नई दिल्ली/गाजियाबाद: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, जिसे लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. भक्तों में अयोध्या जाने की होड़ मची है. वहीं इस खास दिन 22 जनवरी को लेकर गर्भवती महिलाओं में भी उत्साह है. जिन महिलाओं की डिलीवरी का समय 22 जनवरी के आसपास है वह चाहती हैं कि इसी दिन उनके घर नया मेहमान आए और वो इसके लिए पहले से ही डॉक्टरों से अनुरोध कर रही हैं.
गाजियाबाद के एक महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुमाता तालिब के मुताबिक, "अस्पताल में कई ऐसी महिलाओं का इलाज चल रहा है, जिनकी एक्सपेक्टेड डेट ऑफ डिलीवरी 22 जनवरी के आसपास है. ऐसी गर्भवती महिलाएं अनुरोध कर रही हैं कि 22 जनवरी को उनकी डिलीवरी की जाए. ताकि उनका जन्म प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन हो सके. हालांकि महिलाओं को इस तरह का किसी प्रकार का आश्वासन अस्पताल नहीं दे रहा है. गर्भवती महिला को जब लेबर पेन होता है तभी नॉर्मल डिलीवरी की जाती है."
वहीं, डॉ सुमाता तालिब का कहना है कि अस्पताल में कई गर्भवती महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनकी डिलीवरी 22 जनवरी को संभव हो सकती है. अमूमन अस्पताल में सामान्य दिनों में 5 से 7 सिजेरियन ऑपरेशन होते हैं.
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विनीता का कहना है, "मैं चाहती हूं कि मेरी डिलीवरी 22 जनवरी को हो. अगर डिलीवरी 22 जनवरी को होती है और बेटा होता है तो उसका नाम राम रखूंगी और बेटी होती है तो सीता नाम रखूंगी. सुबह शाम पूजा करती हूं और सबसे पहले प्रार्थना मेरी यही होती है कि मेरी डिलीवरी 22 जनवरी को ही हो."
कविता का कहना है, "22 जनवरी को हमारे लिए बेहद पवित्र दिन है. बीते सैकड़ों सालों में इससे ज्यादा पवित्र दिन कोई और नहीं हो सकता है. इस दिन का हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मैंने डॉक्टर से भी बात की है कि संभव हो तो मेरी डिलीवरी 22 जनवरी को की जाए, क्योंकि मेरी एक्सपेक्टेड डिलीवरी डेट भी आसपास ही है."