रायपुर: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में तेजी से बढ़ रही सुसाइड की प्रवृत्ति देश के लिए भयावह स्थिति है. राजस्थान का कोटा इसका ताजा उदाहरण है. छ्त्तीसगढ़ पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्टूडेंट्स के सुसाइड करने पर चिंता जताई है. रायपुर में गुरुवार को प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वार्षिक कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों को जीवन में कभी निराश न होने की नसीहत दी. साथ ही धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ रुचि के क्षेत्र में प्रयास करने का संदेश दिया. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वार्षिक परियोजना सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का भी शुभारंभ किया.
'छात्रों का सुसाइड गंभीर विषय, सकारात्मक रूप में लें हार जीत' (President Murmu): राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, "हमारा देश लगातार नई ऊंचाई छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है. विश्व स्तर पर खेल में नए कीर्तिमान बन रहे हैं, लेकिन छात्रों का सुसाइड करना गंभीर विषय है. कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों, अपने भविष्य का अंत कर लिया. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए. हार जीत तो होती रहती है."
छात्रों को धैर्य के साथ आगे बढ़ने का दिया संदेश: राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों को धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में प्रयास करने का संदेश दिया. साथ ही जीवन नें निराश न होने की नसीहत दी. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, "बच्चों पर कांपिटिशन का प्रेशर है, लेकिन जितना जरूरी उनका करियर है, उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें. हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है. अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं."
'ऐसे लोगों के साथ रहें, जो दिखाएं सही रास्ता': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, "हम केवल एक शरीर नहीं हैं, हम एक आत्मा हैं. परमपिता परमात्मा का अभिन्न अंग हैं. धैर्य सुख का रास्ता है. यह कठिन है, लेकिन अभ्यास से यह रास्ता भी सहज हो जाता है. मैं सभी से कहना चाहती हूं कि अपनी रुचि के साथ सकारात्मक कार्य करते रहिए. ऐसे लोगों के साथ रहिए जो आपको सही रास्ता दिखा सकें."
'बच्चों पर है प्रेशर तो पाॅजिटिव थिंकिंग के साथ करें दूर': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, "यह युग साइंटिफिक युग है. अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं. थोड़ा धैर्य कम होता है. मेरी इस भावी पीढ़ी के परिवार के लोगों, दोस्तों, अध्यापकों और समाज से अपील है कि वे बच्चों की इस मानसिकता को समझकर इनकी सहायता करें. मैं सभी जिम्मेदार लोगों से भी अपील करती हूं कि अगर बच्चों पर पढाई का, काॅपिटीशन का प्रेशर है तो पाॅजिटिव थिंकिंग के जरिए उसे दूर करके उनको आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में मदद करें. जितना जरूरी उनका करिअर है, उतना ही जरूरी यह भी है कि वे जीवन की चुनौतियों का डट कर सामना करें."
राजस्थान के कोटा में अगस्त 2023 में ही करीब 6 बच्चों ने सुसाइड किया. देश के दूसरे हिस्सों में भी कॅरिअर प्रेशर और कामयाब न होने से निराश छात्र आत्मघाती कदम उठा रहे हैं. कभी शिक्षक रह चुकीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अक्सर अपने दौरों पर छात्रों के इस गंभीर मुद्दे को उठाती रहती हैं. छात्रों को सकारात्मक सोच के साथ रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती रहती हैं.