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Chhattisgarh Assembly Elections 2023: पुराने फार्मूले पर टिकट बांटेगी कांग्रेस, 20 से ज्यादा विधायकों का कटेगा पत्ता !

Chhattisgarh Assembly Elections 2023 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकेत दिए हैं कि युवाओं को राजनीति में तवज्जो दी जानी चाहिए. विधानसभा चुनाव 2018 में युवाओं को तवज्जो देते हुए टिकट बांटे गए थे. इसके लिए खराब परफार्मेंस वाले करीब 8 विधायकों का पत्ता भी काटा गया. इस बार भी इसी फार्मूले के तहत कांग्रेस करीब 20 विधायकों पत्ता गोल कर सकती है.

Chhattisgarh Assembly Elections 2023
पुराने फार्मूले पर टिकट बांटेगी कांग्रेस
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Published : Jul 26, 2023, 10:35 PM IST

Updated : Aug 1, 2023, 7:39 PM IST

पुराने फार्मूले पर टिकट बांटेगी कांग्रेस

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को चंद दिन ही शेष हैं. सभी राजनीतिक दल जिताऊ उम्मीदवारों का बायोडाटा खंगाल रही हैं. कांग्रेस में यह कवायद तेज है. पीसीसी चीफ दीपक बैज की अगुआई में 22 सदस्यीय चुनान समिति भी गठित हो गई. पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह रखने वाले जिला अध्यक्षों से कांग्रेस ने इस्तीफा लिया था और करीब 8 विधायकों को पत्ते काटे थे. टिकट देते समय युवाओं और महिलाओं पर फोकस था. इस बार भी कांग्रेस यदि यही फार्मूला अपनाती है तो 71 में करीब 20 विधायकों का टिकट कटना तय है. क्या वाकई इससे कांग्रेस का फायदा होगा या झेलना पड़ सकता है नुकसान, आईए जानने की कोशिश करते हैं.

परफॉर्मेंस के आधार पर ही विधायकों को मिलेगा टिकट: जिताऊ उम्मीदवार को जांचने परखने के लिए चुनाव के पहले राजनीतिक दल चार पांच सर्वे कराते हैं. लास्ट सर्वे के बाद रिपोर्ट दिल्ली भेज दी जाती है. दिल्ली में बैठे नेता रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद उसी से आधार टिकट बांटते हैं. कांग्रेस ने भी इसके लिए सर्वे कराए हैं. सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में कराए गए सर्वे में 71 में से लगभग 20 विधायक ऐसे हैं, जिनकी परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं है, जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं. कांग्रेस इनके टिकट काट सकती है.

वर्तमान में कराए गए सर्वे के दौरान 71 में से लगभग 20 विधायक ऐसे हैं, जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. इसमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं, जिनके टिकट काटे जा सकते हैं. -अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार

इन पर जिताऊ उम्मीदवार खोजने की जिम्मेदारी: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस जी जान से जुट गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 22 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति की घोषणा की है, जिस पर उम्मीदवार फाइनल करने का जिम्मा है. पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को इसका अध्यक्ष बनाते हुए पूरे चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है. उनके सहयोग के लिए चुनाव समिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डाॅ चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित मंत्री रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, अनिला भेड़िया, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, रूद्र गुरु और मोहन मरकाम को रखा गया है. तीनों राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय, राजेश तिवारी, पारस चोपड़ा और वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ला सहित महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष को भी समिति में शामिल हैं.

रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ रहे दावेदार: अब बात करते उन उम्मीदवारों की जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में भी कई ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन दिया गया था. इसके अलावा भी कई ऐसे नेता हैं, जो अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. उन्हें भी उम्मीद है कि पार्टी इस बार चुनाव में उतरने का मौका देगी. इसके लिए यह दावेदार अभी से ही मैदान में उतर गए हैं. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगाने में जुट गए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के सामने टिकट वितरण एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

यह चुनाव के फार्मूला तय होने के बाद निर्धारित किया जाएगा, जिसके तहत कई बातों को देखा जाता है. कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात की जाती है. विधायकों के परफॉर्मेंस में कई मुख्य बिंदु शामिल होते हैं. उसके आधार पर ही पार्टी टिकट वितरण करती है. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

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सफल रहा है कांग्रेस का 50-50 वाला फार्मूला: पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस ने टिकट वितरण के लिए फार्मूला तैयार किया था जिसके तहत उन्होंने 50 परसेंट सीटें युवाओं को और 50 परसेंट सीटें 50 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए निर्धारित की थी. इन सीटों पर महिलाओं को भी भागीदारी दी. वहीं जो जिला अध्यक्ष विधानसभा की टिकट चाहते थे, उन जिलाध्यक्षों से पार्टी ने इस्तीफा लिया. धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक इस फार्मूले के तहत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाई. यही वजह है कि कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी कांग्रेस इसी फार्मूले पर काम करेगी.


हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद तय होगा फार्मूला: नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज पहले ही साफ कर चुके हैं कि टिकट वितरण फार्मूला पार्टी हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद तय होगा. चुनाव समिति बनने और सबके मार्गदर्शन में फार्मूले के लिए तैयारी की भी बात दीपक बैज ने कही. उन्होंने टिकट की चाह रखने वाले जिलाध्यक्षों से इस्तीफा लिए जाने की बात से इंकार किया है.

वर्तमान में ऐसा कोई निर्धारण नहीं किया गया है. हालांकि जब टिकट वितरण का फार्मूला बनेगा, उस दौरान सभी बातें तय होंगी. -दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

टिकट कटने पर विधायकों और नेताओं को साधना चुनौती: कांग्रेस के लिए टिकट वितरण इतना भी आसान नहीं है. 71 विधायकों में से तकरीबन 20 पर टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है. टिकट बंटवारे के बाद इन्हें जोड़े रखना भी कांग्रेस के लिए बड़ा चुनौती हैं. क्योंकि इनमें से कुछ विधायक निर्दलीय ताल ठोंककर और कुछ बीजेपी में शामिल होकर भी कांग्रेस का सिरदर्द बढ़ा सकते हैं.

वर्तमान में बनाई गई चुनाव समिति आगामी दिनों में कांग्रेस हाईकमान सहित लोकल नेताओं से मिलकर टिकट वितरण के फार्मूले पर विचार करेगी. इसके अलावा भी दो-तीन कमेटियां और बननी है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है. -रामअवतार तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार

विधानसभा चुनाव 2023 जीतने के लिए कांग्रेस हर वर्ग, हर क्षेत्र पर फोकस करते हुए चल रही है. टिकट वितरण को लेकर भी कुछ इसी तरह की रणनीति कांग्रेस की ओर से अपनाए जाने की उम्मीद है.

पुराने फार्मूले पर टिकट बांटेगी कांग्रेस

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को चंद दिन ही शेष हैं. सभी राजनीतिक दल जिताऊ उम्मीदवारों का बायोडाटा खंगाल रही हैं. कांग्रेस में यह कवायद तेज है. पीसीसी चीफ दीपक बैज की अगुआई में 22 सदस्यीय चुनान समिति भी गठित हो गई. पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह रखने वाले जिला अध्यक्षों से कांग्रेस ने इस्तीफा लिया था और करीब 8 विधायकों को पत्ते काटे थे. टिकट देते समय युवाओं और महिलाओं पर फोकस था. इस बार भी कांग्रेस यदि यही फार्मूला अपनाती है तो 71 में करीब 20 विधायकों का टिकट कटना तय है. क्या वाकई इससे कांग्रेस का फायदा होगा या झेलना पड़ सकता है नुकसान, आईए जानने की कोशिश करते हैं.

परफॉर्मेंस के आधार पर ही विधायकों को मिलेगा टिकट: जिताऊ उम्मीदवार को जांचने परखने के लिए चुनाव के पहले राजनीतिक दल चार पांच सर्वे कराते हैं. लास्ट सर्वे के बाद रिपोर्ट दिल्ली भेज दी जाती है. दिल्ली में बैठे नेता रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद उसी से आधार टिकट बांटते हैं. कांग्रेस ने भी इसके लिए सर्वे कराए हैं. सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में कराए गए सर्वे में 71 में से लगभग 20 विधायक ऐसे हैं, जिनकी परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं है, जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं. कांग्रेस इनके टिकट काट सकती है.

