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मानसून के लिए अभी करना होगा और इंतजार, केरल में प्री-मॉनसून बारिश को लेकर येलो अलर्ट

पूरा देश इस समय मानसून का इंतजार कर रहा है. हर साल की तरह इस बार भी मानसून सबसे पहले केरल में दस्तक देगा. हालांकि, इस बार मानसून अपने अनुमानित समय से लेट हो चुका है. मौसम विभाग ने पहले एक जून से 4 जून के बीच केरल के तटों पर पहुंचने की उम्मीद जताई थी. अब मौसम विभाग का कहना है कि यह कल या परसों यानी बुधवार या गुरुवार को दस्तक दे सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 6, 2023, 7:39 AM IST

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा लक्षद्वीप के एक द्वीप मिनिकॉय से होकर गुजरती है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी बताती है कि मानसून केरल में 7 या 8 जून के आसपास आ सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिणी अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं में वृद्धि के साथ परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं. साथ ही पश्चिमी हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है. दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बादल का द्रव्यमान भी बढ़ रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि अगले तीन-चार दिनों में मॉनसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में और सुधार होगा.

करेल पहुंचने के बाद, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ेगा
कोलकाता की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वहां के मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि भारतीय मुख्य भूमि में, केरल में मानसून का आगमन इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ेगा. मानसून के उत्तर पूर्व में पहुंचने के बाद ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में मानसून के आगमन की संभावित तिथि स्पष्ट हो सकेगी. मीडिया रिपोर्ट में मौसम विभाग के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पूर्वोत्तर से, मानसून को कोलकाता पहुंचने में लगभग चार से पांच दिन लगते हैं.

केरल तट की ओर बढ़ने की उम्मीद
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण मानसून के केरल तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है. यह चक्रवात अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव के क्षेत्र विकसित होने के कारण बन रहा है. इस बीच, 5 जून के आसपास दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ जिसकी वजह से से मंगलवार को इस क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने की सुविधा हुई. इस प्रणाली के प्रभाव में, शुक्रवार (9 जून) तक केरल में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ हल्की या मध्यम बिखराव से काफी व्यापक वर्षा होने की संभावना है. इसको देखते हुए मौसम विभाग ने केरल के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. जिसका अर्थ है कि मौसमी परिवर्तनों और घटनाओं को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

लोगों से सावधानी बरतने की अपील
केरल के तट पर तूफानी मौसम रहने की संभावना के साथ, मछुआरों को भी अगले 4-5 दिनों के लिए समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. विशेषज्ञ लोगों से आग्रह करते हैं कि वे घर के अंदर रहें, खिड़कियां बंद रखें, और बारिश और आंधी के दौरान यात्रा करने और पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें. इसके साथ ही मौसम विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सावधानी से इस्तेमाल करने, बारिश या आंधी के समय उनको अनप्लग करने और इस दौरान बिजली का संचालन करने वाली वस्तुओं से दूर रहने की भी सलाह दी है.

औसत से कम हुई प्री-मानसून वर्षा
बता दें कि मई के अंत में अच्छी बारिश होने के बावजूद, केरल में प्री-मानसून बारिश महीने के औसत के आस-पास भी नहीं रही. 1-31 मई के बीच, राज्य में केवल 128.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो इस अवधि के लिए सामान्य से 41% कम है.

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा लक्षद्वीप के एक द्वीप मिनिकॉय से होकर गुजरती है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी बताती है कि मानसून केरल में 7 या 8 जून के आसपास आ सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिणी अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं में वृद्धि के साथ परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं. साथ ही पश्चिमी हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है. दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बादल का द्रव्यमान भी बढ़ रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि अगले तीन-चार दिनों में मॉनसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में और सुधार होगा.

करेल पहुंचने के बाद, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ेगा
कोलकाता की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वहां के मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि भारतीय मुख्य भूमि में, केरल में मानसून का आगमन इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ेगा. मानसून के उत्तर पूर्व में पहुंचने के बाद ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में मानसून के आगमन की संभावित तिथि स्पष्ट हो सकेगी. मीडिया रिपोर्ट में मौसम विभाग के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पूर्वोत्तर से, मानसून को कोलकाता पहुंचने में लगभग चार से पांच दिन लगते हैं.

केरल तट की ओर बढ़ने की उम्मीद
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण मानसून के केरल तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है. यह चक्रवात अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव के क्षेत्र विकसित होने के कारण बन रहा है. इस बीच, 5 जून के आसपास दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ जिसकी वजह से से मंगलवार को इस क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने की सुविधा हुई. इस प्रणाली के प्रभाव में, शुक्रवार (9 जून) तक केरल में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ हल्की या मध्यम बिखराव से काफी व्यापक वर्षा होने की संभावना है. इसको देखते हुए मौसम विभाग ने केरल के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. जिसका अर्थ है कि मौसमी परिवर्तनों और घटनाओं को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

लोगों से सावधानी बरतने की अपील
केरल के तट पर तूफानी मौसम रहने की संभावना के साथ, मछुआरों को भी अगले 4-5 दिनों के लिए समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. विशेषज्ञ लोगों से आग्रह करते हैं कि वे घर के अंदर रहें, खिड़कियां बंद रखें, और बारिश और आंधी के दौरान यात्रा करने और पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें. इसके साथ ही मौसम विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सावधानी से इस्तेमाल करने, बारिश या आंधी के समय उनको अनप्लग करने और इस दौरान बिजली का संचालन करने वाली वस्तुओं से दूर रहने की भी सलाह दी है.

औसत से कम हुई प्री-मानसून वर्षा
बता दें कि मई के अंत में अच्छी बारिश होने के बावजूद, केरल में प्री-मानसून बारिश महीने के औसत के आस-पास भी नहीं रही. 1-31 मई के बीच, राज्य में केवल 128.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो इस अवधि के लिए सामान्य से 41% कम है.

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