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शी जिनपिंग का हटना भारत के लिए और खतरनाक: डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी - Subramanian Swamy

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) को नजरबंद करने जैसी खबरें सोशल मीडिया के जरिए सामने आई हैं. मशहूर राजनेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने भी इसे लेकर एक ट्वीट किया है. पड़ोसी मुल्क चीन, जिससे दो साल से ज्यादा समय से भारत की तनातनी चल रही है, ऐसे में अगर जिनपिंग राष्ट्रपति पद से हटते हैं तो संबंधों पर क्या असर होगा, इसे लेकर ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ राकेश त्रिपाठी ने सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत की. जानिए सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा.

Dr Swamy
सुब्रमण्यम स्वामी
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Published : Sep 24, 2022, 9:50 PM IST

नई दिल्ली : मशहूर राजनेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह जो भी नया नेता आएगा, उससे भारत के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी. डॉ. स्वामी ने ये प्रतिक्रिया अपने उस ट्वीट पर दी जिसमें आज उन्होंने लिखा था- 'इस अफवाह की जांच होनी चाहिए कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नज़रबंद किए गए हैं ? माना जा रहा है कि जब शी हाल ही में SCO की बैठक के दौरान समरकंद में थे, तभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने उन्हें सेना प्रभारी के पद से हटा दिया था. फिर हाउस अरेस्ट हुआ.'

सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत

स्वामी ने कहा कि 'माओत्से तुंग के बाद बहुत कम राष्ट्रपति ऐसे हुए जिन्हें रक्षा का विभाग भी सौंपा गया. शी जिनपिंग उनमें से एक थे- वे राजनैतिक रूप से आगे बढ़ना चाहते थे. चीनी सेना सीधे आगे बढ़कर भारत के इलाकों पर कब्ज़ा करना चाहती है, क्योंकि उसको लगता है कि मोदी सरकार बहुत नरम है इसलिए रिएक्ट नहीं करेगी. शी का सोचना था हमें तेज़ी से नहीं, धीरे-धीरे भारत के ये इलाके लेने चाहिए. शी जिनपिंग जिन भी कारणों से हटे, तो उनकी जगह जो भी आएगा, वो अगर पीएलए का लीडर हुआ तो वही करेगा जो सेना चाहती है. इसलिए भारत को उसकी तैयारी करनी होगी.'

ये पूछने पर कि ये बदलाव भारत के लिए कितना खतरनाक है, डॉ. स्वामी ने कहा कि खतरा शी जिनपिंग के होते हुए भी था. फर्क बस इतना है कि पहले वो दो थप्पड़ मार देता था और ज़मीन ले लेता था, अब चार थप्पड़ मारेगा. उन्होंने कहा कि 'शी जिनपिंग ने मोदी के साथ 18 बार बातचीत की, धोखा दिया और मोदी उसे पहचान भी नहीं सके. शी के रहने से हमारा नाश थोड़ा धीमे होगा, नहीं रहने पर अगर उनकी जगह किसी ऐसे व्यक्ति को बिठाया गया जो नेता न होकर पीएलए यानी चीनी सेना का ही लीडर हो, तो फिर हमें युद्ध के लिए तैयारी करनी चाहिए.'

डॉ. स्वामी ने कहा- 'शी जिनपिंग राष्ट्रपति अभी भी रह सकते हैं लेकिन सेना की कमान उनके हाथ नहीं होगी. इसलिए पीएलए अगर अब आगे बढ़ती है, तो भारत को युद्ध के लिए आगे बढ़ना चाहिए. उनको पीटना चाहिए. हमें मदद, वियतनाम, जापान, इंडोनेशिया, ताइवान, कोरिया, फिलीपींस से मिलेगी और सबको प्रोत्साहित करने वाले अमेरिका से तो मिलेगी ही. ये है कूटनीति.'

पढ़ें- चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाउस अरेस्ट?, मानवाधिकार कार्यकर्ता के बाद सुब्रमण्यम स्वामी का सामने आया ट्वीट

नई दिल्ली : मशहूर राजनेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह जो भी नया नेता आएगा, उससे भारत के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी. डॉ. स्वामी ने ये प्रतिक्रिया अपने उस ट्वीट पर दी जिसमें आज उन्होंने लिखा था- 'इस अफवाह की जांच होनी चाहिए कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नज़रबंद किए गए हैं ? माना जा रहा है कि जब शी हाल ही में SCO की बैठक के दौरान समरकंद में थे, तभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने उन्हें सेना प्रभारी के पद से हटा दिया था. फिर हाउस अरेस्ट हुआ.'

सुब्रमण्यम स्वामी से खास बातचीत

स्वामी ने कहा कि 'माओत्से तुंग के बाद बहुत कम राष्ट्रपति ऐसे हुए जिन्हें रक्षा का विभाग भी सौंपा गया. शी जिनपिंग उनमें से एक थे- वे राजनैतिक रूप से आगे बढ़ना चाहते थे. चीनी सेना सीधे आगे बढ़कर भारत के इलाकों पर कब्ज़ा करना चाहती है, क्योंकि उसको लगता है कि मोदी सरकार बहुत नरम है इसलिए रिएक्ट नहीं करेगी. शी का सोचना था हमें तेज़ी से नहीं, धीरे-धीरे भारत के ये इलाके लेने चाहिए. शी जिनपिंग जिन भी कारणों से हटे, तो उनकी जगह जो भी आएगा, वो अगर पीएलए का लीडर हुआ तो वही करेगा जो सेना चाहती है. इसलिए भारत को उसकी तैयारी करनी होगी.'

ये पूछने पर कि ये बदलाव भारत के लिए कितना खतरनाक है, डॉ. स्वामी ने कहा कि खतरा शी जिनपिंग के होते हुए भी था. फर्क बस इतना है कि पहले वो दो थप्पड़ मार देता था और ज़मीन ले लेता था, अब चार थप्पड़ मारेगा. उन्होंने कहा कि 'शी जिनपिंग ने मोदी के साथ 18 बार बातचीत की, धोखा दिया और मोदी उसे पहचान भी नहीं सके. शी के रहने से हमारा नाश थोड़ा धीमे होगा, नहीं रहने पर अगर उनकी जगह किसी ऐसे व्यक्ति को बिठाया गया जो नेता न होकर पीएलए यानी चीनी सेना का ही लीडर हो, तो फिर हमें युद्ध के लिए तैयारी करनी चाहिए.'

डॉ. स्वामी ने कहा- 'शी जिनपिंग राष्ट्रपति अभी भी रह सकते हैं लेकिन सेना की कमान उनके हाथ नहीं होगी. इसलिए पीएलए अगर अब आगे बढ़ती है, तो भारत को युद्ध के लिए आगे बढ़ना चाहिए. उनको पीटना चाहिए. हमें मदद, वियतनाम, जापान, इंडोनेशिया, ताइवान, कोरिया, फिलीपींस से मिलेगी और सबको प्रोत्साहित करने वाले अमेरिका से तो मिलेगी ही. ये है कूटनीति.'

पढ़ें- चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाउस अरेस्ट?, मानवाधिकार कार्यकर्ता के बाद सुब्रमण्यम स्वामी का सामने आया ट्वीट

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