वर्तमान में कराए गए सर्वे के दौरान 71 में से लगभग 20 विधायक ऐसे हैं, जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. इसमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं, जिनके टिकट काटे जा सकते हैं. -अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार

इन पर जिताऊ उम्मीदवार खोजने की जिम्मेदारी: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस जी जान से जुट गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 22 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति की घोषणा की है, जिस पर उम्मीदवार फाइनल करने का जिम्मा है. पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को इसका अध्यक्ष बनाते हुए पूरे चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है. उनके सहयोग के लिए चुनाव समिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डाॅ चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित मंत्री रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, अनिला भेड़िया, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, रूद्र गुरु और मोहन मरकाम को रखा गया है. तीनों राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय, राजेश तिवारी, पारस चोपड़ा और वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ला सहित महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष को भी समिति में शामिल हैं.

रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ रहे दावेदार: अब बात करते उन उम्मीदवारों की जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में भी कई ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन दिया गया था. इसके अलावा भी कई ऐसे नेता हैं, जो अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. उन्हें भी उम्मीद है कि पार्टी इस बार चुनाव में उतरने का मौका देगी. इसके लिए यह दावेदार अभी से ही मैदान में उतर गए हैं. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगाने में जुट गए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के सामने टिकट वितरण एक बड़ी चुनौती साबित होगी.

यह चुनाव के फार्मूला तय होने के बाद निर्धारित किया जाएगा, जिसके तहत कई बातों को देखा जाता है. कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात की जाती है. विधायकों के परफॉर्मेंस में कई मुख्य बिंदु शामिल होते हैं. उसके आधार पर ही पार्टी टिकट वितरण करती है. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा की नाकामी छुपाने केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का नाम ले रही: सीएम भूपेश बघेल
TS Singh Deo On Bjp : छत्तीसगढ़ में बीजेपी की स्थिति है नाजुक, इसलिए बीजेपी के बड़े नेता कर रहे राज्य का दौरा- टीएस सिंहदेव
Manipur Women Video: सिंहदेव ने कहा-प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं बोला, कवासी लखमा ने पीएम का मांगा इस्तीफ

सफल रहा है कांग्रेस का 50-50 वाला फार्मूला: पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस ने टिकट वितरण के लिए फार्मूला तैयार किया था जिसके तहत उन्होंने 50 परसेंट सीटें युवाओं को और 50 परसेंट सीटें 50 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए निर्धारित की थी. इन सीटों पर महिलाओं को भी भागीदारी दी. वहीं जो जिला अध्यक्ष विधानसभा की टिकट चाहते थे, उन जिलाध्यक्षों से पार्टी ने इस्तीफा लिया. धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक इस फार्मूले के तहत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाई. यही वजह है कि कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी कांग्रेस इसी फार्मूले पर काम करेगी.


हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद तय होगा फार्मूला: नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज पहले ही साफ कर चुके हैं कि टिकट वितरण फार्मूला पार्टी हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद तय होगा. चुनाव समिति बनने और सबके मार्गदर्शन में फार्मूले के लिए तैयारी की भी बात दीपक बैज ने कही. उन्होंने टिकट की चाह रखने वाले जिलाध्यक्षों से इस्तीफा लिए जाने की बात से इंकार किया है.

वर्तमान में ऐसा कोई निर्धारण नहीं किया गया है. हालांकि जब टिकट वितरण का फार्मूला बनेगा, उस दौरान सभी बातें तय होंगी. -दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

टिकट कटने पर विधायकों और नेताओं को साधना चुनौती: कांग्रेस के लिए टिकट वितरण इतना भी आसान नहीं है. 71 विधायकों में से तकरीबन 20 पर टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है. टिकट बंटवारे के बाद इन्हें जोड़े रखना भी कांग्रेस के लिए बड़ा चुनौती हैं. क्योंकि इनमें से कुछ विधायक निर्दलीय ताल ठोंककर और कुछ बीजेपी में शामिल होकर भी कांग्रेस का सिरदर्द बढ़ा सकते हैं.

वर्तमान में बनाई गई चुनाव समिति आगामी दिनों में कांग्रेस हाईकमान सहित लोकल नेताओं से मिलकर टिकट वितरण के फार्मूले पर विचार करेगी. इसके अलावा भी दो-तीन कमेटियां और बननी है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है. -रामअवतार तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार

विधानसभा चुनाव 2023 जीतने के लिए कांग्रेस हर वर्ग, हर क्षेत्र पर फोकस करते हुए चल रही है. टिकट वितरण को लेकर भी कुछ इसी तरह की रणनीति कांग्रेस की ओर से अपनाए जाने की उम्मीद है.

Last Updated : Aug 1, 2023, 7:39 PM IST
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