी भी कार्रवाई से भयभीत नहीं होगी. पार्टी ने आश्चर्य जताया कि अडाणी समूह के खिलाफ इस तरह की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'आज सुबह हमने जो देखा वह तीसरे दर्जे की राजनीति का उदाहरण है . यह राजनीतिक प्रतिशोध है. हम इस तरह की किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. पीएम चीनी घुसपैठ और अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद जैसे मुद्दों पर चुप हैं, लेकिन पूर्ण सत्र से कुछ दिन पहले ईडी को कांग्रेस नेताओं को भेजते हैं.

छापेमारी सुबह 5 बजे शुरू हुई और हमें नहीं पता कि ये कब तक चलेगी. ये छापे हमारे पूर्ण अधिवेशन से ठीक तीन दिन पहले पड़े. हमारे अधिकांश नेता 23 फरवरी को रायपुर पहुंचना शुरू कर देंगे और 24 फरवरी से योजना के अनुसार काम होगा. रमेश ने दावा किया कि छापे इसलिए मारे गए क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा सफल रही और इससे सरकार हिल गई.

कांग्रेस अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर सवाल पूछ रही है. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने ईडी को 'लोकतंत्र को खत्म करने वाला' करार दिया और छत्तीसगढ़ में कार्रवाई पर सरकार को चेतावनी दी. ईडी का मोदी सरकार में नया नाम और नया काम है --- लोकतंत्र को खत्म करना. हम भी कुछ राज्यों में सत्ता में हैं. हमारी शालीनता को हमारी कमजोरी मत समझिए.

उन्होंने कहा, 'आप मीडिया हाउस पर तब छापा मारते हैं, जब वे सवाल उठाते हैं. जब विपक्षी नेता संसद में अडाणी का मुद्दा उठाते हैं तो आप उनके भाषणों के कुछ हिस्सों को हटा देते हैं. अडाणी समूह के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कांग्रेस नेताओं ने बताया कि ईडी ने पहले पार्टी के पूर्व प्रमुखों सोनिया गांधी और राहुल गांधी और मौजूदा प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ की. ज्यादातर विपक्षी नेताओं के खिलाफ काम कर रहे थे, लेकिन कई राजनेता जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे थे, भाजपा में शामिल होने के बाद साफ हो गए.

उन्होंने हिमंत बिस्वा सरमा, मुकुल रॉय, शुभेंदु अधिकारी, बीएस येदियुरप्पा और नारायण राणे जैसे नेताओं को राजनीतिक सफेदी के कुछ उदाहरणों के रूप में नामित किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, '2004 और 2014 के बीच ईडी ने 112 छापे मारे. पिछले आठ सालों में ऐसे छापे की संख्या 3010 हो गई. मोदी सरकार के दौरान ईडी के 95 प्रतिशत छापे विपक्षी नेताओं के खिलाफ थे.

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जब भी भाजपा डरती है, वह ईडी भेजती है.' विवरण प्रदान करते हुए, खेड़ा ने कहा, '2014 से ईडी के छापे की पार्टी-वार सूची है. इससे पता चलता है किस पार्टी नेता के खिलाफ कितने बार छापे पड़े. विवरण इस प्रकार है- कांग्रेस 24, टीएमसी 19, एनसीपी 11, शिवसेना 8, डीएमके 6, बसपा 5, एसपी 5, टीडीपी 5, इनेलो 3, वाईएसआरसीपी 3, सीपीआई -एम 2, एनसी- 2, पीडीपी- 2, इंडस्ट्रीज- 2, एआईएडीएमके -1, एमएनएस -1 और एसबीएसपी -1 के यहां छापे पड़े. खेड़ा के अनुसार, ईडी ने पहले नेशनल हेराल्ड अखबार पर छापा मारा था जब सोनिया गांधी से तीन दिनों तक पूछताछ की गई थी, राहुल गांधी से 50 घंटे से अधिक और खड़गे से 7 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी.

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